परिवारों का मासिक खर्च 22 सितंबर से कम हो जाएगा। उन्हें ग्रॉसरी, इंश्योरेंस, कपड़ों से लेकर कई चीजों के लिए कम कीमत चुकानी पड़ेगी। सरकार ने कंजम्प्शन को बढ़ावा देने के लिए त्योहारों के मौके पर जीएसटी रिफॉर्म्स किया है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि चीजों की कीमतें घटने से लोगों का बजट कम हो जाएगा। लोगों को अपने हाथ में बचे पैसे का इस्तेमाल इनवेस्टमेंट के लिए करना चाहिए। इनवेस्टर्स सिप के जरिए म्यूचुअल फंड्स में अपना निवेश बढ़ा सकते हैं। वे इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड्स या गोल्ड ईटीएफ में भी निवेश कर सकते हैं।
त्योहारों से पहले चीजें होंगी सस्ती
मासिक खर्च में आने वाली कमी का अनुमान लगाना जरूरी है। टैक्सकनेक्ट एडवायजरी सर्विसेज के पार्टनर विवेक जालान ने बताया कि ऐसा परिवार जिसका मासिक खर्च करीब 80,000 रुपये है, वह GST घटने के बाद हर महीने करीब 1,639 रुपये की सेविंग्स कर सकता है। जीएसटी के नए रेट्स 22 सितंबर से लागू होने वाले हैं। 22 सितंबर को शारदीय नवरात्रि का पहला दिन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से जीएसटी में कमी का ऐलान किया था।
मनीकंट्रोल ने एक आम परिवार के मासिक खर्च का अंदाजा लगाया है। यह माना गया है कि एक परिवार फूड और ग्रॉसरीज पर हर महीने 20,000 रुपये खर्च करता है। जीएसटी घटने के बाद यह खर्च घटकर 18,750 रुपये रह जाएगा। यूटिलिटी बिल पर 8,000 रुपये खर्च होता है। हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर 3,348 रुपये खर्च होता है। यह घटकर 2,837 रुपये रह जाएगा।
ज्यादातर आइटम्स 5 फीसदी के स्लैब में
जालान ने कहा कि ज्यादातर आइटम्स 12 फीसदी से घटकर 5 फीसदी के स्लैब में आ जाएंगे। इससे काफी पैसा परिवारों का बचेगा। अगर किसी परिवार का मासिक बजट 3 लाख रुपये प्रति माह है तो उसकी सेविंग्स हर महीने 4,000 रुपये होगी। अगर किसी परिवार का मंथली बजट 10 लाख रुपये है तो उसकी बचत हर महीने 11,400 रुपये तक जा सकती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि परिवार का बजट ज्यादा है तो उसकी सेविंग्स ज्यादा होगी और अगर बजट कम है तो सेविंग्स कम होगी।
हाथ में बचे पैसे को निवेश करने में फायदा
आपकी सेविंग्स कम या ज्यादा हो सकती है, लेकिन सेविंग्स के पैसे को इनवेस्ट करना आपके हाथ में है। ऑप्टिमा मनी मैनेजर्स के फाउंडर पंकज मठपाल ने कहा, "यह लोगों के हाथ में है कि वे अपना खर्च बढ़ाना चाहते हैं या अपनी सेविंग्स बढ़ाना चाहते हैं।" उन्होंने कहा कि अगर आप 100 रुपये की कोई चीज खरीदना चाहते हैं तो जीएसटी घटने के बाद वह चीज आपको 90 रुपये में मिलेगी। आपके हाथ में 10 रुपये बचेंगे। यह आपके हाथ में है कि आप इस 10 रुपये से कोई दूसरी चीज खरीदना चाहते हैं या इस पैसे को इनवेस्ट करना चाहते हैं। अगर आप इस पैसे को इनवेस्ट करते हैं तो यह आपके लिए अच्छा होगा।
त्योहारों में सोचसमझकर करें खरीदारी
त्योहारों के दौरान आम तौर पर परिवार का खर्च बढ़ जाता है। इस बार जीएसटी घटने के बाद लोगों को लुभाने के लिए ब्रांड्स और कंपनियां भी नए ऑफर पेश करेंगी। लेकिन, आपको अपना खर्च बढ़ाने की जगह हाथ में बचने वाले पैसे को इनवेस्ट करना चाहिए। इक्विटी फंड या गोल्ड ईटीएफ में हर महीने थोड़ा-थोड़ा भी ज्यादा निवेश करने से लंबी अवधि में बड़ा फंड तैयार करने में मदद मिलती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि हाथ में बचने वाले पैसे का इस्तेमाल आप अपने एसेट ऐलोकेशन के हिसाब से कर सकते हैं।