Gold Price Outlook: नए शिखर पर सोना, अब खरीदें, बेचें या गिरावट का करें इंतजार? जानिए एक्सपर्ट से

Gold Price Outlook: सोना रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है और निवेशकों के सामने खरीदने, बेचने या इंतजार करने का बड़ा सवाल है। एक्सपर्ट से जानिए कि क्या गोल्ड में तेजी का दौर जारी रहेगा और नए नए खरीदारों को कब एंट्री करनी चाहिए।

अपडेटेड Sep 03, 2025 पर 6:42 PM
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निवेशक जिनके पास पहले से सोना है, वे थोड़ी-बहुत मुनाफावसूली कर सकते हैं।

Gold Price Outlook: सोना पहले से कहीं ज्यादा चमक रहा है। वैश्विक अनिश्चितता, ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद और मजबूत निवेशक डिमांड के चलते कीमतें एक बार फिर नए उच्च स्तर पर पहुंच गई हैं। आने वाले दिनों में शुरू हो रहे त्योहार और शादी के सीजन से डिमांड और बढ़ने की उम्मीद है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या आपको अभी सोना खरीदना चाहिए या कीमत गिरने का इंतजार करना चाहिए?

गोल्ड पर क्या है एक्सपर्ट की राय

प्रेशियस मेटल्स रिसर्च के एनालिस्ट मानव मोदी के अनुसार, गोल्ड में तेजी का यह दौर हैरतअंगेज रहा है। उन्होंने कहा, 'सोना और चांदी दोनों ने जोरदार तेजी दिखाई है। एक साल के आधार पर सोने ने 40 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया है। वहीं, चांदी ने इस साल अब तक सोने से बेहतर प्रदर्शन किया है।'


अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी पर काफी अनिश्चितता है। वहीं, अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने इस महीने ब्याज दर में कटौती का संकेत दिया है। इन दोनों फैक्टर ने सोने की कीमतों को काफी सहारा दिया है।

 गहनों का रूप है अहम कस्टम अधिकारी सबसे पहले यह देखते हैं कि सोना किस रूप में है। शरीर पर पहने गहने सामान्यतः निजी माने जाते हैं। हालांकि, अगर कोई यात्री गोल्ड बार, कॉइन या बिना पहने जेवरात लाता है, तो कस्टम को तुरंत शक हो जाता है। इसी आधार पर यात्रियों को फैसला कर लेना चाहिए कि उन्हें जेवरात कितना और कैसे लाना है।

मुनाफावसूली से इनकार नहीं

हालांकि, गोल्ड में इतनी तेज रैली का मतलब यह भी है कि निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए। मोदी ने कहा, 'गोल्ड में बुनियादी तौर पर सभी इंडिकेटर और बढ़त की ओर इशारा कर रहे हैं। लेकिन, चूंकि रैली काफी लंबी खिंच गई है, इसलिए मुनाफावसूली की संभावना है। नए निवेशकों को मैं सलाह दूंगा कि वे अभी इंतजार करें और गिरावट पर ही एंट्री लें।'

LKP सिक्योरिटीज के वीपी (रिसर्च एनालिस्ट–कमोडिटी एंड करेंसी) जतिन त्रिवेदी के अनुसार, अब बाजार की नजर अगले हफ्ते आने वाले अमेरिकी बेरोजगारी आंकड़ों और नॉन-फार्म पेरोल्स पर है, जो फेड की दर कटौती की उम्मीदों के साथ मिलकर सोने को सपोर्ट देंगे।

गिरावट पर खरीदें Gold 

मोदी ने कहा कि गोल्ड के लेवल्स काफी मायने रखते हैं। उन्होंने कहा, 'सोने के लिए ₹1,03,500–₹1,03,000 का निचला स्तर अच्छी खरीदारी का मौका है। ऊपर की ओर ₹1,08,000–₹1,09,000 का टारगेट है। चांदी के लिए ₹1,18,000 मजबूत खरीदारी स्तर है, जिसमें नए टारगेट ₹1,30,000–₹1,35,000 तक देखे जा सकते हैं।'

निवेशक जिनके पास पहले से सोना है, वे थोड़ी-बहुत मुनाफावसूली कर सकते हैं और फिर निचले स्तर पर दोबारा एंट्री ले सकते हैं। मोदी ने कहा, 'अगर यह लॉन्ग-टर्म होल्डिंग है, तो इसे होल्ड कर सकते हैं। या फिर मुनाफावसूली कर सकते हैं। जब कीमतें नरम हों, तो दोबारा खरीद सकते हैं। हालांकि, नए खरीदारों के लिए धैर्य रखना फायदेमंद होगा।'

 ड्यूटी-फ्री अलाउंस की सीमा पुरुष विदेश से 20 ग्राम (50,000 रुपये) और महिलाएं 40 ग्राम (1 लाख रुपये) तक सोना बिना ड्यूटी ला सकती हैं। एक साल से अधिक समय तक विदेश में रहने वाले NRI 1 किलो तक सोना ला सकते हैं, लेकिन ड्यूटी चुकानी होती है।

फेस्टिव सीजन के खरीदार

बुधवार 3 सितंबर को सोने की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गईं। 10 ग्राम सोना (Gold Price Today) ₹1,06,200 के पार और 22 कैरेट सोना ₹97,400 से ऊपर है। वहीं, चांदी (Silver Price Today) ₹1,27,000 प्रति किलो पर है, जो कल से ₹900 महंगी हुई।

फेस्टिव सीजन के दौरान ज्वेलरी खरीदने की सोच रहे परिवारों के लिए समय मुश्किल है। हालांकि, फिर भी गोल्ड की डिमांड लगातार बनी हुई है। मोदी ने कहा, 'गोल्ड भले ही हाई लेवल पर है, फिर भी ज्वेलर्स डिमांड देख रहे हैं। हालांकि, अगर खरीदार के नजरिए से देखें, तो सोना रिकॉर्ड ऊंचाई पर है। ऐसे में बेहतर होगा कि थोड़ी गिरावट का इंतजार किया जाए। मौजूदा स्तर से ₹1,000 से ₹1,500 तक भी खरीदारी का अच्छा मौका हो सकती है।'

क्यों गिर सकती है कीमत?

सिर्फ मुनाफावसूली ही गोल्ड की कीमतें ठंडी नहीं कर सकती। अमेरिकी लेबर मार्केट से जुड़ा ग्लोबल डेटा और फेडरल रिजर्व की बैठक का नतीजा अहम फैक्टर होंगे। मोदी ने कहा, 'सोना और ब्याज दरों का उल्टा रिश्ता है। अगर सितंबर में फेड दरें घटाता है, जैसा कि उम्मीद बढ़ रही है, तो सोने में और तेजी आ सकती है। लेकिन अगर लेबर मार्केट डेटा मजबूत रहता है, तो कीमतों में कुछ नरमी देखने को मिल सकती है।'

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Suneel Kumar

Suneel Kumar

First Published: Sep 03, 2025 6:42 PM

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