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घर में कितना रख सकते हैं सोना, क्या कहता है कानून? जानिये नियम

How much Gold can Keep in Home: भारत में सोने में निवेश पहनने के लिए ज्यादा किया जाता है। यहां गोल्ड की इन्वेस्टमेंट वैल्यू से ज्यादा गहनों पर फोकस ज्यादा होता है। ये निवेश से ज्यादा भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए ज्यादा खरीदा जाता है

अपडेटेड May 30, 2024 पर 6:00 AM
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क्या आपको पता है कि आप घर में कितना सोना रख सकते हैं?

How much Gold can Keep in Home: भारत में सोने में निवेश पहनने के लिए ज्यादा किया जाता है। यहां गोल्ड की इन्वेस्टमेंट वैल्यू से ज्यादा गहनों पर फोकस ज्यादा होता है। ये निवेश से ज्यादा भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए ज्यादा खरीदा जाता है। हालांकि, पिछले कुछ सालों में गोल्ड में निवेश के कई ऑप्शन आ गए हैं, जिसमें गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF), सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, म्यूचुअल फंड के गोल्ड फंड आदि शामिल हैं। भारत में तब भी गोल्ड की फिजिकल वैल्यू यानी सोने के गहनों की चमक कम नहीं हुई है। लेकिन क्या आपको पता है कि आप घर में कितना सोना रख सकते हैं?

घर में कितना रख सकते हैं सोना

अगर किसी विवाहित महिला के पास 500 ग्राम तक की गोल्ड ज्वेलरी मिलती है तो उसे टैक्स अधिकारी जब्त नहीं करेंगे। अगर किसी अविवाहित महिला के पास 250 ग्राम तक गोल्ड ज्वेलरी मिलती है तो उसे जब्त नहीं किया जाएगा। किसी विवाहित या अविवाहित पुरुष सदस्य का 100 ग्राम तक के गोल्ड ज्वेलरी को जब्त नहीं किया जाएगा। ध्यान देने वाली बात यह है कि मात्रा की यह सीमा परिवार के एक सदस्य के लिए है। इसका मतलब है कि अगर परिवार में दो विवाहित महिला सदस्य हैं तो कुल सीमा 500 ग्राम से बढ़कर एक किलोग्राम हो जाएगी। सीबीडीटी के इस निर्देश का मकसद हर गोल्ड ज्वेलरी की बरामदगी को जब्ती की प्रकिया से बाहर रखना था।


घर में इतना रख सकते हैं नियम

विवाहित महिला: 500 ग्राम तक सोना

अविवाहित महिला: 250 ग्राम सोना

पुरुष: केवल 100 ग्राम सोना

CBDT के क्या हैं नियम

इनकम टैक्स के छापों में गोल्ड ज्वेलरी या दूसरे रूप में सोना मिलता रहा है। इसकी वजह है कि देश में घरों में सोना रखने की पुरानी परंपरा रही है। इसलिए सोने की ज्वैलरी या दूसरे रूप को लेकर संदेह करना ठीक नहीं होता है। इसी बात को ध्यान में रख सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने 1994 में एक निर्देश जारी किया था। CBDT का यह निर्देश इनकम टैक्स अधिकारियों के लिए था। इसमें कहा गया था कि छापों के दौरान एक खास मात्रा तक गोल्ड ज्लैवरी या दूसरे रूप में सोने को जब्त नहीं किया जाए। इसके लिए परिवार के सदस्यों के लिए मात्रा की अलग-अलग लिमिट तय की गई थी।

गोल्ड कंट्रोल एक्ट 1968

इंडिया में पहले गोल्ड कंट्रोल एक्ट, 1968 लागू था। इसके तहत लोगों को एक सीमा से ज्यादा सोना रखने की इजाजत नहीं थी। लेकिन, इस एक्ट को जून 1990 में खत्म कर दिया गया। फिर, सरकार ने ऐसा कोई कानून पेश नहीं किया, जो सोना रखने की सीमा तय करता है। अभी कोई व्यक्ति या परिवार अपने पास कितना सोना रख सकता है, इसकी कोई कानूनी सीमा तय नहीं है।

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