Gold Silver prices crash: फिर क्रैश हुए सोना और चांदी, 3% से ज्यादा गिरे दाम; जानिए कारण

Gold Silver prices crash: सोना-चांदी दोनों में सोमवार को भारी गिरावट देखी गई। ग्लोबल मार्केट में गोल्ड $4,000 के नीचे आ गया। चांदी के दाम 4.50% से ज्यादा टूट गए। जानिए सोना-चांदी किस वजह से क्रैश हुए। साथ ही भारत में क्या सोना दोबारा 1 लाख प्रति 10 ग्राम तक आ सकता है।

अपडेटेड Oct 27, 2025 पर 9:49 PM
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स्पॉट गोल्ड सोमवार को शाम 9.12 बजे तक 3.20% की गिरावट के साथ $3,980 प्रति औंस तक आ गया था।

Gold Silver prices crash: सोने की कीमतें सोमवार को ग्लोबल मार्केट में $4,000 प्रति औंस के नीचे आ गईं। वजह यह रही कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार तनाव में नरमी के संकेत दिखे। इससे गोल्ड की ‘सेफ हेवन’ यानी सुरक्षित निवेश के तौर पर मांग कम हो गई। अब बाजार की नजर इस हफ्ते फेडरल रिजर्व की ब्याज दर के फैसले पर है।

गोल्ड प्राइस में भारी गिरावट

स्पॉट गोल्ड सोमवार को शाम 9.12 बजे तक 3.20% की गिरावट के साथ $3,980 प्रति औंस तक आ गया था। दिसंबर डिलीवरी के लिए अमेरिकी गोल्ड फ्यूचर्स 3.45% गिरकर $3,995 प्रति औंस पर रहे।


CPM ग्रुप के मैनेजिंग पार्टनर जेफ्री क्रिश्चियन ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा कि तकनीकी बिकवाली के साथ-साथ व्यापार तनाव में कमी ने भी कीमतों पर दबाव डाला है। अक्टूबर के पहले तीन हफ्तों में सोने की कीमतें $3,800 से बढ़कर $4,400 तक पहुंची थीं।

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चांदी की कीमतें भी क्रैश

इंटरनेशनल मार्केट में चांदी की स्पॉट प्राइस में भी बड़ी गिरावट आई है। यह शाम 9.23 बजे तक 4.61% की गिरावट के साथ $46.29 प्रति औंस पर ट्रेड कर रही थी। पिछले दिनों भारी डिमांड के चलते चांदी का भाव $54 डॉलर के ऐतिहासिक स्तर तक पहुंच गया था। यानी चांदी अपने उस हाई लेवल से 14.3% तक नीचे आ चुकी है।

किस वजह से गिरे दाम

गोल्ड ने 20 अक्टूबर को $4,381.21 प्रति औंस का ऑल-टाइम हाई बनाया था। लेकिन, पिछले हफ्ते यह 3.2% फिसला है। यह गिरावट तब आई, जब अमेरिका और चीन के बीच सुलह के संकेत मिले।

रविवार को दोनों देशों के वार्ताकारों ने एक शुरुआती समझौते का ढांचा तय किया। इसके तहत अमेरिका के ऊंचे टैरिफ और चीन के ‘रेयर अर्थ’ एक्सपोर्ट कंट्रोल को अस्थायी रूप से रोका जा सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस समझौते पर और चर्चा के लिए गुरुवार को मिलने वाले हैं।

साथ ही, बाजार में उम्मीद है कि फेडरल रिजर्व बुधवार को ब्याज दरों में 0.25% की कटौती कर सकता है। चूंकि गोल्ड एक नॉन-यील्डिंग एसेट है, इसलिए यह आमतौर पर कम ब्याज दर के माहौल में बेहतर प्रदर्शन करता है। लेकिन, उससे पहले निवेशकों का नजर मुनाफावसूली पर है।

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आगे कैसे रहेगी गोल्ड की चाल

ज्यादातर विश्लेषक मानते हैं कि गोल्ड की कीमतें आगे और बढ़ सकती हैं, कुछ तो इसे $5,000 प्रति औंस तक जाते हुए देख रहे हैं। हालांकि, कुछ एक्सपर्ट्स इसके हालिया उछाल को टिकाऊ नहीं मानते।

कैपिटल इकोनॉमिक्स ने अपने अनुमान को घटाते हुए कहा है कि 2026 के अंत तक गोल्ड की कीमत $3,500 प्रति औंस तक आ सकती है। यह मौजूदा स्तर से गोल्ड में 12.06% गिरावट का संकेत देती है।

भारत में सोने-चांदी का रेट

भारत में गोल्ड का रेट सोमवार को 2.35% गिरावट के साथ MCX पर 1,20,580 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज किया गया है। वहीं, चांदी का भाव 3.15% की गिरावट के साथ 1,42,823 रुपये प्रति किलो दर्ज किया गया है। यह रेट सोमवार रात 9.30 बजे तक का है।

अगर कैपिटल इकोनॉमिक्स के अनुमान के मुताबिक सोने का भाव 12% तक गिरता है, तो भारत में कीमतों में बड़ी गिरावट आ सकती है। उस स्थिति में सोना 1.06 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक आ सकता है।

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