Healthcare NFO: म्यूचुअल फंड की हेल्थकेयर स्कीम में करना चाहते हैं निवेश, फायदों के साथ समझिए जोखिम
Bandhan AMC ने नया हेल्थकेयर थीमैटिक फंड लॉन्च किया है, जिसकी NFO 10 से 24 नवंबर तक खुलेगी। यह फंड भारत के तेजी से बढ़ते हेल्थकेयर सेक्टर में ग्रोथ कैप्चर करेगा। इसमें फायदे के साथ कुछ खास जोखिम भी शामिल हैं। जानिए डिटेल।
भारत का हेल्थकेयर खर्च अभी GDP का सिर्फ 5.4% है, जबकि अमेरिका में यह 16.5% है।
Healthcare NFO: म्यूचुअल फंड हाउस Bandhan AMC ने नया हेल्थकेयर फंड लॉन्च किया है। इसका न्यू फंड ऑफर (NFO) 10 नवंबर से 24 नवंबर तक खुलेगा। यह फंड BSE Healthcare TRI को बेंचमार्क करेगा और इसका मैनेजमेंट Bandhan AMC के वाइस प्रेसिडेंट-इक्विटीज विराज कुलकर्णी करेंगे। यह एक थीमैटिक फंड है।
इसका मकसद भारत के तेजी से बढ़ते हेल्थकेयर सेक्टर में मौजूद मौकों को भुनाना है। यह ग्रोथ उम्र बढ़ने, आय में वृद्धि और बदलती लाइफस्टाइल जैसी लंबी अवधि की ट्रेंड्स से आ रही है।
भारत में हेल्थकेयर खर्च अभी भी कम
भारत का हेल्थकेयर खर्च अभी GDP का सिर्फ 5.4% है, जबकि अमेरिका में यह 16.5% है। अगले 20 साल में भारत की मिडियन एज 28 से बढ़कर 38 होने की उम्मीद है। ऐसे में हेल्थकेयर, क्रॉनिक बीमारियों और प्रिवेंटिव केयर पर खर्च तेजी से बढ़ सकता है। कुलकर्णी का कहना है कि यह सिर्फ शॉर्ट टर्म ट्रेंड नहीं, बल्कि लॉन्ग टर्म का स्ट्रक्चरल बदलाव है।
वैल्यूएशन और सेक्टर आउटलुक
BSE Healthcare Index इस समय करीब 35x ट्रेलिंग P/E पर ट्रेड कर रहा है, जो इसके लंबे समय के औसत के आसपास है। Bandhan AMC का मानना है कि सेक्टर के मजबूत कैश फ्लोज और बेहतर रिटर्न रेशियो इन वैल्यूएशन को जायज ठहराते हैं।
इतिहास में भी BSE Healthcare Index ने Nifty 50 को लगभग 2-2.5% सालाना से बेहतर प्रदर्शन किया है। नए फंड का लक्ष्य अपने बेंचमार्क से 2-4% अतिरिक्त रिटर्न (alpha) देने का है। हेल्थकेयर स्टॉक्स आम तौर पर FMCG की तरह प्रीमियम वैल्यूएशन पर इसलिए ट्रेड करते हैं क्योंकि ये स्थिर कैश फ्लो, मजबूत ROE और डिफेंसिव नेचर देते हैं।
किन जोखिमों पर ध्यान देना जरूरी है?
1. रेगुलेटरी रिस्क: US FDA का जोखिम अभी भी मौजूद है। हालांकि अब सेक्टर का सिर्फ 22% हिस्सा US जेनेरिक्स पर निर्भर है, जो 2015 में 70% था। फंड उन कंपनियों पर फोकस करेगा जिनकी कई बाजारों में मौजूदगी है।
2. वैल्यूएशन और वोलैटिलिटी: हेल्थकेयर स्टॉक्स प्रीमियम पर ट्रेड करते हैं, इसलिए शॉर्ट-टर्म में उतार-चढ़ाव आ सकता है। निवेशकों को कम से कम 5 साल की अवधि के लिए निवेश करना चाहिए।
3. कंसंट्रेशन रिस्क: फंड में किसी भी सब-सेगमेंट का एक्सपोजर 20-30% से ज्यादा नहीं होगा, ताकि किसी एक थीम पर अत्यधिक निर्भरता न बने।
कैसे कर सकते हैं इस फंड में निवेश
Bandhan AMC के इस हेल्थकेयर फंड में निवेशक NFO अवधि (10 नवंबर से 24 नवंबर) के दौरान अपनी बैंक/ब्रोकिंग ऐप, म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर, AMC की वेबसाइट या किसी भी ऑनलाइन निवेश प्लेटफॉर्म के जरिए निवेश कर सकेंगे
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निवेशक SIP या एकमुश्त (lump-sum) दोनों तरीकों से पैसा लगा सकते हैं। न्यूनतम निवेश राशि वही होगी जो AMC अपने सामान्य इक्विटी फंड्स के लिए तय करती है। NFO बंद होने के बाद यह फंड नियमित योजनाओं की तरह स्टॉक मार्केट में ट्रेड नहीं होगा, बल्कि NAV (Net Asset Value) के आधार पर रिडेम्प्शन और आगे के निवेश स्वीकार करेगा।
पोर्टफोलियो में इस फंड की भूमिका
कुलकर्णी का कहना है कि यह फंड कोर पोर्टफोलियो की बजाय 5-10% के सैटेलाइट अलोकेशन में रखना चाहिए। यह उन निवेशकों के लिए ठीक है जो लंबी अवधि के लिए निवेश कर सकते हैं, पोर्टफोलियो में डाइवर्सिफिकेशन चाहते हैं और शॉर्ट-टर्म उतार-चढ़ाव को झेलने की क्षमता रखते हैं।
Disclaimer: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।