Gold Rate Today: तेजी लौटने से 3 हफ्तों की रिकॉर्ड ऊंचाई पर गोल्ड, इस्तेमाल करें यह इनवेस्टमेंट स्ट्रेटेजी

14 जुलाई को इंटरनेशनल मार्केट में गोल्ड 3,354.83 डॉलर प्रति औंस चल रहा था। हालांकि, शुरुआती कारोबार में यह 23 जून के बाद सबसे हाई लेवल पर पहुंच गया था। यूएस गोल्ड फ्यूचर्स 0.2 फीसदी बढ़कर 3,371 डॉलर प्रति औंस चल रहा था

अपडेटेड Jul 14, 2025 पर 1:02 PM
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इंडिया में भी गोल्ड में जबर्दस्त तेजी दिखी। कमोडिटी एक्सचेंज MCX में गोल्ड दोपहर में 353 रुपये यानी 0.36 फीसदी के उछाल के साथ 98,171 रुपये प्रति 10 ग्राम चल रहा था।

गोल्ड में तेजी लौट आई है। 14 जुलाई को यह तीन हफ्ते की ऊंचाई पर पहुंच गया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी से दुनिया में अनिश्चितता बढ़ रही है। इसका असर गोल्ड पर दिख रहा है। ट्रंप ने यूरोपीय यूनियन और मैक्सिको पर 30 फीसदी टैक्स लगाने की धमकी दी है। अगर ऐसा होता है तो सप्लाई चेन पर असर पड़ सकता है। कई कमोडिटी की कीमतें बढ़ सकती हैं। इससे एक बार फिर से इनफ्लेशन बेकाबू हो सकता है। इस डर से इनवेस्टर्स गोल्ड में इनवेस्ट कर रहे हैं, जिससे इसकी कीमतें बढ़ रही हैं।

MCX में गोल्ड में शानदार उछाल

14 जुलाई को इंटरनेशनल मार्केट में Gold 3,354.83 डॉलर प्रति औंस चल रहा था। हालांकि, शुरुआती कारोबार में यह 23 जून के बाद सबसे हाई लेवल पर पहुंच गया था। यूएस Gold Futures 0.2 फीसदी बढ़कर 3,371 डॉलर प्रति औंस चल रहा था। इधर, इंडिया में भी गोल्ड में जबर्दस्त तेजी दिखी। कमोडिटी एक्सचेंज MCX में गोल्ड दोपहर में 353 रुपये यानी 0.36 फीसदी के उछाल के साथ 98,171 रुपये प्रति 10 ग्राम चल रहा था।


गोल्ड का आउटलुक पॉजिटिव

एक्सपर्ट्स का कहना है कि कई हफ्तों के कंसॉलिडेशन के बाद गोल्ड ने तेजी के रास्ते पर चलना शुरू कर दिया है। ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी से गोल्ड को सपोर्ट मिल रहा है। OANDA के सीनियर मार्केट एनालिस्ट केल्विन वोंग ने कहा, "अमेरिकी सरकार की ट्रेड पॉलिसी में अनिश्चितता की वजह से फिर से गोल्ड में खरीदारी लौट आई है।" उन्होंने कहा कि शॉर्ट टर्म में गोल्ड का आउटलुक पॉजिटिव लगता है। 3,360 डॉलर प्रति औंस के ऊपर बंद होने के बाद गोल्ड के लिए अगला रेसिस्टेंस 3,435 डॉलर पर दिख रहा है।

इंटरेस्ट रेट घटने पर गोल्ड की बढ़ सकती है चमक

ट्रप ने 12 जुलाई को मैक्सिको और यूरोपीय यूनियन पर 1 अगस्त से 30 फीसदी टैरिफ लगाने की धमकी दी। मैक्सिको और यूरोपीय यूनियन ने इसे अनुचित और बाधा पैदा करने वाला बताया है। हालांकि, ईयू ने कहा है कि वह अमेरिका के साथ बातचीत कर मामले के सेटलमेंट के लिए कोशिश करेगा। इस बीच इनवेस्टर्स को अमेरिकी इकोनॉमी से जुड़े जून के डेटा का इंतजार है। मार्केट्स को उम्मीद है कि दिसंबर तक अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व इंटरेस्ट रेट में 50 बेसिस प्वाइंट्स की कमी कर सकता है। इसका असर गोल्ड की कीमतों पर पड़ेगा।

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आपको क्या करना चाहिए?

इंटरेस्ट रेट्स में कमी के माहौल में गोल्ड की चमक बढ़ जाती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि रिटेल इनवेस्टर्स को बुलियन को अपने पोर्टफोलियो में शामिल करना चाहिए। इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो में 10-15 फीसदी इनवेस्टमेंट बुलियन में किया जा सकता है। इनवेस्टर्स गोल्ड ईटीएफ और म्यूचुअल फंड्स की गोल्ड स्कीम में इनवेस्ट कर सकते हैं। सिप से यह निवेश करने में लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न हासिल किया जा सकता है। म्यूचुअल फंड कंपनियां सिप से काफी कम अमाउंट में गोल्ड में इनवेस्ट करने की सुविधा देती हैं।

MoneyControl News

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First Published: Jul 14, 2025 12:47 PM

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