Akshaya Tritiya 2025: भारत में सोना सिर्फ एक गहना नहीं, बल्कि परंपरा, भावना और आर्थिक सुरक्षा का प्रतीक है। त्योहारों, शादियों या निवेश के रूप में लोग अक्सर सोना खरीदते हैं। लेकिन असली और शुद्ध सोना खरीदना बहुत जरूरी है, वरना बाद में नुकसान हो सकता है।
BIS हॉलमार्किंग: सबसे भरोसेमंद तरीका
सरकार ने जून 2021 से हॉलमार्किंग को जरूरी कर दिया है। BIS यानी भारतीय मानक ब्यूरो का त्रिकोणीय निशान, कैरेट (जैसे 22K) और ज्वेलरी बनाने वाले की पहचान—ये तीन बातें किसी असली गहने में जरूर होनी चाहिए। अगर ये निशान साफ न हों या अधूरी जानकारी हो, तो गहना न खरीदें।
कैरेट से पहचानें सोने की गुणवत्ता
24 कैरेट सोना सबसे शुद्ध होता है (99.9%), लेकिन यह बहुत नरम होता है, इसलिए गहनों में इसका कम इस्तेमाल होता है।
22 कैरेट सोना 91.6% शुद्ध होता है और गहनों के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है।
इसके अलावा 18 कैरेट या 14 कैरेट सोना भी बाजार में मिलता है, जो थोड़े कम शुद्ध होते हैं।
घरेलू तरीके से सोने की पहचान
अगर आपके पास लैब में जांच करवाने का समय या सुविधा नहीं है, तो इन आसान तरीकों से घर पर ही जांच सकते हैं।
सिरका टेस्ट: सोने पर सिरका डालें। अगर रंग नहीं बदले, तो सोना असली है।
पानी टेस्ट: गहना पानी में डालें। असली सोना डूब जाएगा, नकली तैर सकता है।
सिरेमिक टेस्ट: बिना चमक वाले टाइल या प्लेट पर गहना रगड़ें। अगर सुनहरा निशान आए, तो सोना असली है।
मैगनेट टेस्ट: असली सोना चुंबक से नहीं चिपकता।
बाइट टेस्ट: दांत से हल्का दबाएं। असली सोना थोड़ा नरम होता है, निशान आ सकता है।
भौतिक गुणों से भी पहचानें
असली सोना हल्के पीले रंग का होता है और इसकी चमक खास होती है। यह भारी और घना होता है। धातु से टकराने पर इसमें अलग तरह की आवाज आती है। जब भी सोना खरीदें, सिर्फ डिजाइन या कीमत न देखें। उसकी शुद्धता, हॉलमार्क और कैरेट की जांच जरूर करें। जरूरत पड़े तो ऊपर बताए गए घरेलू टेस्ट करें। इससे आप नकली या मिलावटी सोने से बच सकेंगे और आपका निवेश सुरक्षित रहेगा।