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अगर आपका ज्वैलर आपको ज्वैलरी की जगह डिजिटल गोल्ड ऑफर करें तो आपको क्या करना चाहिए?

अभी तक सिर्फ सरकार से मान्यता प्राप्त गोल्ड रिफाइनर्स ही डिजिटल गोल्ड ऑफर करते थे। अब कुछ ज्वैलर्स ने डिजिटल गोल्ड के अपने वर्जन लॉन्च किए हैं

अपडेटेड Oct 06, 2022 पर 6:08 PM
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इंडिया में फेस्टिवल सीजन में सोना खरीदना शुभ माना जाता है।

इस फेस्टिव सीजन (Festive Season) में अगर आपका ज्वैलर (Jeweler) आपको गोल्ड कॉइन (Gold Coin) की जगह डिजिटल कॉइन (Digital Coin) ऑफर करे तो आपको चौंकना नहीं होना चाहिए। वह डिजिटल कॉइन को खरीदने के लिए आपको एक ऐप लिंक पर क्लिक करने को कह सकता है।

अभी तक सिर्फ सरकार से मान्यता प्राप्त गोल्ड रिफाइनर्स ही डिजिटल गोल्ड ऑफर करते थे। इनमें MMTC-Pamp, Augmont और SafeGold शामिल हैं। इसके लिए ये कंपनियां फाइनेंशियल सर्विसेज प्रोवाइडर्स ज्वैलरी ब्रांड्स की मदद लेती हैं।

अब कुछ ज्वैलर्स ने डिजिटल गोल्ड के अपने वर्जन लॉन्च किए हैं। बेंगलुरु के चेट्टी ग्रुप ऑफ ज्वैलर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर सी कृष्णनैया शेट्टी ने कहा, "डिजिटल गोल्ड करेंसी थर्ड-पार्टी ऐप के जरिए ऑफर की जा रही हैं। लेकिन, हमारा नेटवर्थ अच्छा है, जिससे हम खुद का डिजिटल गोल्ड ऑफर कर रहे हैं। यह पेपर गोल्ड और सिल्वर फॉर्म में हैं। खरीदार को एक फिजिकल सर्टिफिकेट दिया जाता है जो उसे पोस्ट के जरिए भेजा जाता है।"


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एक ऐप बनाने वाली कंपनी डिजिटल गोल्ड ऑफर करने में चेट्टी ग्रुप के साथ ही पूर्वी भारत और महाराष्ट्र के 70 दूसरे ज्वैलर्स की मदद कर रही है। डिजिटल गोल्ड ऑफरिंग में ज्वैलर्स की मदद करने वाली InstaLaxmi.com के फाउंडर संजू खुशलानी ने कहा, "कोल्हापुर, अकोला और कुछ दूसरे शहरों के ज्वैलर्स हैं, जो गोल्ड को इस फॉर्म को ग्राहकों को ऑफर करना चाहते हैं। फाइनेंशियल डिस्ट्रिब्यूटर इस ऑफर कर सकते हैं, जबकि गोल्ड से जुड़े मसले ज्वैलर्स दशकों से संभालते आ रहे हैं।"

ओडिशा के बेहरामपुर में जामी भीमराजू एंड ब्रदर्स के जामी आशीष ने बताया कि वह गोल्ड के छोटे खरीदारों के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म लॉन्च करने के बारे में सोच रहे हैं। दरअसल, छोटे खरीदार नेकलेस खरीदने के बजाय कम अमाउंट के गोल्ड खरीदना चाहते हैं। वे धीरे-धीरे इस खरीदारी से गोल्ड की अच्छी मात्रा इकट्ठा करना चाहते हैं।

आशीष ने कहा, "छोटे खरीदारों के पास जब कभी थोड़ा पैसा इकट्ठा होता है वे 1 ग्राम, 2 ग्राम या 4 ग्राम सोना खरीदते हैं। इस तरह वे गोल्ड खरीदने का अपना टारगेट पूरा करते हैं।"

हालांकि, ज्वैलर्स की तरफ से ऑफर किए जाने वाले डिजिटल गोल्ड के साथ कुछ चिंता भी जुड़ी है। ग्राहक को इस बात की गारंटी चाहिए होती है कि खरीदा गया गोल्ड एक वॉल्ट में स्टोर हो गया है। सरकार ने गोल्ड पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाकर 15 फीसदी कर दी है। सरकार ने गोल्ड के बढ़ते आयात पर अंकुश लगाने के लिए यह कदम उठाया है।

गोल्ड रिफाइनर्स का दावा है कि गोल्ड विदेश स्थित वॉल्ट में स्टोर होता है। इसलिए इस पर ड्यूटी ड्यूटी चार्ज नहीं देना पड़ता है। ग्राहक को गोल्ड की कीमतों में तेजी का फायदा मिलता है। साथ ही उसे ऑनलान खरीदने और बेचने की सुविधा भी उपलब्ध होती है।

हालांकि, डिजिटल गोल्ड को खरीदने के बाद जब बाद में ज्वैलरी में बदला जाता है तो उस पर सभी तरह की कॉस्ट और चार्ज चुकाना पड़ता है। 3 फीसदी की जीएसटी दो बार लगती है। पहली बार तब जह हम डिजिटल गोल्ड बेचा जाता है और दूसरी बार तब जब उसे फिनिश्ड ज्वैलरी में बदला जाता है।

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