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Gold Rate Today: रिकॉर्ड ऊंचाई से गिरा सोना, क्या आगे और गिरावट आने वाली है?

गोल्ड के लिए साल 2025 अच्छा है। इस साल दो महीने से कम समय में गोल्ड ने 10 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया है। इससे निवेशकों की दिलचस्पी गोल्ड में बढ़ी है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ग्लोबल मार्केट में टैरिफ वॉर बढ़ने की आशंका से गोल्ड की चमक बने रहने की उम्मीद है

अपडेटेड Feb 12, 2025 पर 2:17 PM
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स्पॉट गोल्ड 0.1 फीसदी गिरकर 2,895.38 डॉलर प्रति औंस पर आ गया। 11 फरवरी को यह 2,942 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गया था।

गोल्ड में 12 फरवरी को गिरावट देखने को मिली। इससे सोने का भाव रिकॉर्ड ऊंचाई से नीचे आया है। इसकी वजह अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के बयान को माना जा रहा है। उन्होंने इंटरेस्ट रेट में जल्द कमी की संभावना खारिज कर दी है। अब इनवेस्टर्स की नजरें अमेरिका में इनफ्लेशन के डेटा पर है। 12 फरवरी को अमेरिका में इनफ्लेशन का डेटा आने वाला है। स्पॉट गोल्ड 0.1 फीसदी गिरकर 2,895.38 डॉलर प्रति औंस पर आ गया। 11 फरवरी को यह 2,942 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गया था।

घरेलू बाजार में भी गोल्ड में नरमी

इधर, इंडिया में भी सोने (Gold) में नरमी देखने को मिली। कमोडिटी एक्सचेंज MCX में गोल्ड फ्यूचर्स 499 रुपये यानी 0.58 फीसदी की गिरावट के साथ 85,024 रुपये प्रति 10 ग्राम चल रहा था। इंडिया के बड़े शहरों में भी गोल्ड पर दबाव देखने को मिला। मुंबई में 24 कैरेट गोल्ड का भाव 710 रुपये की कमजोरी के साथ 86,670 रुपये प्रति 10 ग्राम था। एक्सपर्ट्स का कहना है कि गोल्ड में गिरावट की वजह मुनाफावसूली भी हो सकती है। इसकी वजह यह है कि पिछले 4-6 हफ्तों में गोल्ड में शानदार तेजी आई है।


अमेरिका में इनफ्लेशन का असर गोल्ड पर पड़ेगा

पॉवेल ने 11 फरवरी को कहा कि अमेरिकी इकोनॉमी की सेहत अच्छी है। इसलिए फेडरल रिजर्व जल्द इंटरेस्ट रेट में कमी करने नहीं जा रहा है। हालांकि, उसने कहा कि अगर इनफ्लेशन में कमी आती है और रोजगार बाजार में कमजोरी देखने को मिलती है तो वह इंटरेस्ट रेट घटाने के बारे में फैसला ले सकता है। मार्केट एनालिस्ट का कहना है कि पॉवेल के इस बयान के बाद नजरें 12 फरवरी को इनफ्लेशन के डेटा पर लगी हैं। अगर इनफ्लेशन बढ़ता है तो इसका मतलब है कि इंटरेस्ट रेट में जल्द कमी नहीं होने जा रही है। इससे गोल्ड पर दबाव बढ़ सकता है।

गोल्ड में आगे तेजी या नरमी?

केसीएम ट्रेड के चीफ मार्केट एनालिस्ट टिम वाटरर ने कहा कि गोल्ड के ऑल-टाइम हाई पर पहुंच जाने के बाद प्रॉफिट-बुकिंग दिख रही है। लेकिन, गोल्ड में तेजी के ट्रेंड पर असर नहीं पड़ा है। उन्होंने कहा कि अगर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी आक्रामक बनी रहती है तो गोल्ड में तेजी देखने को मिलेगी। इसकी वजह यह है कि ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी से दुनिया में ट्रेड वॉर बढ़ने का खतरा दिख रहा है। ऐसा होने पर गोल्ड की चमक बढ़ेगी।

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आपको क्या करना चाहिए?

सवाल है कि क्या गोल्ड में गिरावट के मौके का इस्तेमाल आपको निवेश के लिए करना चाहिए? मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि गोल्ड में भले ही 12 फरवरी को गिरावट दिखी है, लेकिन गोल्ड का आउटलुक पॉजिटिव है। ग्लोबल मार्केट में इसका भाव जल्द 3,000 डॉलर प्रति औंस पार कर जाएगा। इसका असर इंडिया में भी इसकी कीमतों पर दिखेगा। ऐसे में इनवेस्टर्स गोल्ड में निवेश कर सकते हैं। खासकर अगर किसी निवेशक के इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो में गोल्ड शामिल नहीं है तो वह हर गिरावट पर गोल्ड में निवेश कर सकता है। निवेशक गोल्ड म्यूचुअल फंड्स या गोल्ड ईटीएफ के जरिए निवेश कर सकते हैं। अगर एकमुश्त निवेश नहीं कर सकते हैं तो SIP के जरिए गोल्ड में निवेश करना ठीक रहेगा।

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