Gold Price Fall: बीते कुछ महीनों में रिकॉर्ड तेजी दर्ज करने के बाद अब सोने की कीमतों में गिरावट का दौर शुरू हो सकता है। ब्रोकरेज हाउस क्वांट म्यूचुअल फंड (Quant Mutual Fund) ने अपने जून 2025 के फैक्टशीट में बताया है कि आने वाले दो महीनों में सोने का भाव 12% से 15% तक गिर सकता है।
फिलहाल दिल्ली में 24 कैरेट सोने की कीमत ₹98,500 प्रति 10 ग्राम (बिना 3% जीएसटी) पर है। अगर अनुमानित गिरावट आती है, तो सोना ₹85,000 के नीचे जा सकता है।
किस वजह से सस्ता होगा सोना?
Quant Mutual Fund के मुताबिक, “सोने ने अपनी ऊंचाई को छू लिया है और डॉलर आधारित मूल्य में 12-15% की गिरावट संभव है। हालांकि, मीडियम और लॉन्ग टर्म के नजरिए से हमारा नजरिया सकारात्मक बना हुआ है। इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो में कीमती धातुओं को मजबूत जगह मिलनी चाहिए।”
अमेरिका से आया बड़ी गिरावट का अनुमान
मॉर्निंगस्टार (Morningstar) के यूएस-बेस्ड एनालिस्ट जॉन मिल्स (John Mills) ने अगले कुछ वर्षों में 38% तक की गिरावट की चेतावनी दी है। अगर यह अनुमान सही साबित होता है, तो भारत में सोने की कीमतें ₹56,000 प्रति 10 ग्राम तक गिर सकती हैं। उनका कहना है कि सोने की सप्लाई में बढ़ोतरी और वैश्विक मांग में संभावित सुस्ती इसके मुख्य कारण होंगे।
2025 की शुरुआत से अब तक सोना 34% तक चढ़ चुका है। इससे यह सभी प्रमुख एसेट क्लास में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला बन गया। इसके पीछे कई कारण रहे:
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने बुधवार को स्टील और एल्युमिनियम पर आयात शुल्क दोगुना कर दिया। साथ ही, उन्होंने चीन पर व्यापार समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाया है। इससे ग्लोबल ट्रेड टेंशन और बढ़ गई। इसके चलते निवेशकों ने फिर से गोल्ड की शरण ली है।
गोल्ड का दाम बढ़ने से गहनों की बिक्री घटी
इस तेजी का असर यह रहा कि घरेलू बाजार में सोने की ज्वेलरी की मांग में गिरावट आई। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (India Bullion & Jewellers Association - IBJA) के अनुसार, बीते दो हफ्तों में सोने की बिक्री औसतन 30% गिरकर 1,600 किलो रह गई है।
गोल्ड की कीमतों में अब आगे क्या होगा?
कोमर्जबैंक (Commerzbank) के एनालिस्ट कार्स्टन फ्रिट्श (Carsten Fritsch) का कहना है, “अगर अमेरिका का नॉन-फार्म पे रोल (Non-Farm Payroll) डेटा मजबूत आता है, तो फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) की ब्याज दरों में कटौती की संभावना कम होगी। इससे गोल्ड की कीमतों पर दबाव बढ़ सकता है।”
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