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Gold Vs Silver: सबकी नजरें गोल्ड पर, लेकिन चांदी में निवेश से होगी मोटी कमाई

Silver ने हाल में 1,00,000 रुपये प्रति किलोग्राम का लेवल पार किया था। उसके बाद इसमें थोड़ी नरमी दिखी है। 4 अप्रैल को चांदी फ्यूचर्स कमोडिटी एक्सचेंज MCX पर 1,821 रुपये यानी 1.93 फीसदी की गिरावट के साथ 92,578 रुपये प्रति किलो चल रहा था

अपडेटेड Apr 04, 2025 पर 3:30 PM
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2024 में चांदी की कीमतों में 34 फीसदी उछाल आया। इसके मुकाबले गोल्ड सिर्फ 26 फीसदी चढ़ा।

गोल्ड रोजाना ऊंचाई के नए रिकॉर्ड बना रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसका भाव 3200 डॉलर प्रति औंस की तरफ बढ़ रहा है। इंडिया में भाव 90,000 रुपये प्रति 10 ग्राम को पार चुका है। अब अगला टारगेट 1,00,000 रुपये प्रति 10 ग्राम है। इसलिए गोल्ड ज्यादा चर्चा में है। लेकिन, कमोडिटी एनालिस्ट्स का कहना है कि मुनाफा कमाने का असर मौका चांदी में है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि साल 2025 चांदी का हो सकता है। हालांकि, बहुत कम लोग जानते हैं कि 2024 में भी चांदी ने सोने के मुकाबले काफी ज्यादा रिटर्न दिया था।

चांदी ने एक लाख रुपये का स्तर पार किया था

Silver ने हाल में 1,00,000 रुपये प्रति किलोग्राम का लेवल पार किया था। उसके बाद इसमें थोड़ी नरमी दिखी है। 4 अप्रैल को चांदी फ्यूचर्स कमोडिटी एक्सचेंज MCX पर 1,821 रुपये यानी 1.93 फीसदी की गिरावट के साथ 92,578 रुपये प्रति किलो चल रहा था। लेकिन, यह बड़े उछाल से पहले की सुस्ती है। कोटक महिंद्रा एएमसी के फंड मैनेजर सतीश डोंडापति ने कहा, "चांदी हमेशा सोने की छाया में दबकर रह जाती है। लेकिन, स्थिति अब बदलती दिख रही है।"


2024 में चांदी ने दिया गोल्ड से ज्यादा रिटर्न

उन्होंने कहा कि सोने और चांदी में एक बड़ा बुनियादी फर्क है। यह फर्क यह है कि सोने का कोई खास इंडस्ट्रियल इस्तेमाल नहीं है, जबकि चांदी का काफी ज्यादा इंडस्ट्रियल इस्तेमाल है। उन्होंने कहा कि कई उद्योग हैं, जिनमें चांदी का इस्तेमाल होता है। इनमें इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर पैनल और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स प्रमुख हैं। इन सेक्टर में उत्पादन बढ़ने के साथ ही चांदी की डिमांड बढ़ रही है। चांदी की बढ़ती मांग का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2024 में चांदी की कीमतों में 34 फीसदी उछाल आया। इसके मुकाबले गोल्ड सिर्फ 26 फीसदी चढ़ा।

चांदी की सप्लाई डिमांड से काफी कम

साल 2020 में भी चांदी ने गोल्ड के मुकाबले काफी ज्यादा रिटर्न दिया था। उस साल चांदी ने निवेशकों को 63 फीसदी रिटर्न दिया था। दरअसल, पिछले कुछ सालों से चांदी की सप्लाई डिमांड के मुकाबले कम है। इससे उसकी कीमतों में उछाल जारी है। 2024 में चांदी की सप्लाई डिमांड के मुकाबले करीब 5,670 टन कम थी। कमोडिटी एक्सपर्ट्स का कहना है कि आने वाले सालों में चांदी की डिमांड और सप्लाई के बीच फर्क बढ़ने वाला है। 2025 में चांदी की इंडस्ट्रियल डिमांड 19,845 टन तक पहुंच सकती है।

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आपको क्या करना चाहिए?

ब्रोकरेज फर्म निर्मल बंग के एनालिस्ट कुणाल शाह का कहना है कि गोल्ड का प्राइस अपने फंडामेंटल्स से आगे निकल चुका है। ऐसे में गोल्ड में करेक्शन दिख सकता है। उन्होंने गोल्ड की कीमतों में 100-250 डॉलर प्रति औंस तक की गिरावट की उम्मीद जताई। इसका मतलब है कि गोल्ड गिरकर 2,800 डॉलर प्रति औंस तक जा सकता है। शाह ने निवेशकों को गोल्ड में प्रॉफिट बुक करने की सलाह दी है। उधर, चांदी की कीमतों में 10-15 फीसदी तक तेजी दिख रही है।

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