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HUF: इनकम टैक्स के नियमों के तहत एचयूएफ को भी मिलते हैं कई तरह के टैक्स-बेनेफिट्स

इनकम टैक्स के नियमों में एचयूएफ को एक इंडिविजुअल टैक्सपेयर की तरह एक एंटिटी माना गया है। इसका मतलब है कि जिस तरह एक इंडिविजुअल टैक्सपेयर शेयरों में निवेश कर सकता है, प्रॉपर्टी खरीद सकता है, टैक्स डिडक्शंस क्लेम कर सकता है, उसी तरह एचयूएफ भी कर सकता है

अपडेटेड Oct 03, 2025 पर 4:03 PM
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इंडिया में दशकों से संयुक्त परिवार का चलन रहा है, जिससे इनकम टैक्स के नियमों में भी हिंदू अविभाजित परिवार के लिए टैक्स के प्रावधान शामिल हैं।

इनकम टैक्स से जुड़ी खबरों में आपको हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) शब्द कई बार मिला होगा। इसका मतलब क्या है? यह शब्द इनकम टैक्स से जुड़ी खबरों में बार-बार क्यों आता है? दरअसल, इनकम टैक्स के नियमों में एचयूएफ को एक इंडिविजुअल टैक्सपेयर की तरह एक एंटिटी माना गया है। इसका मतलब है कि जिस तरह एक इंडिविजुअल टैक्सपेयर शेयरों में निवेश कर सकता है, प्रॉपर्टी खरीद सकता है, टैक्स डिडक्शंस क्लेम कर सकता है, उसी तरह एचयूएफ भी कर सकता है। चूंकि, इंडिया में दशकों से संयुक्त परिवार का चलन रहा है, जिससे इनकम टैक्स के नियमों में भी हिंदू अविभाजित परिवार के लिए टैक्स के प्रावधान शामिल हैं।

एचयूएफ के लिए बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट

इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स की तरह Hindu Undivided Family (HUF) के लिए भी बेसिक एग्जेम्प्शन की लिमिट तय है। इनकम टैक्स की नई रीजीम में यह 4 लाख रुपये है, जबकि पुरानी रीजीम में 2.5 लाख रुपये है। इसका मतलब है कि अगर एचयूएफ की सालाना इनकम इस लिमिट से ज्यादा नहीं है तो उसे टैक्स नहीं चुकाना होगा।


शेयरों और म्यूचुअल फंड्स में निवेश पर भी टैक्स छूट

एचयूएफ को शेयरों और म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने की इजाजत है। शेयरों और म्यूचुअल फंड्स की इक्विटी स्कीम से अगर एक वित्त वर्ष में 1.25 लाख रुपये तक लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस होता है तो उस पर टैक्स नहीं चुकाना होगा। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस पर टैक्स से यह छूट इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स को भी मिलती है। इसका मतलब है जिस तरह कोई इंडिविजुअल टैक्सपेयर शेयरों और म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर सकता है, उसी तरह एचयूएफ भी कर सकता है।

सेक्शन 80सी और 80डी के तहत डिडक्शंस

एचयूएफ को इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी के तहत टैक्स डिडक्शंस के लाभ भी मिलते हैं। इसका मतलब है कि इंडिविजु्अल टैक्सपेयर की तरह वह इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी के तहत आने वाले कुछ इनवेस्टमेंट ऑप्शंस में निवेश कर टैक्स डिडक्शंस क्लेम कर सकता है। उदाहरण के लिए वह लाइफ इंश्योरेंस स्कीम खरीदकर उसके प्रीमियम पर डिडक्शंस का दावा कर सकता है। म्यूचुअल फंड्स की टैक्स-सेविंग्स स्कीम में इनवेस्ट कर उस पर डिडक्शन क्लेम कर सकता है। इनकम टैक्स के सेक्शन 80डी के तहत उसे हेल्थ पॉलिसी के प्रीमियम पर भी डिडक्शन क्लेम करने का हक है। यह ध्यान में रखने वाली बात है कि ये सभी डिडक्शंस इनकम टैक्स की सिर्फ पुरानी रीजीम में उपलब्ध हैं।

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घर खरीदने और होम लोन पर टैक्स बेनेफिट्स

एचयूएफ के नाम से प्रॉपर्टी भी खरीदी जा सकती है। घर खरीदने के लिए एचयूएफ होम लोन भी ले सकता है। उसे इंडिविजुअल टैक्सपेयर की तरह होम लोन के प्रिंसिपल और इंटरेस्ट पर टैक्स बेनेफिट्स भी मिलते हैं। लेकिन, यह ध्यान में रखना जरूरी है कि ये दोनों बेनेफिट्स इनकम टैक्स की पुरानी रीजीम में उपलब्ध है। इसका मतलब यह है कि अगर एचयूएफ इनकम टैक्स की नई रीजीम का इस्तेमाल करता है तो वह घर खरीदने के लिए होम लोन तो ले सकता है, लेकिन उसके प्रिंसिपल और इंटरेस्ट पेमेंट पर डिडक्शंस क्लेम नहीं कर सकता है।

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