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अपने बंद पड़े बैंक अकाउंट को कैसे करें एक्टिव, जानें सभी नियम

हम सभी के पास बैंक खाते होते हैं, चाहे वह सेविंग अकाउंट हो, करेंट अकाउंट या फिक्स्ड डिपॉजिट हो। आमतौर पर हम अपने सेविंग अकाउंट से पैसे निकालने और जमा करने का काम करते हैं। सैलरी अकाउंट में भी काफी ट्रांजेक्शन होती है

अपडेटेड Feb 16, 2023 पर 5:29 PM
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बैंक अकाउंट अगर 2 साल तक इस्तेमाल नहीं किया जाता, तो वह ऑपरेटिव नहीं रहता।

हम सभी के पास बैंक खाते होते हैं, चाहे वह सेविंग अकाउंट हो, करेंट अकाउंट या फिक्स्ड डिपॉजिट हो। आमतौर पर हम अपने सेविंग अकाउंट से पैसे निकालने और जमा करने का काम करते हैं। सैलरी अकाउंट में भी काफी ट्रांजेक्शन होती है। हालांकि, यदि आप अपने सेविंग अकाउंट से बहुत अधिक समय तक पैसा नहीं निकालते हैं तो आपका बैंक खाता ऑपरेटिव नहीं रहता है। यदि आप अपने बैंक अकाउंट में 2 साल तक कोई ट्रांजेक्शन नहीं करते हैं तो वह निष्क्रिय हो जाता है।

बैंक के कई ग्राहकों की शिकायत होती है कि काफी समय से पैसा निकालने या जमा करने जैसी कोई ट्रांजेक्शन नहीं होने के कारण उनका बैंक खाता निष्क्रिय हो गया है या बैंक ने उसे बंद कर दिया है। बैंक अकाउंट होल्डर को फोन पर एक मैसेज भेजता है कि उनका अकाउंट बंद कर दिया गया है। अब उन्हें अकाउंट चालू कराने के लिए ब्रांच जाना होगा। कुछ अहम जानकारी और पूछताछ के बाद ही आपका खाता फिर ऑपरेटिव किया जाता है। इसके लिए आपका लेटेस्ट नो योर कस्टमर (KYC) होना जरूरी है।

अलग-अलग बैंकों के खातों में ऑपरेटिव नहीं रहने के लिए अलग-अलग टाइम पीरियड होता है, जिसके बाद बैंक खाता बंद कर देता है। खाता खोलने के दौरान आपको दी गई पासबुक में इस बारे में पूरी जानकारी मिल सकती है। आम तौर पर बैंक अकाउंट अगर 2 साल तक इस्तेमाल नहीं किया जाता, तो वह ऑपरेटिव नहीं रहता।


एक बार खाता निष्क्रिय हो जाने के बाद इसे शुरू करने के लिए केवाईसी करवाना जरूरी है। एक बार जब आप केवाईसी हो जाने के बाद पैसा निकाल लेते हैं, तो खाता फिर से चालू हो जाता है। यह नियम ज्यादातर बैंकों पर लागू होता है। एटीएम, इंटरनेट बैंकिंग या मोबाइल बैंकिंग का उपयोग करके आप बैंक की सेवाओं का फिर से उपयोग कर सकते हैं। एक सीधा नियम बताता है कि यदि कोई डेबिट लेनदेन नहीं किया जाता है तो खाता बंद कर दिया जाता है।

भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के अनुसार ज्यादा जोखिम वाले ग्राहकों को हर दो साल में अपना KYC अपडेट करवाना चाहिए। थोड़ा कम जोखिम वाले बैंक ग्राहकों को हर आठ साल में केवाईसी अपडेट कराने की जरूरत होती है और कम जोखिम वाले ग्राहकों के लिए यह हर दस साल में होता है।

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