क्या आपके साथ भी ऐसा हुआ है कि जब आपने इनकम टैक्स पोर्टल खोला तो वहां आपकी आमदनी बेहिसाब दिखी। अगर आप भी इस वजह से परेशान हैं कि शेयर बाजार में आपने जितने रुपए के स्टॉक्स बेचे थे, ट्रांजैक्शन उससे ज्यादा के दिख रहे हैं तो परेशाम मत होइए। क्योंकि हम आपको इसकी असल वजह बता रहे हैं।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) के 'कंप्लायंस पोर्टल' पर कई टैक्सपेयर्स के बारे में गलत जानकारियां हैं। टैक्सपेयर्स ने इसकी शिकायत सोशल मीडिया पर की हैं। उधर, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट टैक्स कंप्लायंस को बढ़ाने के लिए कंपेन लॉन्च करने जा रहा है। ऐसे में कंप्लायंस पोर्टल पर जिन टैक्सपेयर्स के बारे में गलत जानकारियां हैं, वे चिंतित हैं। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने उनकी शिकायतों पर 11 मार्च को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक ट्वीट किया है। इसमें कहा गया है कि डिपार्टमेंट को सिक्योरिटीज मार्केट की तरफ से उपलब्ध कराई गई जानकारियों के मामले में गड़बड़ी मिली है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के इस पोस्ट से यह साफ हो गया है कि ऐसी गलत जानकारियों के लिए टैक्सपेयर्स जिम्मेदार नहीं है।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने X पर किया पोस्ट
टैक्स कंसल्टेंट्स का कहना है कि कंप्लायंस पोर्टल पर किसी टैक्सपेयर्स को खुद के बारे में गलत जानकारी मिलती है तो उसे घबराने की जरूरत नहीं है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को इस मामले की जानकारी है। 11 मार्च को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पोस्ट में कहा गया है कि एडवान्स टैक्स के लिए ई-कंपेन पर टैक्सपेयर्स के फीडबैक के आधार पर डिपार्टमेंट को कुछ गड़बड़ियां मिली हैं। ये डेटा सिक्योरिटीज मार्केट से जुड़े हैं। पोस्ट में कहा गया है कि रिपोर्टिंग एनटिटीज को अपडेटेड इंफॉर्मेशन के आधार पर रिवाइज्ड स्टेटमेंट सब्मिट करने को कहा गया है।
https://twitter.com/IncomeTaxIndia/status/1767161994304487582
AIS पर टैक्यपेयर्स के डेटा अपडेट होंगे
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने पोस्ट में यह भी कहा है कि AIS पर डेटा अपडेट किए जाएंगे। इसलिए टैक्सपेयर्स को AIS के अपडेटेड डेटा के लिए इंतजार करना चाहिए। अपडेटेड डेटा रिवाइज्ड स्टेटमेंट पर आधारित होंगे। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की इस स्पष्टीकरण पर कई सीए ने धन्यवाद दिया है। सोशल मीडिया X पर सीए चिराग चौहान ने बताया है कि शेयर या प्रॉपर्टी बेचने वाले कई टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से एडवान्स टैक्स चुकाने के गलत नोटिस मिले हैं। उन्होंने पोस्ट में लिखा है कि बेचे गए एसेट्स की वैल्यू में दो जीरो बढ़ा दिए गए हैं।
https://twitter.com/CAChirag/status/1767112958268616726
शेयर की 450 रुपये कीमत 45000 रुपये दिखाई गई
चौहान ने इस बारे में एक उदाहरण भी दिया है। एस मामले में आईटीसी के बेचे गए एक शेयर की 450 रुपये की कीमत को 45000 रुपये दिखाया गया है। 1.2 करोड़ रुपये की बेची गई प्रॉपर्टी को 12 करोड़ रुपये दिखाया गया है। इस वजह से एडवान्स टैक्स की लायबिलिटी बन गई है। उन्होंने ऐसे सभी टैक्सपेयर्स जिन्होंने शेयर या प्रॉप्रटी बेचे हैं, उन्हें को अपने ट्राजेक्शन का दोबारा कैलकुलेट करने की सलाह दी है। दोबारा कैलकुलेट करने पर उन्हें अगर अपना ट्रांजेक्शन सही लगता है तो उन्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।
2.75 लाख के शेयर बेचने पर 27 करोड़ का नोटिस
एक दूसरे यूजर ने X पर अपने पोस्ट में लिखा है, "मुझे 27 करोड़ रुपये का नोटिस मिला है, जबकि मैंने सिर्फ 2.75 लाख रुपये के शेयर बेचे हैं।" इस मामले में यूजर की तरफ से बेचे गए शेयरों की वैल्यू बहुत बढ़ाकर कैलकुलेशन किया गया है। सीए संचित बर्मन ने एक्स पर अपने पोस्ट में लिखा है कि आज मेरे एक क्लाइंट को ऐसा नोटिस मिला है। क्लाइंट ने 50,000 रुपये के शेयर बेचे थे, जबकि कंप्लायंस पोर्टल पर यह 5 करोड़ रुपये दिख रहा है।
टैक्सपेयर्स का क्या करना चाहिए?
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने टैक्सपेयर्स को कहा है कि उन्हें AIS में जानकारी अपडेट होने का इंतजार करना चाहिए। लेकिन, एक्सपर्ट्स का कहना है कि टैक्सपेयर्स को कंप्लायंस पोर्टल की गलत जानकारी के बारे में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को सूचित कर देना चाहिए। इसके लिए पोर्टल के फीडबैक सिस्टम का इस्तेमाल कर सकते हैं। एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि जिन लोगों की गलत जानकारियां पोर्टल पर दिख रही हैं, उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पोस्ट के बाद यह पक्का हो गया है कि इस गलती के लिए वे जिम्मेदार नहीं हैं।
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