Gold outlook: 2025 में गोल्ड ने दिया 60% का ऐतिहासिक रिटर्न, क्या 2026 में जारी रहेगी चमक? जानिए एक्सपर्ट से

Gold outlook: सोना 2025 में 60% चढ़कर ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गया। सेंट्रल बैंक खरीदारी, भू-राजनीतिक तनाव और फेड कट्स ने रैली को ताकत दी। एक्सिस बैंक के मुताबिक, 2026 में भी तेजी मुमकिन है, लेकिन कुछ जोखिम भी हैं। जानिए डिटेल।

अपडेटेड Nov 26, 2025 पर 3:18 PM
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एक्सिस की रिपोर्ट के मुताबिक गोल्ड की तेज रैली कुछ हालात में थम सकती है।

Gold outlook: सोने के लिए 2025 ऐतिहासिक साल बन गया है। गोल्ड की कीमतें अब तक 60% से ज्यादा बढ़ चुकी हैं, जो 1979 के बाद सबसे बड़ी सालाना बढ़त है। Axis Securities की रिपोर्ट के मुताबिक, इस तेज उछाल के पीछे सेंट्रल बैंकों की आक्रामक खरीद, भू-राजनीतिक तनाव, और अमेरिकी नीतियों से पैदा हुई अनिश्चितता ने सबसे बड़ा रोल निभाया है। अब सवाल यह है कि क्या यह तेजी 2026 में भी बनी रहेगी।

2025 में सोने को मिलते रहे बड़े सपोर्ट

एक्सिस सिक्योरिटीज की रिपोर्ट बताती है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी और US फेड पर लगातार तेजी से रेट कट करने का दबाव बाजार में अनिश्चितता बढ़ाता रहा। फेड पहले ही सितंबर और अक्टूबर में दो रेट कट कर चुका है। अब दिसंबर में तीसरे कट की संभावना बन रही है। इसकी वजह से रियल यील्ड नीचे रही और निवेशकों की गोल्ड में दिलचस्पी बढ़ी।


सेंट्रल बैंक की सोने की खरीद भी कीमतों में तेजी की बड़ी वजह रही। पिछले साल खरीद 1,180 टन रही थी। 2025 में भी लगभग 1,000 टन खरीद का अनुमान है। गोल्ड ETF इनफ्लो भी मजबूत रहा। वहीं, डॉलर पर निर्भरता कम करने का डी-डॉलराइजेशन ट्रेंड देशों को गोल्ड रिजर्व बढ़ाने की ओर धकेल रहा है।

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2026 में सोना और चढ़ सकता है

Axis Securities के मुताबिक, कई पॉजिटिव फैक्टर 2026 में भी सोने को ऊपर ले जा सकते हैं:

  • अमेरिका में और रेट कट की संभावना।
  • सेंट्रल बैंकों की ओर से लगातार खरीद।
  • गोल्ड ETF में भारी इनफ्लो।
  • भू-राजनीतिक जोखिम और ट्रेड टैरिफ की अनिश्चितता।
  • उभरते बाजारों की डी-डॉलराइजेशन पॉलिसी।

रिपोर्ट कहती है कि MCX गोल्ड ₹1.01-₹1.06 लाख प्रति 10 ग्राम के बड़े रेंज को तोड़कर लगभग ₹1.32 लाख तक पहुंच चुका है। जब तक कीमत ₹1.02 लाख से ऊपर है, सोने का बड़ा अपट्रेंड मजबूत बना रहेगा।

ये जोखिम को रोक सकते हैं तेजी

एक्सिस की रिपोर्ट के मुताबिक गोल्ड की तेज रैली कुछ हालात में थम सकती है। अगर अमेरिका में महंगाई बढ़ने से फेड दोबारा सख्त पॉलिसी अपनाता है, तो गोल्ड पर दबाव आएगा। डॉलर मजबूत हुआ तो भी सोने की मांग कम होगी।

साथ ही, अगर सेंट्रल बैंक गोल्ड खरीदना धीमा कर दें, दुनिया में भू-राजनीतिक तनाव घट जाए, या शेयर बाजार और क्रिप्टो फिर से जोर पकड़ लें, तो निवेशक सोने से पैसा निकालकर जोखिम वाले एसेट्स में शिफ्ट हो सकते हैं। इससे गोल्ड की रैली कमजोर पड़ सकती है।

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साथ ही, भारत और चीन जैसे बड़े बाजारों में सोने की फिजिकल मांग भी कमजोर पड़ सकती है। वजह साफ है कि दाम पहले से ही बहुत ऊंचे हैं। आम लोगों की आय उसी रफ्तार से नहीं बढ़ रही, और इम्पोर्ट कर्फ्यू जैसे कदम मांग पर सीधा असर डाल सकते हैं। ऐसे हालात में ज्वेलरी खरीद घटती है, जिससे गोल्ड की रैली भी धीमी पड़ सकती है।

2026 के लिए टेक्निकल व्यू कैसा है?

MCX के मंथली चार्ट दिखाते हैं कि सोने का लंबी अवधि का ट्रेंड मजबूत बना हुआ है। नीचे की तरफ ₹1.02 लाख और ₹95,000 प्रति 10 ग्राम अहम सपोर्ट हैं यानी कीमत इन लेवल्स के ऊपर रहे तो अपट्रेंड सुरक्षित माना जाता है।

रिपोर्ट कहती है कि अगर सोना बीच में गिर भी जाए, तो हर गिरावट पर खरीदारी वापस लौट सकती है। इसलिए डिप्स सिर्फ अस्थायी हो सकते हैं। अगर यह तेजी बनी रही, तो 2026 के अंत तक गोल्ड ₹1.40–₹1.45 लाख प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है।

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गोल्ड के लिए आगे का आउटलुक

Axis Securities का मानना है कि सोना 2026 में भी अच्छी शुरुआत कर सकता है, क्योंकि अभी दुनिया की आर्थिक और राजनीतिक स्थिति अनिश्चित है। ऐसे माहौल में लोग सुरक्षा के लिए गोल्ड खरीदते हैं। इसके साथ ही, कई देशों के सेंट्रल बैंक लगातार सोना खरीद रहे हैं और बड़ी अर्थव्यवस्थाएं नरम मौद्रिक नीति (जैसे दरें कम रखना) अपना रही हैं। ये सब गोल्ड की कीमत को ऊपर ले जाने वाले फैक्टर हैं।

लेकिन रिपोर्ट आगाह भी करती है कि यह तेजी हमेशा जारी रहे, यह जरूरी नहीं। अगर भविष्य में बॉन्ड यील्ड बढ़ने लगीं, दुनिया में भू-राजनीतिक तनाव कम हुआ या फिर शेयर बाजार और क्रिप्टो जैसे रिस्की एसेट्स में जोरदार रैली लौट आई, तो निवेशक गोल्ड की जगह दूसरे एसेट्स चुन सकते हैं। ऐसे हालात सोने की कीमतों की रफ्तार को धीमा कर सकते हैं।

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