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SBI Mutual Fund: करोड़पति बनने के लिए मोटी सैलरी जरूरी नहीं, SBI के इस फंड ने सिर्फ 10000 रुपये के SIP से बनाया करोड़पति

SBI Long Term Equity Fund एक टैक्स सेविंग्स स्कीम है। इसका मतलब यह है कि यह ELSS स्कीम है, जिसमें निवेश करने पर इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 80सी के तहत डिडक्शन का फायदा मिलता है। अगर किसी इनवेस्टर ने शुरुआत से इसमें निवेश किया है तो उसने टैक्स के रूप में भी लाखों रुपये बचाए होंगे

अपडेटेड Apr 04, 2025 पर 1:44 PM
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इस टैक्स सेविंग्स फंड ने अपने बेंचमार्क इंडेक्स BSE500 TRI से ज्यादा रिटर्न दिया है।

क्या सिर्फ 10,000 रुपये का निवेश आपको करोड़ों का मालिक बना सकता है? इसका जवाब हां है। आम तौर पर ऐसा लगता है कि करोड़पति बनने का रास्ता व्यापार, मोटी तनख्वाह वाली नौकरी, बाप-दादा की संपत्ति या लॉटरी से होकर गुजरता है। लेकिन, यह सच नहीं है। हर महीने सिर्फ 10,000 रुपये का निवेश आपको करोड़पति बना सकता है। आप नौकरी, व्यापार या अपना कोई दूसरा काम करते हुए करोड़पति बन सकते हैं। इसके लिए सिर्फ आपको म्यूचुअल फंड की सही स्कीम का चुनाव करना होगा। फिर, उसमें हर महीने 10,000 या 15,000 रुपये निवेश करना होगा। आप निवेश का अमाउंट अपनी इनकम के हिसाब से घटा या बढ़ा सकते हैं। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

1993 में हुई थी इस स्कीम की शुरुआत

SBI Mutual Fund की एक स्कीम ने लोगों को करोड़पति बना दिया है। इस स्कीम का नाम SBI Long Term Equity Fund (SBI LTEF) है। इस फंड की शुरुआत मार्च 1993 में हुई थी। एसबीआई एमएफ के मुताबिक, इस स्कीम में शुरुआत से हर महीने 10,000 रुपये का निवेश 28 मार्च, 2025 को बढ़कर 14.44 करोड़ रुपये हो गया। यह इक्विटी फंड है। इसका मतलब है कि यह अपने फंड के ज्यादा हिस्से का निवेश कंपनियों के शेयरों में करता है। शुरुआत से अब तक इस स्कीम ने 17.94 फीसदी सीएजीआर रिटर्न दिया है।


इस टैक्स सेविंग्स फंड ने लाखों रुपये का टैक्स भी बचाया

खास बात यह है कि SBI Long Term Equity Fund एक टैक्स सेविंग्स स्कीम है। इसका मतलब यह है कि यह ELSS स्कीम है, जिसमें निवेश करने पर इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 80सी के तहत डिडक्शन का फायदा मिलता है। इस स्कीम में हर महीने 10,000 रुपये निवेश का मतलब यह है कि निवेशक ने एक वित्त वर्ष में 1,20,000 रुपये निवेश किया है। इस पर उसे 32 में साल में काफी टैक्स सेविंग्स करने में मदद मिलेगी। अगर इनवेस्टर ज्यादा टैक्स वाले ब्रैकेट में आता है तो उसने टैक्स के रूप में लाखों रुपये बचाए होंगे। इस तरह से इस स्कीम ने दो तरह से निवेशकों को फायदा दिया है।

500 रुपये SIP से कर सकते हैं निवेश

इस टैक्स सेविंग्स फंड ने अपने बेंचमार्क इंडेक्स BSE500 TRI से ज्यादा रिटर्न दिया है। 15 साल में बीएसई500 टीआरआई का रिटर्न 14.30 फीसदी CAGR रहा है, जबकि इस फंड का रिटर्न 16.03 सीएजीआर रहा है। 10 साल, 5 साल और 3 साल में भी इस फंड का रिटर्न बेंचमार्क इंडेक्स से ज्यादा रहा है। इस फंड का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 27,730.33 करोड़ रुपये है। इस फंड में हर महीने 500 रुपये से निवेश शुरू किया जा सकता है। चूंकि, यह एक टैक्स फंड है, जिससे इसमें निवेश करने पर तीन साल बाद ही पैसे निकाले जा सकते हैं।

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एक्सपर्ट्स की सलाह

फाइनेंशियल एडवाइजर्स का कहना है कि किसी म्यूचुअल फंड स्कीम के पिछले प्रदर्शन को देखकर निवेश का फैसला नहीं लिया जा सकता। दूसरा यह कि हर इक्विटी स्कीम में निवेश करने में रिस्क होता है। शॉर्ट टर्म में रिस्क ज्यादा है, जबकि निवेश की अवधि ज्यादा रहने पर रिस्क कम हो जाता है। तीसरा, यह एक टैक्स सेविंग्स स्कीम है, जिससे इसमें निवेश करने पर डिडक्शन का लाभ सिर्फ इनकम टैक्स की पुरानी रीजीम में मिलेगी। अगर आप नई रीजीम का इस्तेमाल करते हैं तो आपको इस स्कीम में निवेश करने पर टैक्स के मामले में कोई फायदा नहीं मिलेगा।

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