GST के नए रेट्स लागू होने में बचे हैं सिर्फ 2 दिन, जानिए कैसी है दुकानदारों की तैयारी

टैक्स में कमी के हिसाब से दवाओं की कीमतों में कमी करने के लिए ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिक्स्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (AIOCD) ने फार्मा कंपनियों को क्यूआर-कोड आधारित प्राइस लिस्ट देने को कहा है। इससे रिटेलर्स को स्टॉक की रिलेबलिंग के बगैर तुरंत रिवाइज्ड कीमतों को वेरिफाय करने में मदद मिलेगी

अपडेटेड Sep 19, 2025 पर 9:50 PM
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एफएमसीजी कंपनियों के डिस्ट्रिब्यूटर्स वेयरहाउसिंग और सप्लाई चेन को अपडेट कर रहे हैं। लेकिन, उनका कहना है कि ग्राहकों को जीएसटी में कमी का पूरा फायदा मिलने में थोड़ा समय लग सकता है।

जीएसटी के नए रेट्स लागू होने में अब सिर्फ दो दिन बचे हैं। 22 सितंबर से नए रेट्स लागू हो जाएंगे। लोगों को 22 सितंबर से रोजाना इस्तेमाल होने वाली कई चीजों के दाम में कमी आने की उम्मीद है। सरकार ने भी कंपनियों को टैक्स में कमी का लाभ लोगों को देने को कहा है। एफएमसीजी, ऑटो से लेकर कई सेक्टर की कंपनियां प्रोड्क्ट्स की कीमतों में कमी का ऐलान कर चुकी हैं। सवाल है कि डीलर्स, रिटेलर्स सहित सप्लाई चेन से जुड़े दूसरे लोग इसके लिए कितना तैयार हैं?

बिलिंग सॉफ्टेवयर और रीलेबलिंग सबसे बड़ा चैलेंज

दवा बेचने वाले दुकानदार के सामने दवाओं के पैक पर दोबारा लेबल लगाने और बिलिंग सॉफ्टवेयर को अपडेट करने का चैलेंज है। दिल्ली में एक हेल्थकेयर फॉर्मेसी के मालिक पीयूष त्यागी ने कहा, "हमें दवाओं की कीमतों की संशोधित लिस्ट डिस्ट्रिब्यूटर्स से मिल गई है। लेकिन, सॉफ्टवेयर को अपडेट करना और दोबारा लेबल लगाने में दिक्कत आ रही है। कस्टमर्स तुरंत अपडेटेड लिस्ट की मांगेंगे। इसलिए हमें इसके लिए तैयार रहना होगा।"


केमिस्ट्स को पुराने लेबल पर कम एमआरपी लेने का निर्देश

टैक्स में कमी के हिसाब से दवाओं की कीमतों में कमी करने के लिए ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिक्स्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (AIOCD) ने फार्मा कंपनियों को क्यूआर-कोड आधारित प्राइस लिस्ट देने को कहा है। इससे रिटेलर्स को स्टॉक की रिलेबलिंग के बगैर तुरंत रिवाइज्ड कीमतों को वेरिफाय करने में मदद मिलेगी। छोटे केमिस्ट शॉप के मालिकों और किराना दुकानदारों को एमआरपी के पुराने लेबल लगे होने के बावजूद कम कीमतों पर प्रोडक्ट्स बेचने को कहा गया है। इससे शुरुआती दिनों में बिलिंग काउंटर्स पर दुविधा की स्थिति पैदा हो सकती है।

एफएमसीजी के डिस्ट्रिब्यूटर्स रीलेबलिंग में जुटे

एफएमसीजी कंपनियों के डिस्ट्रिब्यूटर्स वेयरहाउसिंग और सप्लाई चेन को अपडेट कर रहे हैं। लेकिन, उनका कहना है कि ग्राहकों को जीएसटी में कमी का पूरा फायदा मिलने में थोड़ा समय लग सकता है। एफएमसीजी डिस्ट्रिब्यूशन फर्म अराध्या एंटरप्राइजेज के मालिक पुष्पेंद्र प्रताप ने कहा, "कंपनियों ने हमें नए एमआरपी के बारे में बताना शुरू कर दिया है। नए स्टॉक पर संशोधित कीमतें प्रिंट होंगी। लेकिन, जो प्रोडक्ट्स पहले से स्टॉक में हैं, उनके लेबल को एक रात में नहीं बदला जा सकता। इसलिए ग्राहकों को इसका पूरा असर दिखने में थोड़ा टाइम लग सकता है।"

ऑटो कंपनियां और डीलर्स ज्यादा तैयार

ऑटो सेक्टर में कंपनियां ज्यादा तैयार दिख रही हैं। कार बनाने वाली कंपनियों ने पहले ही संशोधित प्राइस लिस्ट के ऐलान कर दिए हैं। डीलर्स ग्राहकों को जीएसटी के नए रेट्स के मुताबिक इनवॉयसेज इश्यू करने की तैयारी कर रहे हैं। कर्मा ह्यूंडई के दीपांशु सिंह ने कहा कि 22 सितंबर से जिस कार की इनवायस जेनरेट होगी, उसमें जीएसटी के नए रेट्स दिखेंगे। ग्राहक पहले से ही डीलरों से पूछ रहे हैं कि 22 सितंबर से गाड़ी खरीदने पर उन्हें कितना फायदा मिलेगा।

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ज्यादातर ऑटो कंपनियां जारी कर चुकी हैं नई प्राइस लिस्ट

मारुति ने 18 सितंबर को अपने मॉडल्स की कीमतों का ऐलान किया। टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा और ह्यूंडई भी नए टैक्स रेट्स के हिसाब से गाड़ियों बेचने की तैयारी में हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि 22 सितंबर से शारदीय नवरात्र भी शुरू हो रहा है। पहले दशहरा, फिर धनतेरस और उसके बाद दिवाली आएगी। इसलिए अगला महीना गाड़ियों की बिक्री के लिहाज से काफी अहम रहने वाला है। कारों की बिक्री इस साल 15 अगस्त के बाद से ही काफी घट गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले के प्राचीर से जीएसटी में कमी का ऐलान किया था।

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First Published: Sep 19, 2025 9:45 PM

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