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फल बेचने वाले के बेटे कैसे खड़ा किया मशहूर आइसक्रीम ब्रांड, जिसकी तारीफ विवियन रिचर्ड्स तक ने की?

ना डिग्री, ना पैसा, ना प्रचार... फिर भी रघुनंदन कामत ने खड़ा कर दिया ऐसा आइसक्रीम ब्रांड, जिसकी चर्चा सर विवियन रिचर्ड्स जैसे मशहूर क्रिकेटर तक कर चुके हैं। जानिए नेचुरल्स की बेमिसाल कहानी।

अपडेटेड Apr 14, 2025 पर 4:06 PM
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1986 में जब वेस्ट इंडीज के दिग्गज क्रिकेटर सर विवियन रिचर्ड्स ने कामत की आइसक्रीम की तारीफ की, तो उनकी दुकान चर्चा में आ गई।

कुछ लोग अक्सर कहते हैं कि उनके पास बड़ी डिग्री नहीं है, उन्होंने किसी बड़े कॉलेज से पढ़ाई नहीं की है, तो वे जिंदगी में आगे नहीं बढ़ पा रहे। लेकिन, कर्नाटक के एक छोटे से गांव में आम बेचने वाले के बेटे ने यह कारनामा कर दिखाया। उन्होंने बिना किसी डिग्री के काफी कम पैसे में सफल बिजनेस खड़ा किया, जिसकी आज देश भर में पहचान है।

उस शख्स का नाम था, रघुनंदन कामत। आपने शायद कामत के ब्रांड का नाम भी सुना होगा, नेचुरल्स आइसक्रीम। उसकी वैल्यू आज वैल्यू 300 करोड़ रुपए से ज्यादा है।

कौन थे रघुनंदन कामत?


रघुनंदन कामत का जन्म कर्नाटक के मंगलुरु जिले के एक छोटे से गांव में हुआ था। वहां वे अपने पिता के साथ आम बेचने में मदद करते थे। उन्हें बचपन से पढ़ाई में दिलचस्पी नहीं थी। उन्होंने महज 14 साल की उम्र में स्कूल छोड़ दिया। इसके बाद वे अपने बड़े भाई के एक छोटे से होटल में काम करने लगे।

यहीं उन्होंने पके हुए फलों की पहचान और उन्हें इस्तेमाल करने की कला सीखी। इसी तजुर्बे के आधार पर उन्होंने फ्रूट पल्प से नैचुरल आइसक्रीम बनाने का आइडिया सोचा।

मुंबई में एक नए सफर की शुरुआत

स्कूल छोड़ने के एक साल बाद 1984 में कामत बेहतर अवसरों की तलाश में मुंबई चले आए। उन्होंने एक छोटे से आइसक्रीम पार्लर की शुरुआत की। जुहू स्कीम के विले पार्ले इलाके में स्थित इस दुकान में शुरुआत में केवल 6 कर्मचारी थे, जिनमें खुद कामत भी शामिल थे।

उन्होंने आम, कटहल और तरबूज जैसे असली फलों से बनी 12 फ्लेवर की आइसक्रीम लॉन्च की। यह काफी जल्दी ही लोकल्स और टूरिस्ट्स के बीच मशहूर हो गई।

From Mangoes To Millions: How Raghunandan Kamath Built Naturals Into Rs 300  Crore Ice Cream Brand - News18

मां से प्रेरणा लेकर बनाई मशीनें

नेचुरल्स आइसक्रीम की वेबसाइट के अनुसार, कामत अपनी मां की घरेलू तकनीकों से प्रेरित थे। उन्होंने ऐसे इनोवेटिव मशीनों बनाई, जिनसे आइसक्रीम बनाने का प्रोसेस आसान हो जाता, वह भी क्वालिटी से समझौता किए बगैर।

विवियन रिचर्ड्स ने की तारीफ

कामत ने कभी भी पारंपरिक विज्ञापन या मार्केटिंग का सहारा नहीं लिया। लेकिन 1986 में जब वेस्ट इंडीज के दिग्गज क्रिकेटर सर विवियन रिचर्ड्स ने उनकी आइसक्रीम की तारीफ की, तो उनकी दुकान चर्चा में आ गई और घर-घर में मशहूर हो गई। कई टॉप फिल्म और टीवी कलाकार उनकी आइक्रीम के ग्राहक बन गए।

इस बात का जिक्र खुद कामत ने किया था। उन्होंने बताया था, '1986 में मैं क्रिकेटर सुनील गावस्कर द्वारा प्रस्तुत टीवी कार्यक्रम द सनी डेज देख रहा था। एक इंटरव्यू के दौरान वेस्टइंडीज के पूर्व क्रिकेट कप्तान विवियन रिचर्ड्स ने बताया कि वह नेचुरल आइसक्रीम आउटलेट पर गए थे और उन्हें सपोडिला (चीकू) और कस्टर्ड एप्पल आइसक्रीम बहुत पसंद आई थी। यह हमारे लिए बहुत ही रोमांचकारी, अप्रत्याशित पीठ थपथपाने वाला अनुभव था।'

आज नेचुरल्स कहां है?

1994 तक कामत ने मुंबई में 5 और आउटलेट्स खोल दिए। वे हमेशा कहते थे कि उन्होंने कभी भी प्रचार का सहारा नहीं लिया, बल्कि उनके आइसक्रीम के नैचुरल स्वाद ने ही ग्राहकों को खींचा।

आज नेचुरल्स आइसक्रीम भारत के 15 शहरों में 165 से ज्यादा आउटलेट्स और 125 से ज्यादा फ्लेवर के साथ देश की सबसे बड़ी आइसक्रीम कंपनियों में शामिल है।

साधारण शख्स की असाधारण विरासत

रघुनंदन कामत ने सिर्फ मेहनत, अनुभव और सच्ची लगन के दम पर एक सफल ब्रांड खड़ा किया। मई पिछले साल (2023) में बीमारी के चलते उनका निधन हो गया। उस समय वे 75 साल के थे।

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