Gratuity: कर्मचारियों को कब मिलती है ग्रेच्युटी? जानिये कैसे सैलरी और सर्विस के साल से तय होता है अमाउंट

Gratuity: कर्मचारियों को लिए ग्रेच्युटी, प्रॉविडेंट फंड की तरह ही जरूरी है। ग्रेच्युटी नियोक्ता अपने कर्मचारियों को उनकी लंबी सर्विस के लिए दिया जाता है। Payment of Gratuity Act, 1972 के तहत यह फायदा कानूनी रूप से अनिवार्य है। ये कर्मचारियों को सर्विस के बाद फाइनेंशियल सेफ्टी देता है

अपडेटेड Mar 17, 2025 पर 3:31 PM
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Gratuity: कर्मचारियों को लिए ग्रेच्युटी, प्रॉविडेंट फंड की तरह ही जरूरी है।

Gratuity: कर्मचारियों को लिए ग्रेच्युटी, प्रॉविडेंट फंड की तरह ही जरूरी है। ग्रेच्युटी नियोक्ता अपने कर्मचारियों को उनकी लंबी सर्विस के लिए दिया जाता है। Payment of Gratuity Act, 1972 के तहत यह फायदा कानूनी रूप से अनिवार्य है। ये कर्मचारियों को सर्विस के बाद फाइनेंशियल सेफ्टी देता है। यदि आप किसी कंपनी में लंबे समय तक काम कर रहे हैं, तो यह तय करें कि आपको ग्रेच्युटी का फायदा सही समय पर मिले। यहां जानें कर्मचारियों को कब मिलती है ग्रेच्युटी।

ग्रेच्युटी क्या है?

ग्रेच्युटी वह अमाउंट है जो किसी कर्मचारी को नौकरी छोड़ने, रिटायरमेंट, या एक तय समय तक काम करने के बाद ही दी जाती है। यह उन कर्मचारियों के लिए लागू होती है जो 10 या उससे अधिक कर्मचारियों वाली कंपनियों में लागू है। नियोक्ता इसे एक स्पॉन्सर अमाउंच के तौर पर देते हैं, लेकिन यह एक कानूनी अधिकार भी है।


ग्रेच्युटी के लिए पात्रता

किसी कर्मचारी को ग्रेच्युटी पाने के लिए ये शर्तें पूरी होनी जरूरी है।

मिनिमम सर्विस का पीरियड - कर्मचारी को लगातार 5 साल तक एक ही कंपनी में काम करना आवश्यक है। हालांकि, मृत्यु या विकलांगता की स्थिति में यह नियम लागू नहीं होता।

नौकरी का टाइप – यह फायदा फैक्ट्री, खदान, दुकान, बागान और अन्य संगठनों में 10 से अधिक कर्मचारियों पर लागू होता है।

कब मिलती है ग्रेच्युटी? – कर्मचारी को रिटायरमेंट, इस्तीफे, नौकरी समाप्त होने, या मृत्यु या विकलांगता की स्थिति में ग्रेच्युटी दी जाती है।

ग्रेच्युटी का कैलकुलेशन कैसे किया जाता है?

ग्रेच्युटी का कैलकुलेशन कर्मचारी की आखिरी सैलरी (बेसिक + DA) और सर्विस के सालों के आधार पर की जाती है।

ग्रेच्युटी फॉर्मूला - Gratuity Act के तहत कर्मचारियों के लिए फॉर्मूला

ग्रेच्युटी = (अंतिम सैलरी × 15 × सर्विस के कुल साल) / 26

अगर किसी कर्मचारी ने 10 साल तक काम किया हो और उसकी अंतिम सैलरी 50,000 रुपये हो, तो ग्रेच्युटी इस तरह होगी।

(50,000 × 15 × 10) / 26 = 2,88,461.54 रुपये

अगर कंपनी Gratuity Act के तहत नहीं आती है?

ऐसी कंपनियां ग्रेच्युटी का अलग फॉर्मूला अपनाती हैं।

ग्रेच्युटी = (अंतिम सैलरी × 15 × सर्विस के कुल साल) / 30

इससे मिलने वाला अमाउंट थोड़ा कम होता है।

ग्रेच्युटी पर टैक्स कटता है?

ग्रेच्युटी पर टैक्स कैलकुलेट नहीं होता मतलब ग्रेच्युटी टैक्स फ्री है।

प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी (Gratuity Act के तहत) – 20 लाख रुपये तक टैक्स-फ्री।

प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी निजी – न्यूनतम इन तीन में से जो भी कम हो, उतना अमाउंट टैक्स-फ्री होती है।

ग्रेच्युटी से जुड़ी जरूरी बातें

ग्रेच्युटी कर्मचारी की सैलरी से नहीं कटती, बल्कि नियोक्ता की तरफ से दी जाती है।

5 साल की सर्विस में मैटरनिटी लीव और अन्य पेड लीव भी शामिल होती हैं।

कर्मचारी अपने परिवार के किसी सदस्य को ग्रेच्युटी का नॉमिनी बना सकते हैं।

मृत्यु या विकलांगता की स्थिति में कर्मचारी को 5 साल पूरे करने की जरूरत नहीं होती।

SIP या PPF, हर महीने 10000 रुपये का निवेश 15 साल तक किसमें करने में ज्यादा फायदा?

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First Published: Mar 17, 2025 2:29 PM

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