Gold Price: क्या सोने में निवेश का बेस्ट टाइम आ गया? या इंतजार करना होगा सही

Gold Price: सोने के भाव में लगातार गिरावट आ रही है। 24 कैरेट सोने 12,158 रुपये प्रति ग्राम और 22 कैरेट सोना 11,145 रुपये प्रति ग्राम पर आ गया है। ऐसे में निवेशकों और ज्वैलरी खरीदने का प्लान कर रहे हैं, तो उन्हें निवेश करना चाहिए या इंतजार करना चाहिए

अपडेटेड Oct 29, 2025 पर 4:08 PM
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Gold Price: सोने के भाव में लगातार गिरावट आ रही है।

Gold Price: सोने के भाव में लगातार गिरावट आ रही है। 24 कैरेट सोने 12,158 रुपये प्रति ग्राम और 22 कैरेट सोना 11,145 रुपये प्रति ग्राम पर आ गया है। ऐसे में निवेशकों और ज्वैलरी खरीदने का प्लान कर रहे हैं, तो उन्हें निवेश करना चाहिए या इंतजार करना चाहिए? सोने का भाव अपने पीक से काफी नीचे आ गया है। भारत में सोने के दाम इस हफ्ते की शुरुआत से ही लगातार गिर रहे हैं। बुधवार 29 अक्टूबर को भी सोने की कीमतों में हल्की गिरावट देखी गई। 24 कैरेट सोना 12,158 रुपये प्रति ग्राम और 22 कैरेट सोना 11,145 रुपये प्रति ग्राम रहा। यह गिरावट अंतरराष्ट्रीय बाजार में कमजोरी और अमेरिका-चीन के बीच व्यापार तनाव कम होने के कारण आई है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्पॉट गोल्ड 0.2% बढ़कर 3,957.42 डॉलर प्रति औंस पर पहुंचा, जो मंगलवार को 7 अक्टूबर के बाद अपने सबसे निचले स्तर पर था। वहीं दिसंबर डिलीवरी वाले अमेरिकी गोल्ड फ्यूचर्स 0.3% गिरकर 3,971.20 डॉलर प्रति औंस पर रहे। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के सीनियर एनालिस्ट सौमिल गांधी के मुताबिक सोने की कीमतों में गिरावट का कारण सेफ हेवन की मांग में कमी आई है।

बाजार एक्सपर्ट का कहना है कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार समझौते की उम्मीदों ने निवेशकों का रुझान सोने से हटाकर शेयर बाजार और दूसरे जोखिम वाले निवेशों की ओर मोड़ दिया है। दोनों देशों के शीर्ष अधिकारी हाल ही में नए समझौते के मसौदे पर सहमत हुए हैं, जिससे आगे के टैक्स और निर्यात प्रतिबंधों पर राहत मिल सकती है। OANDA के सीनियर मार्केट एनालिस्ट केल्विन वोंग ने कहा कि अभी जो सोने में गिरावट दिख रही है, वह निवेशकों के जोखिम वाले एसेट्स की तरफ झुकाव का नतीजा है।


अब निवेशकों की नजर अमेरिकी फेडरल रिजर्व की पॉलिसी मीटिंग पर है, जहां ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती की उम्मीद है। आमतौर पर ब्याज दरों में कमी सोने के लिए फायदेमंद होती है, लेकिन इस बार निवेशक यह जानना चाहते हैं कि क्या यह मौजूदा साइकिल की आखिरी कटौती होगी।

जानकारों का कहना है कि सोने में यह गिरावट लंबी मंदी नहीं बल्कि एक टेंपरेरी करेक्शन है। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) की उपाध्यक्ष अक्षया कम्बोज ने कहा कि इस साल सोने में 50% से ज्यादा की तेजी के बाद मुनाफावसूली स्वाभाविक है।

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