गोल्ड रुकने वाला नहीं है। अगले साल के अंत तक इसका भाव 4,900 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच जाएगा। 7 अक्टूबर को भी गोल्ड में तेजी दिखी। स्पॉट गोल्ड 0.1 फीसदी चढ़कर 3,962.63 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया। एक समय यह 3,977.19 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया था। 7 अक्टूबर को यूएस गोल्ड फ्यूचर्स 0.2 फीसदी की तेजी के साथ 3,985.30 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया। इधर, इंडिया में गोल्ड फ्यूचर्स में 7 अक्टूबर को काफी उतारचढ़ाव दिखा। कमोडिटी एक्सचेंज एमसीएक्स में 1:25 बजे यह 53 रुपये यानी 0.04 फीसदी की कमजोरी के साथ 1,20,196 रुपये प्रति 10 ग्राम था।
अमेरिका में गवर्नमेंट शटडाउन जारी रहने का असर Gold Price पर पड़ रहा है। इस महीने अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के इंटरेस्ट रेट घटाने की उम्मीद है। इससे भी गोल्ड को सपोर्ट मिल रहा है। एनालिस्ट्स को अमेरिका में इंटरेस्ट रेट्स में अक्टूबर में 25 बेसिस प्वाइंट्स और दिसंबर में 25 बेसिस प्वाइंट्स की कमी की उम्मीद है। इसका मतलब है कि गोल्ड की चमक आगे भी जारी रहेगी। इस साल गोल्ड 51 फीसदी चढ़ चुका है। इसमें कई देशों के केंद्रीय बैंकों की गोल्ड में खरीदारी, Gold ETF में बढ़ते निवेश और डॉलर में कमजोरी का हाथ है।
गोल्डमैन सैक्स ने गोल्ड के लिए अपना टारगेट 4,300 डॉलर प्रति औंस से बढ़ाकर 4,900 डॉलर प्रति औंस कर दिया है। उसका मानना है कि अगले साल दिसंबर तक गोल्ड की कीमतें 4,900 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच जाएंगी। उसने गोल्ड ईटीएफ में इनवेस्टर्स की बढ़ती दिलचस्पी और केंद्रीय बैंकों की तरफ से गोल्ड की खरीदारी जारी रहने के अनुमान को देख गोल्ड का टारगेट प्राइस बढ़ाया है। चीन के केंद्रीय बैंक ने सितंबर में लगातार 11वें महीने अपना गोल्ड रिजर्व बढ़ाया। एक्सपर्ट्स का कहना है कि जियोपॉलिटिकल टेंशन की वजह से रिटेल इनवेस्टर्स भी गोल्ड को निवेश के लिए ज्यादा सुरक्षित मान रहे हैं।
इंडिया में 1.50 लाख के पार होगी कीमत
गोल्डमैन सैक्स ने जो प्राइस टारगेट दिया है, उसका मतलब है कि अगले साल तक गोल्ड की कीमतों में करीब 24 फीसदी की तेजी आ सकती है। अभी इंडिया में गोल्ड फ्यूचर्स 1,20,196 रुपये प्रति 10 ग्राम पर है। 24 फीसदी तेजी का मतलब है कि अगले साल दिसंबर तक इंडिया में गोल्ड फ्यूचर्स 1.50 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के पार होगा। इससे उन लोगों को सबसे ज्यादा फायदा होगा, जिन्होंने पिछले 2-3 सालों में फिजिकल गोल्ड या गोल्ड ईटीएफ (या म्यूचुअल फंड की गोल्ड स्कीम) में निवेश किया गया है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर आपके इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो में गोल्ड शामिल नहीं है तो आपको गोल्ड में निवेश शुरू कर देना चाहिए। पोर्टफोलियो में गोल्ड की हिस्सेदारी 5-10 फीसदी होनी चाहिए। अगर आप पहले से गोल्ड में निवेश कर रहे हैं तो आपको इसे जारी रखना चाहिए। गोल्ड के आउटलुक को देखते हुए आप गोल्ड में निवेश बढ़ा सकते हैं। यह सलाह खासकर उन निवेशकों के लिए है, जो गोल्ड ईटीएफ में सिप से निवेश कर रहे हैं। अगर आपके पास डीमैट अकाउंट नहीं है तो आप म्यूचुअल फंड की गोल्ड स्कीम में निवेश शुरू कर सकते हैं।
क्या यह प्रॉफिट बुकिंग का समय है?
अभी गोल्ड बेचना समझदारी नहीं होगी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि पैसे की बहुत ज्यादा जरूरत पड़ने पर ही गोल्ड में मुनाफावसूली की जा सकती है। अगर आप गोल्ड बेचते हैं तो आपको यह ध्यान रखना होगा कि बाद में गिरावट आने पर आपको धीरे-धीरे इसमें निवेश करना होगा। आपको हर गिरावट पर गोल्ड खरीदने की सलाह है। यह सिलसिला तब तक जारी रहना चाहिए, जब तक आपको इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो में गोल्ड की हिस्सेदारी ऑरिजिनल लेवल तक नहीं पहुंच जाती है।