Income Tax Refund: इस साल इनकम टैक्स रिफंड में काफी देरी हो रही है। इससे बहुत से टैक्सपेयर्स परेशान हैं। लेकिन, अब टैक्सपेयर्स के लिए अच्छी खबर है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने संकेत दिया है कि लंबित वैध रिफंड जल्द जारी किए जा सकते हैं।
समाचार एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, CBDT चेयरमैन रवि अग्रवाल ने बताया कि हाई-वैल्यू और सिस्टम से फ्लैग फाइलों की जांच अंतिम चरण में है। ज्यादातर रिफंड इस महीने या दिसंबर तक क्रेडिट कर दिए जाएंगे।
उन्होंने कहा, 'लो-वैल्यू रिफंड जारी किए जा रहे हैं। कई मामलों में गलत डिडक्शन या रिफंड क्लेम पाए गए हैं, इसलिए जांच जरूरी है। हम उम्मीद करते हैं कि बाकी रिफंड इस महीने या दिसंबर तक जारी हो जाएंगे।'
रिफंड में देरी क्यों हो रही है
CBDT के मुताबिक, कुछ खास वजहों से रिफंड जारी करने में दे रही है।
CBDT चेयरमैन अग्रवाल ने बताया कि इस साल इनकम टैक्स रिफंड्स में कुल मिलाकर गिरावट दर्ज की गई है। इसका मतलब है कि पिछले साल की तुलना में इस बार कम रिफंड जारी किए गए हैं।
इसकी दो बड़ी वजहें सामने आई हैं- पहली, इस साल TDS दरों में बदलाव से कई लोगों को कम टैक्स कटौती हुई, जिससे उन्हें रिफंड की जरूरत ही नहीं पड़ी। दूसरी वजह यह है कि इस बार कम संख्या में टैक्सपेयर्स ने रिफंड के लिए क्लेम किया। यानी कुल मिलाकर, कम रिफंड क्लेम + बदले हुए TDS स्ट्रक्चर की वजह से रिफंड ग्रोथ नीचे दिखाई दे रही है।
आपका रिफंड देर से क्यों आ सकता है?
टैक्स रिफंड लेट आने के कई व्यक्तिगत कारण भी हो सकते हैं। इसमें से कुछ कारण नीचे दिए गए हैं।
आधिकारिक डेटा के अनुसार, 1 अप्रैल से 10 नवंबर तक जारी रिफंड में लगभग 18% की गिरावट दर्ज की गई है। यह कुल ₹2.42 लाख करोड़ से अधिक रहा।
रिटर्न की डेडलाइन में बदलाव
CBDT ने इस साल ITR फॉर्म में हुए बदलाव और सिस्टम अपग्रेड के कारण रिटर्न फाइलिंग की समयसीमा बढ़ाई थी। पहले व्यक्तिगत ITR की आखिरी तारीख 31 जुलाई थी, जिसे बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 किया गया।
बाद में तकनीकी वजहों से इसे एक दिन और बढ़ाकर 16 सितंबर कर दिया गया। इस विस्तार का मकसद था कि सभी करदाताओं को नए सिस्टम पर सुचारू रूप से रिटर्न फाइल करने में आसानी मिल सके।