गोल्ड (Gold) को लेकर इंडिया में लोगों की दीवानगी जग जाहिर है। हालांकि, पिछले कुछ सालों में गोल्ड में निवेश के कई विकल्प आ गए हैं। इनमें गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF), सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond), म्यूचुअल फंड के गोल्ड फंड (Gold Mutual Fund) शामिल हैं। इसके बावजूद फिजिकल गोल्ड (Physical Gold) में निवेश की चाहत घटी नहीं है।
भारतीयों का गोल्ड से भावनात्मक रिश्ता
गोल्ड से लोगों का सदियों पुराना नाता रहा है। दिवाली और धनतेरस जैसे मौकों पर गोल्ड खरीदना शुभ माना जाता है। शादी-ब्याह में भी दुल्हन को गोल्ड देने का चलन रहा है। कई लोग निवेश के लिहाज से भी गोल्ड ज्वेलरी खरीदते हैं। सवाल है कि कोई व्यक्ति कितना सोना अपने पास रख सकता है?
गोल्ड कंट्रोल एक्ट, 1968 क्या है?
इंडिया में पहले गोल्ड कंट्रोल एक्ट, 1968 लागू था। इसके तहत लोगों को एक सीमा से ज्यादा सोना रखने की इजाजत नहीं थी। लेकिन, इस एक्ट को जून 1990 में खत्म कर दिया गया। फिर, सरकार ने ऐसा कोई कानून पेश नहीं किया, जो सोना रखने की सीमा तय करता है। इसलिए, अभी कोई व्यक्ति या परिवार अपने पास कितना सोना रख सकता है, इसकी कोई कानूनी सीमा तय नहीं है।
CBDT ने क्या निर्देश दिया है?
लेकिन, इनकम टैक्स के छापों में गोल्ड ज्वेलरी या दूसरे रूप में सोना मिलता रहा है। इसकी वजह है कि देश में घरों में सोना रखने की पुरानी परंपरा रही है। इसलिए सोने की ज्वैलरी या दूसरे रूप को लेकर संदेह करना ठीक नहीं होता है। इसी बात को ध्यान में रख सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने 1994 में एक निर्देश जारी किया था।
CBDT का यह निर्देश इनकम टैक्स अधिकारियों के लिए था। इसमें कहा गया था कि छापों के दौरान एक खास मात्रा तक गोल्ड ज्लैवरी या दूसरे रूप में सोने को जब्त नहीं किया जाए। इसके लिए परिवार के सदस्यों के लिए मात्रा की अलग-अलग लिमिट तय की गई थी।
सीबीडीटी के निर्देश में कितनी है लिमिट?
इसके मुताबिक, अगर किसी विवाहित महिला के पास 500 ग्राम तक की गोल्ड ज्वेलरी मिलती है तो उसे टैक्स अधिकारी जब्त नहीं करेंगे। अगर किसी अविवाहित महिला के पास 250 ग्राम तक गोल्ड ज्वेलरी मिलती है तो उसे जब्त नहीं किया जाएगा। किसी विवाहित या अविवाहित पुरुष सदस्य का 100 ग्राम तक के गोल्ड ज्वेलरी को जब्त नहीं किया जाएगा।
ध्यान देने वाली बात यह है कि मात्रा की यह सीमा परिवार के एक सदस्य के लिए है। इसका मतलब है कि अगर परिवार में दो विवाहित महिला सदस्य हैं तो कुल सीमा 500 ग्राम से बढ़कर एक किलोग्राम हो जाएगी। सीबीडीटी के इस निर्देश का मकसद हर गोल्ड ज्वेलरी की बरामदगी को जब्ती की प्रकिया से बाहर रखना था। हर गोल्ड ज्वेलरी की जब्ती से विवाद की संख्या बढ़ जाती है।
यह समझना जरूरी है कि सीबीडीटी का यह निर्देश गोल्ड ज्वेलरी रखने के लिए किसी तरह का कानूनी अधिकार नहीं देता है। यह कानूनी सीमा भी तय नहीं करता है। इसका मकसद छापों के दौरान टैक्सपेयर्स को सिर्फ गोल्ड ज्वेलरी की जब्ती से राहत देना है। यह भी समझना जरूरी है कि यह निर्देश सिर्फ परिवार के ज्वेलरी या दूसरे गहनों पर लागू होते हैं। अगर परिवार से बाहर के किसी सदस्य के पास गोल्ड ज्वेलरी मिलती है तो उसे टैक्स अधिकारी जब्त कर सकते हैं।