हेल्थ इंश्योरेंस टैक्स बचाने में काफी मदद करता है। इलाज के बढ़ते खर्च को देखते हुए हेल्थ पॉलिसी में लोगों की दिलचस्पी बढ़ी है। अगर आपने अब तक हेल्थ पॉलिसी नहीं खरीदी है तो आप इसे खरीदकर काफी टैक्स बचा सकते हैं। हालांकि, आपको यह ध्यान में रखना जरूरी है कि हेल्थ पॉलिसी पर डिडक्शन सिर्फ इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम में मिलता है। इनकम टैक्स की नई रीजीम में हेल्थ पॉलिसी पर डिडक्शन नहीं मिलता है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
सेक्शन 80डी के तहत डिडक्शन
इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 80डी के तहत हेल्थ पॉलिसी पर डिडक्शन मिलता है। कोई व्यक्ति खुद, अपनी फैमिली और मातापिता के लिए हेल्थ पॉलिसी खरीदकर डिडक्शन क्लेम कर सकता है। अगर किसी व्यक्ति का टैक्स काफी ज्यादा बनता है तो वह हेल्थ पॉलिसी खरीदकर टैक्स बचा सकता है। कोई व्यक्ति खुद और अपनी फैमिली के लिए हेल्थ पॉलिसी खरीदकर उसके प्रीमियम पर 25,000 रुपये डिडक्शन का दावा कर सकता है। कोई व्यक्ति अपने बुजुर्ग मातापिता के लिए हेल्थ पॉलिसी खरीदकर उसके प्रीमियम पर 50,000 रुपये प्रीमियम का दावा कर सकता है। अगर मातापिता की उम्र 60 साल से कम है तो फिर 25,000 रुपये डिडक्शन का दावा किया जा सकता है।
हेल्थ पॉलिसी के दो फायदें
श्रीराम जनरल फाइनेंस के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर और चीफ अंडरराइटिंग अफसर शशि कांत दहुजा ने कहा कि सेक्शन 80डी के तहत डिडक्शन क्लेम कर आप न सिर्फ खुद और अपनी फैमिली के लिए हेल्थ केवरेज लेते हैं, बल्कि आप आप टैक्स-सेविंग्स भी करते हैं। इस तरह हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने के दो फायदे हैं। पहला, इससे आप इलाज के खर्च को लेकर चिंतित नहीं रहते हैं। दूसरा, इससे आपकी टैक्स लायबिलिटी कम हो जाती है।
31 मार्च से पहले खरीद लें पॉलिसी
एक्सपर्ट्स का कहना है कि 31 मार्च से पहले आप पॉलिसी खरीदकर वित्त वर्ष 2024-25 में टैक्स-सेविंग्स कर सकते हैं। अगर कोई व्यक्ति 31 मार्च के बाद हेल्थ इंश्योरेंस खरीदता है तो वह FY25 में टैक्स-सेविंग्स नहीं कर पाएगा।
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खुद की हेल्थ पॉलिसी जरूर खरीदें
एक्सपर्ट्स का कहना है कि जो लोग प्राइवेट नौकरी करते हैं वे भी हेल्थ पॉलिसी खरीदकर अपनी टैक्स लायबिलिटी कम कर सकते हैं। कई लोग इसलिए हेल्थ पॉलिसी नहीं खरीदते हैं, क्योंकि उन्हें कंपनी की तरफ से हेल्थ पॉलिसी मिलती है। लेकिन, ऐसी पॉलिसी का लाभ कंपनी छोड़ते ही बंद हो जाता है। अपनी हेल्थ पॉलिसी होने पर व्यक्ति के पास कंपनी छोड़ने के बाद भी हेल्थ कवरेज रहता है।