Groww share price: 94% की तेजी के बाद लोअर सर्किट, समझिए क्या कह रहे वैल्यूएशन-फ्री फ्लोट के आंकड़े
Groww share price: ट्रेडिंग प्लेटफॉर्मGroww की लिस्टिंग के बाद जबरदस्त तेजी और फिर लोअर सर्किट ने सवाल बढ़ा दिए हैं। PEG रेशियो, ARPU गैप और कम फ्री-फ्लोट के आंकड़े क्या बताते हैं? जानिए क्यों Groww की वैल्यूएशन चर्चा में है और आगे इसका रास्ता कैसा दिख रहा है।
Groww का शेयर बुधवार को 10% गिरकर ₹169.89 पर बंद हुआ।
Groww share price: ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म Groww की पैरेंट कंपनी Billionbrains Garage Ventures Ltd की लिस्टिंग, उसके बाद तेजी और फिर बुधवार को गिरावट- तीनों ने ही दलाल स्ट्रीट पर बड़ी बहस छेड़ दी है। मंगलवार को स्टॉक इंट्राडे हाई ₹193 तक गया, जहां कंपनी की वैल्यूएशन ₹1.15 लाख करोड़ से ऊपर पहुंच गई। यह अपने सभी प्रतिद्वंदियों और यहां तक कि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) से भी ज्यादा थी।
Groww की वैल्यूएशन का असली आकलन
तेजी से बढ़ने वाली कंपनियों को सामान्य P/E रेशियो से मूल्यांकन करना मुश्किल होता है। ऐसे में PEG यानी Price-to-Earnings-to-Growth रेशियो काम आता है। PEG = P/E ÷ अनुमानित ग्रोथ रेट। PEG अगर 1 हो तो वैल्यूएशन फेयर माना जाता है। इससे ऊपर होने पर वैल्यूएशन महंगा, और नीचे होने पर सस्ता माना जाता है।
Scenario 1: कंपनी का बेस केस
Groww मैनेजमेंट ने CNBC-TV18 से बातचीत में अगले कुछ सालों के लिए 25–30% रेवेन्यू ग्रोथ और 15–20% लागत बढ़ने का अनुमान दिया था। FY25 में Groww की रेवेन्यू ₹3,902 करोड़ और नेट प्रॉफिट ₹1,824 करोड़ थी। अगर कंपनी हाई-एंड रेवेन्यू और लो-एंड कॉस्ट ग्रोथ हासिल कर लेती है, तो अनुमान इस तरह बनते हैं:
FY30 रेवेन्यू: ₹14,487 करोड़ (30% CAGR)
FY30 नेट प्रॉफिट: ₹8,586 करोड़ (36% CAGR)
इस आधार पर Groww का PEG रेशियो 1.64 आता है, यानी कंपनी की मौजूदा वैल्यूएशन उसकी अनुमानित ग्रोथ के मुकाबले महंगी दिखती है।
Scenario 2: ARPU बढ़ने का बड़ा मौका
दूसरी कहानी ARPU यानी प्रति ग्राहक औसत रेवेन्यू बढ़ने को लेकर है। Groww फिलहाल अपने NSE एक्टिव क्लाइंट से ₹3,025 प्रति ग्राहक कमाता है, जबकि Angel One इसी आधार पर ₹6,893 कमाता है यानी दोगुना।
Angel One ने वेल्थ मैनेजमेंट, एडवाइजरी, कमोडिटी ट्रेडिंग और बॉन्ड में विस्तार कर अनेक रेवेन्यू स्ट्रीम बनाए हैं। Groww भी MTF, Fisdom, Platform 915, कमोडिटी ट्रेडिंग और बॉन्ड के जरिए इसी दिशा में बढ़ रहा है।
अगर Groww ARPU को Angel One के स्तर तक ले जाए, क्लाइंट बेस को 16% CAGR से बढ़ाए और मार्जिन 80% तक पहुंचे- तो तस्वीर बदल जाती है:
FY30 रेवेन्यू: ₹18,675 करोड़ (37% CAGR)
FY30 नेट प्रॉफिट: ₹11,603 करोड़ (43% CAGR)
इस स्थिति में PEG 1.35 होता है। फिर भी यह बताता है कि स्टॉक पहले से ही मजबूत एक्गीक्यूशन को प्राइस कर चुका है।
PEG क्या बताता है?
दोनों ही परिस्थितियों में PEG 1 से ऊपर है, यानी बाजार पहले से ही Groww की हाई परफॉर्मेंस मानकर चल रहा है। थोड़ा भी ग्रोथ मिस हुआ- या ARPU बढ़ाने में रुकावट आई। तो वैल्यूएशन में एडजस्टमेंट मुमकिन है।
लिक्विडिटी की बड़ी दिक्कत
Groww में इस समय बेहद कम फ्री-फ्लोट है। कुल शेयरों का सिर्फ 7.2% ही मार्केट में ट्रेड हो रहा है। बाकी फाउंडर, शुरुआती निवेशक और कर्मचारी होल्ड कर रहे हैं, जिनके शेयर लॉक-इन में हैं।
Anchor investors के 50% शेयरों का लॉक-इन 9 दिसंबर 2025 को खत्म होगा। इसका मतलब यह नहीं कि वे सारे शेयर तुरंत बेच दिए जाएंगे, बल्कि सिर्फ यह कि वे ट्रेड होने लायक हो जाएंगे। अनुमान है कि करीब 14.12 करोड़ शेयर तब मार्केट में उपलब्ध हो जाएंगे।
फिलहाल हालात ये हैं कि मंगलवार को Groww में ₹8,680 करोड़ के शेयर ट्रेड हुए, जो कंपनी के फ्री-फ्लोट मार्केट कैप ₹8,430 करोड़ से भी ज्यादा है।
Groww के शेयरों का हाल
बुधवार को Groww का शेयर 10% गिरकर ₹169.89 पर बंद हुआ। हालांकि, अभी भी स्टॉक अपने लिस्टिंग प्राइस से 29.36% ऊपर है। Groww का आईपीओ ₹100 प्रति शेयर पर आया था। इसका मतलब है कि आईपीओ निवेशक अभी भी करीब 70% मुनाफे में हैं। Groww ने लोअर सर्किट से पहले आईपीओ निवेशकों को 94% का बंपर रिटर्न दिया था।
Disclaimer:यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।