अब घर खरीदार बिल्डर के मनमाने और एकतरफा एग्रीमेंट से खुद को बचा सकते हैं। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर कोर्ट में मॉडल एग्रीमेंट दाखिल कर दिया है। कोर्ट के आदेश को पूरे देश में लागू किया जा सकता है। इस पर ज्यादा डिटेल जानकारी देते हुए सीएनबीसी-आवाज़ संवाददाता असीम मनचंदा ने कहा कि अब घर खरीदार को बड़ी राहत मिलेगी। अब घर खरीदारों का बिल्डर के मनमाने और एकतरफा एग्रीमेंट से बचना आसान होगा। एग्रीमेंट से पारदर्शिता आएगी, बिल्डर देरी नहीं कर सकेंगे।
केंद्र सरकार ने SC में मॉडल बायर एग्रीमेंट दाखिल कर दिया है। इस मामले में SC में बहुत सारी जनहित याचिकाएं दायर की गई थीं। केंद्र सरकार ने इस पर सभी राज्यों से कंसल्टेशन भी किया था। नए एग्रीमेंट में घर खरीदारों की सुरक्षा का ध्यान रखा गया है। SC के सहमति के बाद यह एग्रीमेंट पूरे देश में लागू हो सकता है।
आमतौर पर जब घर खरीदार घर खरीदता है तो बिल्डर उससे एक एग्रीमेंट पर साइन करवाता है यह एग्रीमेंट बिल्डर खुद ही तैयार करता है। इस एग्रीमेंट को एकतरफा तैयार किया जाता है। बाद में जब पेमेंट या देरी से जुड़े किसी विवाद पर बिल्डर और खरीदार के बीच कोई विवाद होता है तब खरीदार को पता चलता है कि उसके एग्रीमेंट में तो यह क्लॉज है ही नहीं। लेकिन अब घर खरीदार बिल्डर के मनमाने और एकतरफा एग्रीमेंट से खुद को बचा सकते हैं। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर कोर्ट में मॉडल एग्रीमेंट दाखिल कर दिया है। कोर्ट के आदेश के पूरे देश में लागू किया जा सकता है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही कहा थी कि बिल्डरों को इस बात की इजाजत नहीं होगी कि वो घर खरीदारों को लूटें। कोर्ट ने केंद्र सरकार से मॉडल बिल्डर बायर्स और एजेंट-बायर्स एग्रीमेंट की जरूरत के बारे में कहा। बायर्स के हितों की रक्षा के लिए रेरा और एनसीएलटी जैसी संस्थाएं है, लेकिन बायर्स और बिल्डर के बीच के विवादों की संख्या अब भी तेजी से बढ़ रही है।
सरकार ने बिल्डर्स और बायर्स के बीच विवादों के निपटारे के लिए एक मॉडल बिल्डर-बायर एग्रीमेंट ( Builder-Buyer Agreement ) बनाने के लिए एक कमेटी बनाई थी। इस कमेटी का काम एग्रीमेंट की शर्तों को बायर के लिए बेहतर बनाना था। इस कमेटी की सिफारिशों के आधार पर ये मॉडल एग्रीमेंट बनाया गया है।
इस मॉडल बिल्डर-बायर एग्रीमेंट के लागू होने से घर खरीदारों और बिल्डर के बीच का विवाद कम करने में मदद मिलेगी। वहीं घर खरीदारों की मुश्किलें कम होगी। बिल्डर से जुड़ी शिकायतों का निपटारा तेजी से हो सकेगा