क्रेडिट स्कोर आपकी वित्तीय पहचान की तरह है। बैंक और NBFC यह तय करने के लिए सबसे पहले इसी पर नजर डालते हैं कि आपको लोन या क्रेडिट कार्ड दिया जाए या नहीं। लेकिन कई बार अचानक पैसों की कमी या लापरवाही के कारण लोग कोई किस्त यानी EMI समय पर नहीं चुका पाते। सवाल यह है कि सिर्फ एक बार की चूक पर आपका क्रेडिट स्कोर कितना गिर सकता है।
CIBIL, Experian, Equifax जैसे क्रेडिट ब्यूरो यह देखते हैं कि आपने किस्त कितने दिन तक लेट की। असर भी उसी पर निर्भर करता है।
1 से 7 दिन की देरी: बैंक या एनबीएफसी आमतौर पर इसे रिपोर्ट नहीं करते। इस वजह से स्कोर पर लगभग कोई असर नहीं पड़ता।
30 दिन की देरी: यह आधिकारिक तौर पर रिपोर्ट हो जाता है। ऐसे में स्कोर 50–100 अंक तक गिर सकता है।
60 से 90 दिन की देरी: यह 'सीरियस डिफॉल्ट' माना जाता है। आपका स्कोर बड़ी तेजी से गिर सकता है और लोन अप्रूवल में दिक्कत आने लगती है।
90 दिन से ज्यादा की देरी: बैंक आपके अकाउंट को 'NPA (Non-Performing Asset)' मान सकते हैं। स्कोर बहुत नीचे गिर जाता है और भविष्य में लोन लेना काफी मुश्किल हो सकता है।
पेमेंट हिस्ट्री की अहमियत
क्रेडिट स्कोर की कैलकुलेशन में पेमेंट हिस्ट्री का सबसे बड़ा योगदान होता है। कुल स्कोर में इसका लगभग 35 प्रतिशत हिस्सा है। इसका मतलब है कि आपने समय पर EMI चुकाई या नहीं, इसका सीधा असर आपकी क्रेडिट प्रोफाइल पर पड़ता है।
अगर आपकी हिस्ट्री हमेशा साफ रही है, तो एक बार की चूक से स्कोर में ज्यादा गिरावट नहीं होगी। लेकिन जिन लोगों की हिस्ट्री पहले से खराब है, उनके लिए एक और गलती स्कोर को तेजी से नीचे खींच सकती है।
अगर आपने पहली बार 30 दिन तक किस्त चुकाने में देरी की है, तो स्कोर में 50 से 100 अंक तक की गिरावट आ सकती है। लेकिन अगर लगातार दो या तीन बार किस्त लेट हो गई तो स्कोर 150 से 200 अंक तक गिर सकता है।
बार-बार की गई चूक से स्कोर 750 जैसी अच्छी स्थिति से सीधे 600 या उससे नीचे पहुंच सकता है। इस लेवल पर नए लोन की संभावना लगभग खत्म हो जाती है।
क्रेडिट स्कोर कैसे सुधरेगा
क्रेडिट स्कोर स्थायी रूप से खराब नहीं होता। अगर आप समय पर भुगतान करना शुरू कर दें तो कुछ महीनों में सुधार नजर आने लगता है। आमतौर पर तीन से छह महीने तक लगातार समय पर किश्त भरने से स्कोर वापस ऊपर जाने लगता है।
बैंक से बातचीत कर लोन की री-शेड्यूलिंग या मोराटोरियम का विकल्प भी लिया जा सकता है। इसके साथ ही क्रेडिट कार्ड का बिल पूरा और समय पर भरना भी जरूरी है।