बैंक स्टेटमेंट में आपको अकाउंट के बैलेंस की जानकारी होती है। बैंक स्टेटमेंट जिसे अकाउंट स्टेटमेंट के रूप में भी जाना जाता है। बैंक स्टेटमेंट में हर एक महीने की ट्राजेक्शन का रिकॉर्ड का हिसाब होता है। ग्राहकों को बैंक हर महीने बैंक स्टेटमेंट भेजता है। बैंक स्टेटमेंट में अकाउंट की जानकारी, जमा और निकाले गए पैसे की जानकारी होती है। अब बैंक आपके ईमेल पर अकाउंट की स्टेटमेंट भेजता है। ये बैंक स्टेटमेंट मेल पर भी पासवर्ड से सुरक्षित होती है।
अकाउंट होल्डर को बैंक स्टेटमेंट बैंक से मिलती है जिसमें अकाउंट की जानकारी होती है। इससे अकाउंट होल्डर अपने अकाउंट की सभी एक्टिविटी और ट्रांजेक्शन को देख सकते हैं। बैंक एक तय तारीख पर सभी को स्टेटमेंट भेजते हैं लेकिन क्या आपने कभी अपनी मंथली या सालाना स्टेटमेंट को चेक किया है।
अगर नहीं, तो अकाउंट होल्डर को अपनी बैंक स्टेटमेंट पर नजर रखनी चाहिए। इससे वह ये देख सकते हैं कि क्या बैंक ने उन्हें ज्यादा चार्ज तो नहीं किया। वह यह भी बैंक स्टेटमेंट चेक करें कि क्या ऐसी कोई ट्रांजेक्शन है जो उन्होंने स्वयं नहीं की है। फाइनेंशियल मार्केट एक्सपर्ट बैंक ग्राहकों को अपनी स्टेटमेंट मंथली और सालाना देखने की सलाह देते हैं।
अकाउंट यूजर्स को अगर कोई गड़बड़ स्टेटमेंट में दिखती है तो उसकी शिकायत तुरंत करनी चाहिए। बैंक स्टेटमेंट बैंक समरी होती है। इसका मतलब होता है कि बैंक आपके अकाउंट के लिए जिम्मेदार है। बैंक स्टेटमेंट के जरिये आप अपने खर्चों को मैनेज कर सकते हैं। अकाउंट होल्डर इससे अपने खर्चों पर नजर रख सकते हैं। कोई गलत ट्रांजेक्शन देख सकते हैं। हर दिन, हर हफ्ते या हर महीने अकाउंट होल्डर को अपना बैंक अकाउंट चेक करना चाहिए। ऐसा करने से फ्रॉड, एरर या ओवरड्राफ्ट का खर्च कम होगा।
किसी भी प्रकार की गलती होने पर तुरंत बैंक को सूचित करें। खाताधारकों के पास आम तौर पर किसी भी गलती की शिकायत करने के लिए 60 दिन का विंडो होता है। अपने बैंक खाते को देखने के लिए ऑनलाइन पब्लिक वाई-फाई नेटवर्क का इस्तेमाल न करें।