Income Tax Refund: टैक्सपेयर्स के लिए खुशखबरी! CBDT ने बताया कब तक जारी हो जाएंगे पेंडिंग इनकम टैक्स रिफंड

Income Tax Refund: इस साल टैक्स रिफंड में बड़े स्तर पर देरी हुई है, लेकिन CBDT का कहना है कि हाई-वैल्यू और रेड-फ्लैग्ड मामलों की जांच लगभग पूरी है। विभाग ने संकेत दिया है कि ज्यादातर लंबित रिफंड अब तेजी से जारी कर दिए जाएंगे। जानिए कब तक मिलेगा आपको अपना रिफंड।

अपडेटेड Nov 19, 2025 पर 5:24 PM
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ज्यादातर रिफंड इस महीने या दिसंबर तक क्रेडिट कर दिए जाएंगे।

Income Tax Refund: इस साल इनकम टैक्स रिफंड में काफी देरी हो रही है। इससे बहुत से टैक्सपेयर्स परेशान हैं। लेकिन, अब टैक्सपेयर्स के लिए अच्छी खबर है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने संकेत दिया है कि लंबित वैध रिफंड जल्द जारी किए जा सकते हैं।

समाचार एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, CBDT चेयरमैन रवि अग्रवाल ने बताया कि हाई-वैल्यू और सिस्टम से फ्लैग फाइलों की जांच अंतिम चरण में है। ज्यादातर रिफंड इस महीने या दिसंबर तक क्रेडिट कर दिए जाएंगे।

उन्होंने कहा, 'लो-वैल्यू रिफंड जारी किए जा रहे हैं। कई मामलों में गलत डिडक्शन या रिफंड क्लेम पाए गए हैं, इसलिए जांच जरूरी है। हम उम्मीद करते हैं कि बाकी रिफंड इस महीने या दिसंबर तक जारी हो जाएंगे।'


रिफंड में देरी क्यों हो रही है

CBDT के मुताबिक, कुछ खास वजहों से रिफंड जारी करने में दे रही है।

  • कई रिफंड क्लेम हाई-वैल्यू होने की वजह से अतिरिक्त जांच में लगे हैं।
  • कुछ रिटर्न को सिस्टम ने गलत या संदिग्ध डिडक्शन के आधार पर रेड-फ्लैग किया है।
  • विभाग ने पाया कि कुछ टैक्सपेयर्स ने गलत या जरूरत से ज्यादा डिडक्शन क्लेम किए हैं।
  • कई मामलों में विभाग ने टैक्सपेयर्स को रिवाइज्डरिटर्न दाखिल करने के लिए भी कहा है।

रिफंड ग्रोथ में गिरावट

CBDT चेयरमैन अग्रवाल ने बताया कि इस साल इनकम टैक्स रिफंड्स में कुल मिलाकर गिरावट दर्ज की गई है। इसका मतलब है कि पिछले साल की तुलना में इस बार कम रिफंड जारी किए गए हैं।

इसकी दो बड़ी वजहें सामने आई हैं- पहली, इस साल TDS दरों में बदलाव से कई लोगों को कम टैक्स कटौती हुई, जिससे उन्हें रिफंड की जरूरत ही नहीं पड़ी। दूसरी वजह यह है कि इस बार कम संख्या में टैक्सपेयर्स ने रिफंड के लिए क्लेम किया। यानी कुल मिलाकर, कम रिफंड क्लेम + बदले हुए TDS स्ट्रक्चर की वजह से रिफंड ग्रोथ नीचे दिखाई दे रही है।

आपका रिफंड देर से क्यों आ सकता है?

टैक्स रिफंड लेट आने के कई व्यक्तिगत कारण भी हो सकते हैं। इसमें से कुछ कारण नीचे दिए गए हैं।

  • ₹1 लाख से अधिक के रिफंड पर ज्यादा जांच होती है।
  • अगर आपके रिटर्न में विदेशी आय, कैपिटल गेन या मल्टीपल इनकम सोर्स हैं, तो मैन्युअल जांच में समय लगता है।
  • संशोधित (revised) रिटर्न दाखिल करने पर प्रोसेसिंग समय बढ़ जाता है।
  • रिटर्न को ई-verify न करने पर रिफंड जारी नहीं होता।
  • Form 26AS या AIS से mismatch होने पर रिटर्न होल्ड हो जाता है।
  • बैंक, नियोक्ता या संस्थाओं के आंकड़ों से थोड़ा भी मिसमैच हो तो अतिरिक्त जांच शुरू हो जाती है।

आधिकारिक डेटा के अनुसार, 1 अप्रैल से 10 नवंबर तक जारी रिफंड में लगभग 18% की गिरावट दर्ज की गई है। यह कुल ₹2.42 लाख करोड़ से अधिक रहा।

रिटर्न की डेडलाइन में बदलाव

CBDT ने इस साल ITR फॉर्म में हुए बदलाव और सिस्टम अपग्रेड के कारण रिटर्न फाइलिंग की समयसीमा बढ़ाई थी। पहले व्यक्तिगत ITR की आखिरी तारीख 31 जुलाई थी, जिसे बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 किया गया।

बाद में तकनीकी वजहों से इसे एक दिन और बढ़ाकर 16 सितंबर कर दिया गया। इस विस्तार का मकसद था कि सभी करदाताओं को नए सिस्टम पर सुचारू रूप से रिटर्न फाइल करने में आसानी मिल सके।

Income Tax Refund: इनकम टैक्स रिफंड मिलने में क्यों हो रही देरी, क्या करें टैक्सपेयर्स? जानिए डिटेल

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