सरकार अब सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड नहीं बेचेगी, क्योंकि यह 'महंगा' और जटिल उत्पाद है। सरकारी सूत्रों ने सीएनबीसी टीवी18 (CNBC-TV18) को यह जानकारी दी है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (कागजों पर गोल्ड में निवेश) की शुरुआत 2015 में हुई थी। उस वक्त इसका मकसद सोने के इंपोर्ट में बढ़ोतरी को रोकना था। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा भारत सरकार की ओर से जारी किए जाने वाली स्कीम है, जो बाजार से कम मूल्य पर सोना खरीदने का विकल्प देती है और 8 साल की मैच्योरिटी पूरी होने के बाद गोल्ड मार्केट के आधार पर रिटर्न देती है।