GST का स्ट्रक्चर आसान बनाएगी सरकार, स्लैब की संख्या घटकर सिर्फ 2 रह जाएगी

जीएसटी सिस्टम 1 जुलाई, 2027 को लागू हुआ था। सरकार अब इस सिस्टम को आसान बनाने के लिए बड़े रिफॉर्म्स करने जा रही है। इसमें स्लैब की संख्या कम करने के साथ ही जरूरी चीजों पर टैक्स के रेट्स में कमी करने का प्लान है। इससे आम आदमी को काफी राहत मिलेगी

अपडेटेड Aug 15, 2025 पर 12:40 PM
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एक्सपर्ट्स का कहना है कि जीएसटी स्ट्रक्चर आसान होने से कंप्लायंस बढ़ेगा। साथ ही रेट्स रैशनलाइजेशन से कई सेक्टर की ग्रोथ बढ़ेगी।

जीएसटी सिस्टम में रिफॉर्म्स जल्द लागू होने जा रहे हैं। सरकार ने दो स्लैब वाले आसान जीएसटी स्ट्रक्चर का प्रस्ताव पेश किया है। इनमें-स्टैंडर्ड और मेरिट स्बैल्स शामिल होंगे। स्पेशल रेट्स के तहत सिर्फ चुनिंदा आइटम्स आएंगे। सरकार ने यह प्रस्ताव ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (जीओएम) को भेज दिया है। जीएसटी काउंसिल ने 2021 में जीएसटी सिस्टम के रिव्यू के लिए यह जीओएम बनाया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगली पीढ़ी के जीएसटी रिफॉर्म्स का ऐलान 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से किया।

8 साल पहले लागू हुआ था जीएसटी सिस्टम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि GST सिस्टम 2017 में लागू हुआ था। उन्होंने कहा कि यह अब तक हुए बड़े रिफॉर्म्स में से एक था। इसमें अगली पीढ़ी के रिफॉर्म्स से आम आदमी, किसान, मिडिल क्लास और एमएसएमई को राहत मिलेगी। यह रिफॉर्म्स तीन स्तंभों -स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स, रेट रैशनलाइजेशन और ईज ऑफ लिविंग पर आधार है। स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स के तहत सरकार इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर की समस्या को खत्म करेगी। आइटम्स के क्लासिफिकेशन के लेकर विवादों में कमी लाने पर फोकस होगा। साथ ही लंबी अवधि में जीएसटी रेट में स्टैबिलिटी बनाए रखने पर फोकस होगा।


रजिस्ट्रेशन प्रोसेस को आसान बनाने पर फोकस

सरकार जीएसटी में टैक्स स्ट्रक्चर को भी आसान बनाना चाहती है। इसके तहत जरूरी चीजों सहति कई चीजों पर टैक्स में कमी करने का प्लान है। इससे आगे दो स्लैब वाले सिस्टम का रास्ता बनेगा। सरकार की कोशिश ईज ऑफ लिविंग बढ़ाने की है। इसके लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन प्रोसेस को आसान बनाने के उपाय होंगे। रजिस्ट्रेशन प्रोसेस में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बढ़ेगा। प्री-फिल्ड रिटर्न का इस्तेमाल होगा, जिससे मिसमैच के मामलों में कमी आएगी।

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जीएसटी रेट्स घटने से चीजों की कीमतों में आएगी कमी

एक्सपर्ट्स का कहना है कि जीएसटी स्ट्रक्चर आसान होने से कंप्लायंस बढ़ेगा। साथ ही रेट्स रैशनलाइजेशन से कई सेक्टर की ग्रोथ बढ़ेगी। देश में वैल्यू एडिशन को बढ़ावा मिलेगा। चीजों की कीमतें घटने से उन्हें खरीदने में लोगों की दिलचस्पी बढ़ेगी, जिससे इकोनॉमी में डिमांड में इजाफा होगा। सरकार इन बदलावों को लेकर जीएसटी काउंसिल के सदस्यों के बीच सहमति बनाने की कोशिश करेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जीएसटी काउंसिल की प्रमुख है। इसमें सभी राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हैं।

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