देशभर में दीपावली का त्योहार आते ही उपहारों की खरीददारी में जबरदस्त तेजी देखने को मिलती है, खासकर इस बार सरकार की ओर से जीएसटी में की गई कटौती के बाद महंगे गिफ्ट्स की बिक्री में 15-20 फीसदी तक का इजाफा हुआ है। नोएडा के गुलशन समूह के मॉल में ग्राहकों की संख्या पिछले साल की तुलना में 25-30 प्रतिशत अधिक हुई है। इस तेजी का बड़ा कारण सरकार की ओर से महंगी वस्तुओं पर टैक्स घटाकर ग्राहकों के लिए चीजों को सस्ता और खरीदने में आसान बनाना है, जिससे त्योहारों के अवसर पर उपभोक्ताओं की खरीददारी को बूस्ट मिला है।
पारंपरिक मिठाइयां और ड्राई फ्रूट्स त्योहारों के गिफ्ट पैकेज का अभिन्न हिस्सा हैं, जिनकी मांग 60 से 70 प्रतिशत उपभोक्ताओं में सबसे अधिक बनी हुई है। खासतौर पर खोया से बनी मिठाइयां उपहारों में सबसे ज्यादा पसंद की जा रही हैं। वहीं, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर व्यक्तिगत रूप से तैयार किए गए गिफ्ट पैकेज और भारतीय और विदेशी स्वादों का मिश्रण वाली मिठाइयां भी बाजार में तेजी से लोकप्रिय हो रही हैं, जिससे इस क्षेत्र में पिछले वर्ष की तुलना में 20 से 30 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है।
मिठाइयों के अलावा, चॉकलेट्स भी भव्य उपहारों के रूप में उभर रहे हैं। मनम चॉकलेट जैसे ब्रांड्स ने अपने भारतीय स्वाद वाली चॉकलेट्स की मांग में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी है। ये चॉकलेट्स अब त्योहारों के दौरान पारंपरिक मिठाइयों के लिए एक आधुनिक विकल्प बन चुके हैं।
स्वास्थ्य-सम्बंधी गिफ्ट्स की मांग भी इस बार काफी बढ़ी है। हल्दी वाली चाय, मसालों की किट और फिटनेस से जुड़े सब्सक्रिप्शन के साथ हेल्थ गैजेट्स जैसे स्मार्ट रिंग्स, फिटनेस प्लान और एयर प्यूरीफायर की बिक्री में भी अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि कार, एयर प्यूरीफायर की मांग में 131 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है। फिटनेस ऐप फिट्टर ने भी अपने कोचिंग प्लान और फिटनेस सब्सक्रिप्शन की बढ़ती लोकप्रियता की सूचना दी है।
इस प्रकार, इस दीपावली खरीदार पारंपरिक स्वादों के साथ-साथ आधुनिक तकनीकी और स्वास्थ्य-उन्मुख उपहारों की भी ओर अधिक आकर्षित हो रहे हैं। यह बदलाव त्योहारों के दौरान उपभोक्ताओं के गिफ्टिंग पैटर्न में नया युग लेकर आया है, जो न केवल ग्राहकों के लिए बेहतर विकल्पों का द्वार खोलता है बल्कि उद्योगों को भी नई ऊर्जा प्रदान करता है। जीएसटी कटौती का यह असर ना केवल त्योहारी सीजन तक सीमित रहेगा, बल्कि इसके चलते उपभोक्ता खरीदारी की प्रवृत्ति में स्थायी सकारात्मक बदलाव आने की संभावना है।