Family pension rules: सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि जिन माता-पिता को अपने सरकारी नौकरी करने वाले संतान की मृत्यु के बाद फैमिली पेंशन मिलती है, उन्हें अब हर साल अपना-अपना लाइफ सर्टिफिकेट देना होगा। पहले नया नियम कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय (DoPPW) ने लागू किया है। इसका मकसद यह तय करना है कि पेंशन सही शख्स को और सही डर पर मिले।
पहले नियमों में थी गड़बड़ी
पहले जो माता-पिता बढ़ी हुई फैमिली पेंशन (75% वाली enhanced rate) ले रहे थे, उन्हें यह साबित करने के लिए हर साल लाइफ सर्टिफिकेट देने की जरूरत नहीं होती थी।
यानी सरकार यह चेक ही नहीं करती थी कि दोनों माता-पिता अभी भी जीवित हैं या नहीं। इसी वजह से कई बार एक माता/पिता के निधन के बाद भी बढ़ी हुई पेंशन मिलती रही। वहीं नियम के मुताबिक, ऐसी स्थिति में पेंशन 75% से घटकर 60% हो जानी चाहिए थी। सरकार ने इसी गलती को रोकने के लिए नया नियम लागू किया है।
कैसे मिलती है बढ़ी हुई पेंशन
CCS (EOP) Rules, 2023 के Rule 12(5) के तहत, अहर किसी मृत सरकारी कर्मचारी के न तो कोई योग्य बच्चा है और न जीवनसाथी, तो उसके माता-पिता फैमिली पेंशन के हकदार होते हैं।
इसमें दो तरह के भुगतान तय किए गए हैं। अगर दोनों माता-पिता जीवित हों तो 75% की पेंशन और अगर माता-पिता में से सिर्फ एक जीवित हो तो 60% की पेंशन मिलती है। माता-पिता की किसी अन्य आय का इस पेंशन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
सरकार के नए निर्देश में कहा गया है कि आगे से हर साल दोनों माता-पिता को लाइफ सर्टिफिकेट जमा करना होगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि अगर किसी एक का निधन हो जाता है, तो पेंशन तुरंत 75% से घटकर 60% पर आ जाए और ओवरपेमेंट न हो।
सरकार चाहती है कि फैमिली पेंशन का भुगतान सटीक और वास्तविक स्थिति के अनुसार हो। लाइफ सर्टिफिकेट की अनिवार्यता से यह सुनिश्चित होगा कि जिस माता या पिता के जीवित रहने पर enhanced rate मिलता है, उसी के अनुसार पेंशन तय हो।
लाइफ सर्टिफिकेट की डेडलाइन
सभी पेंशनर्स के लिए 30 नवंबर लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने की आखिरी तारीख है। समय पर जमा होने पर पेंशन बिना बाधा जारी रहेगी। अगर 30 नवंबर तक लाइफ सर्टिफिकेट जमा नहीं किया गया, तो आमतौर पर दिसंबर से पेंशन का भुगतान रोक दिया जाता है। जमा और सत्यापन के बाद ही पेंशन फिर से बहाल होगी।