आज के डिजिटल दौर में पर्सनल लोन लेना आसान हो गया है, लेकिन गलत लोन ऐप चुनने पर यह आपकी बड़ी मुसीबत बन सकता है। अवैध और लालची पर्सनल लोन ऐप्स लोगों से भारी ब्याज, छिपे चार्ज और डराने-धमकाने की तकलीफ देकर पैसे वसूल रहे हैं। गूगल ने 2021-23 के बीच 4,700 से अधिक फर्जी लोन ऐप्स को हटाया, फिर भी कुछ ऐप्स सक्रिय हैं, जो कम समय में लोन देने का वादा करके लोगों को आकर्षित करते हैं लेकिन फिर उनसे कई गुना रकम वसूलते हैं। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि यूजर परमिशन का ध्यान से अध्ययन करें और अनावश्यक डेटा एक्सेस देने से बचें।
अवैध लोन ऐप्स की चालें और डेटा का दुरुपयोग
ऐसे ऐप्स आपकी फोन में मौजूद फोटो, संपर्क और संदेशों का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं। कुछ तो लोगों की तस्वीरों को मॉर्फ कर डराने-धमकाने तक पहुंच जाते हैं। इसलिए किसी भी ऐप को पूरी एक्सेस देना जोखिम भरा हो सकता है।
कई ऐप्स खुद को बड़े बैंक या नामी एनबीएफसी का पार्टनर बताकर भरोसा जता रहे हैं, लेकिन जरूरी नहीं कि वे रेगुलेटेड हों। RBI ने डिजिटल लेंडिंग के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिसमें इन ऐप्स की पारदर्शिता बढ़ाने पर जोर दिया गया है।
छिपे प्रोसेसिंग फीस और अतिरिक्त चार्ज
कुछ ऐप्स कम ब्याज दिखाकर आकर्षित करते हैं, लेकिन प्रोसेसिंग फीस के नाम पर 10% तक कटौती कर देते हैं। उदाहरण के लिए, ₹10,000 के लोन की राशि में से पहले ही ₹1,000 काट लिए जाते हैं जबकि ब्याज पूरी राशि पर लगाया जाता है, जो पूरी तरह छलावा है।
रिव्यू और यूजर अनुभव जांचें
किसी ऐप का इस्तेमाल करने से पहले गूगल प्ले स्टोर के रिव्यू पढ़ना और जानकारों की सलाह लेना बेहद जरूरी है। कम रेटिंग या नकारात्मक रिव्यू वाले ऐप सबसे अधिक जोखिम भरे साबित होते हैं।
RBI के नए नियम से मिली राहत
RBI ने मई 2025 में डिजिटल लेंडिंग के लिए सख्त नियम लागू किए हैं, जिनमें लोन एग्रीमेंट, अंडरराइटिंग और रिकवरी प्रोसेस पर ध्यान दिया गया है। ये नियम उपभोक्ताओं को धोखाधड़ी से बचाने और पारदर्शी लेंडिंग सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए हैं।
पर्सनल लोन लेना गलत नहीं, लेकिन सही और भरोसेमंद प्लेटफॉर्म का चयन बेहद जरूरी है, जिससे आप धोखाधड़ी से बच सकें और वित्तीय संकट में फंसने से बचाव हो सके। सतर्कता ही आपकी सफलता की कुंजी है।