Sovereign Gold Bond: इस सीरीज के लिए RBI ने तय की प्रीमैच्योर रिडेम्पशन प्राइस, मिला 171% का बंपर रिटर्न

Sovereign Gold Bond: RBI ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की एक और सीरीज के लिए प्रीमैच्योर रिडेम्पशन प्राइस का ऐलान कर दिया है। निवेशकों को इश्यू प्राइस ₹4,540 के मुकाबले 171% का जोरदार रिटर्न मिलेगा। पांच साल पूरे होने पर यह सीरीज 19 नवंबर से प्रीमैच्योर रिडेम्पशन के लिए लायक हो जाएगी। जानिए डिटेल।

अपडेटेड Nov 19, 2025 पर 4:16 PM
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SGB पर मिलने वाला 2.5% ब्याज आयकर के तहत टैक्सेबल होता है।

Sovereign Gold Bond: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने बताया है कि Sovereign Gold Bond (SGB) 2020-21 सीरीज-II के निवेशक 19 नवंबर 2025 से प्रीमैच्योर रिडेम्पशन के लिए पात्र हो जाएंगे। यह वही सीरीज है जो 19 मई 2020 को जारी हुई थी। नियमों के अनुसार SGB को पांच साल पूरे होने के बाद, सिर्फ ब्याज भुगतान वाली तारीख पर ही समय से पहले भुनाया जा सकता है। आने वाली तारीख इस शर्त को पूरा करती है।

रिडेम्पशन प्राइस कैसे तय हुआ

RBI ने इस किस्त का रिडेम्पशन मूल्य ₹12,330 प्रति यूनिट तय किया है। यह कीमत 999 प्यूरिटी गोल्ड के उन तीन कारोबारी दिनों- 14, 17 और 18 नवंबर 2025 के औसत क्लोजिंग प्राइस पर आधारित है। इन्हें इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) ने प्रकाशित किया था।


निवेशकों को मिलने वाला बड़ा फायदा

इस सीरीज में निवेशकों को बहुत मजबूत रिटर्न मिल रहा है। जिन लोगों ने SGB को ₹4,540 प्रति यूनिट के इश्यू प्राइस पर खरीदा था, उन्हें अब ₹12,330 प्रति यूनिट पर रिडेम्पशन का मौका मिल रहा है। यानी प्रति ग्राम ₹7,790 का सीधा फायदा हो रहा है, जो कुल मिलाकर लगभग 171.5% का रिटर्न बनता है।

इसके अलावा निवेशकों को पांच साल तक 2.5% की छमाही ब्याज आय भी मिली है। इस तरह यह विकल्प कई पारंपरिक निवेशों से कहीं बेहतर रिटर्न देता है।

समय से पहले रिडेम्पशन की प्रक्रिया

SGB की कुल अवधि 8 साल होती है, लेकिन निवेशक पांचवें साल के बाद ब्याज भुगतान की किसी भी तारीख पर इसे समय से पहले भुना सकते हैं। इसके लिए निवेशक को अपने बैंक, पोस्ट ऑफिस या उस एजेंट से रिडेम्पशन अनुरोध देना होता है, जहां से SGB खरीदा गया था। यह प्रक्रिया आमतौर पर कुछ दिन पहले पूरा करनी पड़ती है।

SGB स्कीम क्या है

भारत सरकार ने नवंबर 2015 में SGB योजना शुरू की थी। इसका मकसद लोगों को फिजिकल गोल्ड खरीदने के बजाय एक सुरक्षित, बिना स्टोरेज खर्च वाला विकल्प देना था। RBI इन बॉन्ड्स को सोने के हिसाब से जारी करता है, यानी आपका निवेश 'कितना सोना' के आधार पर मापा जाता है, पैसे के आधार पर नहीं।

निवेशकों को 2.5% वार्षिक ब्याज मिलता है, साथ ही सोने की कीमत बढ़ने पर पूंजी लाभ भी मिलता है। इस स्कीम का मकसद देश में सोने के आयात पर निर्भरता कम करना और घरेलू बचत को वित्तीय साधनों की ओर मोड़ना था।

SGB कैसे काम करते हैं

SGB को बैंक, SHCIL और कई नामित पोस्ट ऑफिस से खरीदा जा सकता है। ऑफलाइन खरीद पर निवेशक को प्रमाणपत्र मिलता है। वहीं, ऑनलाइन खरीद की डिटेल सीधे डिमैट खाते में दर्ज हो जाती है। SGB पर 2.5% सालाना ब्याज मिलता है, जो हर छह महीने में भुगतान किया जाता है। ये बॉन्ड एक्सचेंज पर ट्रेड भी होते हैं और जरूरत पड़ने पर लोन के लिए गिरवी भी रखे जा सकते हैं।

SGB पर टैक्स कैसे लगता है

SGB पर मिलने वाला 2.5% ब्याज आयकर के तहत टैक्सेबल होता है। लेकिन जब निवेशक बॉन्ड को RBI के जरिए रिडीम करता है, तब उस पर कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगता। अगर किसी निवेशक ने SGB को एक्सचेंज पर बेचकर पूंजी लाभ कमाया है, तो उस स्थिति में उसे इंडेक्सेशन बेनिफिट मिलता है।

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