नौकरी बदली है? पुराने PF अकाउंट का बैलेंस तुरंत कराएं ट्रांसफर, वरना रिटायरमेंट पर होगा भारी नुकसान

PF Transfer Process: नौकरी बदलने पर PF बैलेंस ट्रांसफर कराना जरूरी है ताकि रिटायरमेंट फंड लगातार बढ़ता रहे और कंपाउंडिंग का पूरा फायदा मिले। EPFO की ऑनलाइन सुविधा से यह प्रक्रिया आसान हो गई है। जानिए इसका स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस।

अपडेटेड Jul 10, 2025 पर 4:22 PM
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EPFO के मुताबिक, पीएफ ट्रांसफर कराने से कंपाउंडिंग का फायदा बना रहता है।

PF Transfer Process: अगर आपने हाल ही में नौकरी बदली है, तो पुराने नियोक्ता के कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) खाते से नए नियोक्ता के खाते में बैलेंस ट्रांसफर करना बेहद जरूरी है। इससे आपकी रिटायरमेंट सेविंग बिना किसी रुकावट के लगातार बढ़ती रहती है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने PF बैलेंस ट्रांसफर की ऑनलाइन सुविधा दी है। इससे लाखों कर्मचारियों के लिए यह प्रक्रिया अब आसान हो गई है।

PF ट्रांसफर क्यों जरूरी है?

EPFO के अनुसार, PF ट्रांसफर करने से आपका रिटायरमेंट फंड एक जगह बना रहता है और कंपाउंडिंग का पूरा लाभ मिलता है। साथ ही, इससे आपकी सेवा की कुल अवधि भी जुड़ी रहती है, जो पेंशन पात्रता और पांच साल के बाद टैक्स फ्री निकासी जैसे लाभों के लिए जरूरी है।


ऑनलाइन PF ट्रांसफर की प्रक्रिया

EPFO ने PF ट्रांसफर के लिए एक सरल ऑनलाइन सिस्टम उपलब्ध कराया है। आइए जानते हैं इसका स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस।

  1. UAN एक्टिव करें: सबसे पहले अपना यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) EPFO के सदस्य पोर्टल पर एक्टिव करें। इसमें आपका आधार, बैंक खाता और मोबाइल नंबर लिंक होना चाहिए।
  2. लॉग इन करें: पोर्टल पर UAN और पासवर्ड की मदद से लॉग इन करें।
  3. ट्रांसफर रिक्वेस्ट सबमिट करें: ‘One Member-One EPF Account (Transfer Request)’ विकल्प पर जाकर ट्रांसफर आवेदन करें।
  4. डिटेल जांचें: अपने पुराने और नए नियोक्ता की PF डिटेल्स जांचें। डिजिटल सिग्नेचर की उपलब्ध होने के आधार पर किसी एक नियोक्ता को क्लेम सर्टिफाई करने के लिए चुनें।
  5. OTP से वेरिफिकेशन: अपने UAN से जुड़े मोबाइल नंबर पर OTP प्राप्त करें और उसे दर्ज कर प्रक्रिया पूरी करें।

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किन शर्तों का ध्यान रखें

पीएफ ट्रांसफर के लिए जरूरी है कि पुराने नियोक्ता ने पोर्टल पर आपकी डेट ऑफ एग्जिट दर्ज कर दी हो। अगर ऐसा नहीं हुआ है, तो ‘Manage > Mark Exit’ विकल्प से इसे अपडेट किया जा सकता है। एक ही पुराने पीएफ अकाउंट पर केवल एक बार ट्रांसफर रिक्वेस्ट दी जा सकती है।

क्लेम स्टेटस और ऑफलाइन विकल्प

आवेदन के बाद ‘Track Claim Status’ सेक्शन में जाकर ट्रांसफर की स्थिति देखी जा सकती है। अगर प्रोसेस ऑनलाइन किया गया है, तो फिजिकल फॉर्म-13 जमा करने की जरूरत नहीं होती।

हालांकि, अगर आपके पास दो UAN हैं या आपने किसी Exempted Establishment (अलग पीएफ ट्रस्ट) में काम किया है, तो ऑफलाइन प्रोसेस अपनाना जरूरी होगा। इसके लिए फॉर्म-13 को भरकर, नियोक्ता से साइन करवाकर क्षेत्रीय कार्यालय में जमा करना होगा।

पीएफ ट्रांसफर कराने के फायदे

EPFO के मुताबिक, पीएफ ट्रांसफर कराने से कंपाउंडिंग का फायदा बना रहता है और रिटायरमेंट के लिए कॉर्पस अधिक तेजी से बढ़ता है। संगठन ने यह भी स्पष्ट किया है कि पीएफ ट्रांसफर की तुलना में निकासी करने से लॉन्ग टर्म फाइनेंशियल नुकसान हो सकता है।

अगर आपको ट्रांसफर के नियम, पात्रता और स्टेटस से जुड़ी कोई समस्या है, तो आप EPFO की वेबसाइट www.epfindia.gov.in पर विजिट कर सकते हैं।

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Suneel Kumar

Suneel Kumar

Tags: #EPFO

First Published: Jul 10, 2025 4:20 PM

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