Credit Card: क्रेडिट कार्ड की लिमिट कैसे बढ़वाएं, क्या हैं इसके फायदे और नुकसान; समझिए 5 प्वाइंट में

क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़वाना फाइनेंशियल लचीलापन देता है, लेकिन इसके साथ जिम्मेदारी भी जरूरी है। यह क्रेडिट स्कोर सुधार सकता है, लेकिन गलत इस्तेमाल आपको कर्ज़ में भी डाल सकता है। समझदारी से फैसला लें।

अपडेटेड Jun 22, 2025 पर 4:44 PM
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क्रेडिट लिमिट बढ़वाने के लिए जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए।

Credit Card Limit: अगर आप क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करते हैं, तो एक सवाल आपके मन में जरूर आता होगा- क्या मेरी क्रेडिट लिमिट और बढ़ सकती है? फाइनेंशियल एक्सपर्ट की मानें तो यह कदम आपके लिए फाइनेंशियल तौर पर फायदेमंद हो सकता है, बशर्ते आप इसे सही तरीके से मैनेज करें।

क्रेडिट लिमिट का मतलब होता है वह अधिकतम रकम, जो आप अपने कार्ड से खर्च कर सकते हैं। आमतौर पर लोग लिमिट बढ़वाने की सोचते हैं ताकि बड़ी खरीदारी, इमरजेंसी खर्च या बेहतर ऑफर्स का लाभ उठा सकें। लेकिन यह फैसला सोच-समझकर लेने की जरूरत होती है, क्योंकि इससे फिजूलखर्ची और कर्ज का खतरा भी बढ़ सकता है।

क्रेडिट लिमिट बढ़वाने के क्या फायदे हैं?


एक बढ़ी हुई क्रेडिट लिमिट आपके लिए कई फायदे लेकर आ सकती है:

  • क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो घटता है, जिससे सिबिल स्कोर पर सकारात्मक असर पड़ता है।
  • इमरजेंसी, ट्रैवल या हाई-टिकट पर्चेज में फाइनेंशियल फ्लेक्सिबिलिटी मिलती है।
  • बेहतर क्रेडिट प्रोफाइल से भविष्य में होम लोन या पर्सनल लोन की अप्रूवल संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
  • प्रीमियम रिवॉर्ड्स प्रोग्राम और कैशबैक जैसे बेनिफिट्स मिल सकते हैं।

इन बातों पर गौर करना है जरूरी?

अगर आप क्रेडिट लिमिट बढ़वाने की सोच रहे हैं, तो सबसे पहले आपको अपने कार्ड से जुड़े कुछ अहम डेटा को समझना जरूरी है। इसमें आपकी मौजूदा क्रेडिट लिमिट, औसत मंथली खर्च और क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो शामिल हैं। यह जानकारी आमतौर पर आपके कार्ड स्टेटमेंट, मोबाइल ऐप या बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध होती है। इससे आपको क्रेडिट कार्ड लिमिट बढ़वाने के फायदे और नुकसान समझ में आ जाएंगे।

कैसे करें स्मार्ट रिक्वेस्ट?

क्रेडिट लिमिट बढ़वाने के लिए जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। कार्ड लेने के बाद कम से कम 6 से 12 महीने तक मजबूत पेमेंट हिस्ट्री बनाना जरूरी होता है। इसके बाद ही आप बैंक को रिक्वेस्ट भेज सकते हैं। अगर आपकी इनकम में हाल ही में इजाफा हुआ है, जैसे प्रमोशन या जॉब स्विच तो इसे भी बैंक को सूचित करें। यह आपकी रिक्वेस्ट अप्रूव होने की संभावना बढ़ा सकता है। कई बार बैंक खुद प्री-अप्रूव्ड लिमिट हाइक का ऑफर देते हैं, लेकिन उसे एक्सेप्ट करने से पहले अपनी जरूरत और खर्च की आदतों को जरूर परखें।

किन बातों का रखें खास ध्यान?

जब भी आप लिमिट बढ़वाएं, तो कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें। सबसे पहले तो बार-बार रिक्वेस्ट न भेजें। इससे आपका प्रोफाइल कमजोर दिख सकता है और क्रेडिट स्कोर पर भी असर पड़ सकता है। सात ही, लिमिट बढ़ते ही खर्च बढ़ाना शुरू न करें। यह एक फाइनेंशियल टूल है, न कि खर्च बढ़ाने की छूट। आपको हमेशा याद रखना चाहिए कि क्रेडिट कार्ड का पैसा आपका अपना नहीं है। वो उधार है और उसे अपनी जेब से चुकाना होगा।

लिमिट बढ़ाने का कैसे करें आवेदन?

आप मोबाइल ऐप, ऑनलाइन बैंकिंग या फोन कॉल के ज़रिए अपनी लिमिट बढ़वाने की रिक्वेस्ट भेज सकते हैं। चाहें तो बैंक ब्रांच जाकर अपनी लेटेस्ट इनकम प्रूफ के साथ भी आवेदन कर सकते हैं। ज्यादातर बैंक आपके इनकम प्रोफाइल, क्रेडिट स्कोर और पेमेंट हिस्ट्री के आधार पर निर्णय लेते हैं।

हालांकि, याद रखें एक बड़ी क्रेडिट लिमिट आपको फाइनेंशियल आजादी दे सकती है, लेकिन इसके साथ जिम्मेदारी भी जुड़ी होती है। सही इस्तेमाल किया जाए तो यह आपकी क्रेडिट हेल्थ को मजबूत बना सकती है। लेकिन गलत इस्तेमाल आपको कर्ज़ के जाल में भी फंसा सकता है। इसीलिए, क्रेडिट लिमिट बढ़ाना सोचा-समझा फैसला होना चाहिए, न कि सिर्फ एक तात्कालिक सुविधा।

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