आप टैक्सपेयर हैं या निवेश और सेविंग्स करते हैं तो इन 11 नियमों को जान लीजिए, ये 1 अक्टूबर से होंगे लागू
फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) के ट्रेड्स पर सिक्योरिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स (STT) 1 अक्टूबर से बढ़ जाएगा। शेयर बायबैक पर टैक्स के नए नियम 1 अक्टूबर से लागू होंगे। 1 अक्टूबर से केंद्र और राज्य सरकारों के कुछ खास बॉन्ड्स के इंटरेस्ट पर 10 फीसदी टीडीएस लागू होगा। इनमें फ्लोटिंग रेट बॉन्ड्स भी शामिल होंगे
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की डायरेक्ट विवाद से विश्वास स्कीम 2024 अगले महीने की 1 तारीख से खुल जाएगी।
निवेश, सेविंग्स और टैक्स से जुड़े कई नियम 1 अक्टूबर से बदलने जा रहे हैं। इनमें से कुछ का ऐलान इस साल जुलाई में आए यूनियन बजट में हुआ था। अगर आप टैक्सपेयर्स, इनवेस्टर्स हैं तो आपके लिए इनके बारे में जानना जरूरी है। सेविंग्स करने वाले लोगों को भी इनके बारे में जान लेने से फायदा होगा। आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं।
NRI के लिए पीपीएफ के नियमों में बदलाव
NRI के लिए पीपीएफ (PPF) के नियम 1 अक्टूबर से बदल जाएंगे। जो एनआरआई अपना स्टेटस बताए बगैर पीपीएफ में निवेश कर रहे हैं, उन्हें 1 अक्टूबर से अपने इनवेस्टमेंट पर इंटरेस्ट नहीं मिलेगा।
एचडीएफसी बैंक के इनफिनिया क्रेडिट कार्ड के नए नियम
एचडीएफसी बैंक के इनफिनिया क्रेडिट कार्ड के लिए रिवॉर्ड्स रिडेम्प्शन के नियम बदल जाएंगे। इससे एचडीएफसी स्मार्टबाइ के जरिए एपल प्रोडक्ट्स और तनिष्क वाउचर्स के रिडेम्प्शन के नियम बदल जाएंगे। 1 अक्टूबर से इनफिनिया कार्डहोल्डर्स हर तिमाही सिर्फ एक एपल प्रोडक्ट पर प्वाइंट्स रिडीम कर सकेंगे।
बैंक और एनबीएफसी KFS इश्यू करेंगी
बैंकों और एनबीएफसी को 1 अक्टूबर से ग्राहकों को की फैक्ट स्टेटमेंट (KFS) जारी करना होगा। इससे ग्राहकों को यह समझने में मदद मिलेगी कि लोन पर उन्हें कुल कितनी फीस और चार्जेज चुकाने होंगे।
बीमा कंपनियों की पुरानी पॉलिसी पर नए नियम लागू होंगे
लाइफ और हेल्थ की पुरानी पॉलिसी और मौजूदा पॉलिसी पर भी नए प्रोडक्ट्स से जुड़े नियम लागू होंगे। बीमा नियामक IRDAI ने मार्च में ये नियम लागू किए थे। बीमा कंपनियों को पुरानी और मौजूदा पॉलिसी पर इन नए नियमों को लागू करने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया गया था। इसका मतलब है कि अगर आपके पास पहले से पॉलिसी है तो उसके रिन्यूअल के वक्त उसमें नए क्लॉज शामिल कर दिए जाएंगे।
पॉलिसी सरेंडर करने पर मिलेंगे ज्यादा पैसे
बीमा नियामक ने जून में कहा था कि अगर एक साल के बाद पॉलिसीहोल्डर एग्जिट करता है तो बीमा कंपनी को स्पेशल सरेंडर वैल्यू का पेमेंट करना होगा। यह नियम 1 अक्टूबर से लागू हो जाएगा। पहले एक साल के बाद एग्जिट करने पर पॉलिसीहोल्डर का पूरा प्रीमियम डूब जाता था।
म्यूचुअल फंड की यूनिट के रिपर्चेज पर 20% टीडीएस से राहत
म्यूचुअल फंड्स या यूटीआई की तरफ से यूनिट के रिपर्चेज पर लागू 20 फीसदी टीडीएस अब नहीं देना होगा। यह नियम 1 अक्टूब से लागू हो जाएगा। इसका मकसद निवेशकों पर टैक्स का बोझ कम करना है।
एफएंडओ ट्रेड्स पर ज्यादा STT
फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) के ट्रेड्स पर सिक्योरिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स (STT) 1 अक्टूबर से बढ़ जाएगा। इसका ऐलान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई को यूनियन बजट में किया था। सरकार ने एफएंडओ ट्रेडिंग में रिटेल इनवेस्टर्स के पार्टिसिपेशन पर अंकुश लगाने के लिए एसटीटी बढ़ाने का फैसला किया है। एसटीटी ऐसा टैक्स है, जो सिक्योरिटीज खरीदने और बेचने पर लगाता है। सिक्योरिटीज में शेयर, फ्यूचर और ऑप्शंस शामिल हैं। ऑप्शंस प्रीमियम पर एसटीटी बढ़कर 0.1 फीसदी हो जाएगा। फ्यूचर्स पर एसटीटी बढ़कर ट्रेड प्राइस का 0.02 फीसदी हो जाएगा।
सरकारी बॉन्ड्स के इंटरेस्ट पर TDS
1 अक्टूबर से केंद्र और राज्य सरकारों के कुछ खास बॉन्ड्स के इंटरेस्ट पर 10 फीसदी टीडीएस लागू होगा। इनमें फ्लोटिंग रेट बॉन्ड्स भी शामिल होंगे। इसका ऐलान सरकार ने इस साल यूनियन बजट में किया था। अब तक सरकार के बॉन्ड्स टीडीएस के दायरे से बाहर थे। एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकारी बॉन्ड्स के टीडीएस के दायरे में आ जाने से उनके रिटर्न पर असर पड़ेगा। हालांकि, टीडीएस के लिए 10,000 रुपये की लिमिट है। इसका मतलब है कि अगर एक साल में सरकारी बॉन्ड्स से बतौर इंटरेस्ट 10,000 रुपये से कम अमाउंट आता है तो यह टीडीएस के दायरे में नहीं आएगा।
शेयर बायबैक पर टैक्स के नए नियम
शेयर बायबैक पर टैक्स के नए नियम 1 अक्टूबर से लागू होंगे। अब शेयर बायबैक में हिस्सा लेने वाले इनवेस्टर को कैपिटल गेंस पर टैक्स चुकाना होगा। पहले इनवेस्टर को शेयर बायबैक में हिस्सा लेने पर कैपिटल गेंस पर टैक्स नहीं चुकाना पड़ता था। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे इनवेस्टर्स के शेयर बायबैक प्रोग्राम में पार्टिसिपेशन पर असर पड़ सकता है।
आधार के नए नियम
1 अक्टूबर से पर्मानेंट अकाउंट नंबर (PAN) के लिए आवेदन करने के लिए या इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए आधार इनरॉलमेंट आईटी के इस्तेमाल की इजाजत नहीं होगी। सरकार ने पैन के दुरुपयोग के मामलों पर रोक लगाने के लिए यह फैसला लिया है।
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डायरेक्ट विवाद से विश्वास स्कीम 2024
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की डायरेक्ट विवाद से विश्वास स्कीम 2024 अगले महीने की 1 तारीख से खुल जाएगी। इस स्कीम के तहत टैक्स के लंबित मामलों का निपटारा कम पेनाल्टी और कम इंटरेस्ट चुकाकर करने की सुविधा टैक्सपेयर्स को मिलेगी। इस स्कीम का फायदा ऐसे टैक्सपेयर्स उठा सकेंगे, जिनके टैक्स के मामले 22 जुलाई, 2024 तक एपेलेट अथॉरिटीज, हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में लंबित होंगे।