Home Loan: होम लोन-ऑटो लोन चुका रहे लोगों के लिए राहत भरी खबर है। पब्लिक सेक्टर बैंक केनरा बैंक ने अपने MCLR यानी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लैंडिंग रेट में 5 बेसिस पॉइंट (0.05%) की कटौती की है। यह बदलाव 12 नवंबर 2025 से लागू हो गया है। इस कदम के बाद बैंक से फ्लोटिंग रेट लोन लेने वाले ग्राहकों के लिए EMI में कमी आ सकती है। वहीं बैंक ऑफ बड़ौदा और IDBI Bank ने फिलहाल अपनी ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है।
क्या होता है MCLR?
MCLR वह बेंचमार्क दर (Benchmark Rate) है जिसके आधार पर बैंक अपने ग्राहकों को होम लोन, पर्सनल लोन या कार लोन पर ब्याज दर तय करते हैं। जब बैंक MCLR घटाता है, तो इसका सीधा असर आपके लोन की EMI पर पड़ता है। यानी या तो EMI कम हो जाती है या लोन का पीरियड घट जाता है।
केनरा बैंक की नई दरें क्या हैं?
केनरा बैंक ने सभी पीरियड पर MCLR में 5 बेसिस पॉइंट की कटौती की है।
केनरा बैंक की नई दरें
| पीरियड | पुरानी MCLR | नई MCLR |
| ओवरनाइट | 7.95% | 7.90% |
| 1 महीना | 8.00% | 7.95% |
| 3 महीने | 8.20% | 8.15% |
| 6 महीने | 8.55% | 8.50% |
| 1 साल | 8.75% | 8.70% |
| 2 साल | 8.90% | 8.85% |
| 3 साल | 8.95% | 8.90% |
इसका मतलब है कि जो ग्राहक केनरा बैंक से फ्लोटिंग रेट होम लोन, ऑटो लोन या पर्सनल लोन ले रहे हैं, उन्हें आने वाले महीनों में EMI में थोड़ी राहत मिल सकती है।
बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB)
BoB ने अपनी MCLR दरों को जैसे का तैसा रखा है। यानी इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया।
बैंक ऑफ बड़ौदा की MCLR रेट्स
ओवरनाइट 7.85%
1 महीना 7.90%
3 महीने 8.20%
6 महीने 8.60%
1 साल 8.75%
IDBI Bank
IDBI बैंक ने भी अपनी ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है।
ओवरनाइट 8.00%
1 महीना 8.15%
3 महीने 8.50%
6 महीने 8.70%
1 साल 8.75%
2 साल 9.30%
3 साल 9.70%
इसका असर आम ग्राहकों पर
Canara Bank के इस कदम से होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन वालों की EMI कुछ रुपये कम हो सकती है। हालांकि, यह फायदा फ्लोटिंग रेट लोन वालों को मिलेगा, क्योंकि उनकी ब्याज दरें MCLR से जुड़ी होती हैं। फिक्स्ड रेट लोन वाले ग्राहकों पर इसका तुरंत असर नहीं पड़ेगा।
क्यों किया गया यह बदलाव?
बैंकों के MCLR घटाने का मतलब है कि लोन लेना सस्ता हो गया है। यह कदम आमतौर पर तब उठाया जाता है जब बाजार में फंड की लागत (cost of funds) घटती है या RBI की पॉलिसी दरें स्थिर रहती हैं। Canara Bank का यह फैसला आने वाले दिनों में रियल एस्टेट सेक्टर और ऑटो सेक्टर दोनों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है, क्योंकि इससे नई लोन डिमांड बढ़ने की संभावना होती है।
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