GST पोर्टल पर सात साल से ज्यादा पुराने रिटर्न के डेटा उपलब्थ नहीं होंगे, टैक्सपेयर्स 30 सितंबर तक कर सकते हैं डाउनलोड

जीएसटी का सिस्टम जुलाई 2017 में लागू किया गया था। इसका मतलब है कि इसको लागू हुए सात साल ज्यादा समय बीत चुका है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि टैक्सपेयर्स 30 सितंबर, 2024 तक सात साल से पुराने डेटा को जीएसटी पोर्टल से डाउनलोड कर अपने पास स्टोर कर सकते हैं। इससे भविष्य में जरूरत पड़ने पर दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा

अपडेटेड Sep 27, 2024 पर 5:03 PM
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जीएसटीएन की एडवायजरी में कहा गया है कि जीएसटी पोर्टल की डेटा पॉलिसी के मुताबिक, टैक्सपेयर्स अब सिर्फ सात साल पुराने रिटर्न के डेटा ही एक्सेस कर पाएंगे।

अगर आपकी फर्म का जीएसटी रेजिस्ट्रेशन है तो यह खबर बहुत अहम है। टैक्सपेयर्स के 7 साल से ज्यादा पुराने जीएसटी रिटर्न के डेटा जीएसटी पोर्टल से डिलिट कर दिए जाएंगे। गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स नेटवर्क (जीएसटीएन) ने यह ऐलान किया है। उसने कहा है कि 1 अक्टूबर से टैक्सपेयर्स सात से ज्यादा पुराने रिटर्न को एक्सेस नहीं कर पाएंगे। जीएसटीएन के इस कदम का मकसद क्या है?

GSTN ने 24 सितंबर को जारी की है एडवायजरी

एक्सपर्ट्स का कहना है कि रिटर्न (GST Return) के बहुत पुराने डेटा की वजह से जीएसटी पोर्टल पर लोड काफी बढ़ जाता है। इसलिए जीएसटी नेटवर्क ने 7 साल से पुराने रिटर्न के डेटा को हटाने का फैसला लिया है। इसका मतलब है कि अगर कोई टैक्सपेयर्स सात से ज्यादा पुराने अपने रिटर्न के डेटा को देखना चाहता है तो वह उपलब्ध नहीं होगा। जीएसटीएन ने इस बारे में 24 सितंबर को एक एडवायजरी जारी की है।


टैक्सपेयर्स अपने पास पुराने डेटा रख सकते हैं

जीएसटीएन की एडवायजरी में कहा गया है कि जीएसटी पोर्टल की डेटा पॉलिसी के मुताबिक, टैक्सपेयर्स अब सिर्फ सात साल पुराने रिटर्न के डेटा ही एक्सेस कर पाएंगे। उसने यह भी अब हर महीने सात साल से पुराने डेटा हटा दिए जाएंगे। इसके तहत 1 अक्टूबर, 2024 को सितंबर 2017 के डेटा डिलिट कर दिए जाएंगे। एक्सपर्ट्स का कहना है कि जो टैक्सपेयर्स अपने रिटर्न के सात साल से पुराने डेटा को रखना चाहते हैं वो जीएसटी पोर्टल से डाउनलोड कर इसे अपने पास रख सकते हैं।

जीएसटी को लागू हुए 7 साल से ज्यादा हो चुके हैं

जीएसटी का सिस्टम जुलाई 2017 में लागू किया गया था। कई टैक्स को मिलाकर एक टैक्स की व्यवस्था शुरू की गई थी। इसका मकसद अलग-अलग राज्यों में गुड्स और सर्विसेज पर टैक्स के रेट में समानता लाना और टैक्स सिस्टम को आसान बनाना था। शुरुआती सालों में टैक्सपेयर्स को नए सिस्टम की वजह से दिक्कत का सामना करना पड़ा था। लेकिन, अब दिक्कतें काफी हद तक दूर हो गई है। जीएसटी से सरकार को होने वाली कमाई भी लगातार बढ़ रही है। टैक्स चोरी के मामलों में कमी आई है।

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30 सितंबर तक पुराने डेटा डाउनलोड किए जा सकते हैं

एक्सपर्ट्स का कहना है कि टैक्सपेयर्स 30 सितंबर, 2024 तक सात साल से पुराने डेटा को जीएसटी पोर्टल से डाउनलोड कर अपने पास स्टोर कर सकते हैं। इससे भविष्य में जरूरत पड़ने पर दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा। हालांकि, सात साल से ज्यादा पुराने डेटा सरकार के पास उपलब्ध होंगे। लेकिन, इसकी कॉपी हासिल करना बहुत आसान नहीं होगा।

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First Published: Sep 27, 2024 4:58 PM

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