पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड EMI में से जानिए किसमें हैं फायदा और नुकसान ? कौन सा विकल्प आपकी जेब पर रहेगा हल्का

Personal Loan Vs Credit Card EMI: पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड EMI दोनों ही आसान लोन विकल्प हैं, लेकिन उनकी लागत और उपयोग में बड़ा फर्क होता है। पर्सनल लोन की ब्याज दर आमतौर पर कम होती है और यह लंबे समय के लिए बेहतर होता है, जबकि क्रेडिट कार्ड EMI छोटे खर्चों के लिए उपयुक्त होती है पर इसकी ब्याज दर ज्यादा हो सकती है।

अपडेटेड Nov 05, 2025 पर 10:37 PM
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जब अचानक पैसों की जरूरत पड़ती है, तो पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड EMI सबसे आम विकल्प होते हैं। लेकिन दोनों में बड़ा फर्क होता है, जो आपकी वित्तीय योजना और जरूरत के हिसाब से सही विकल्प चुनने में मदद करता है।

सबसे पहले बात करते हैं ब्याज दर की। आम तौर पर पर्सनल लोन की ब्याज दर क्रेडिट कार्ड EMI की तुलना में काफी कम होती है। पर्सनल लोन में ब्याज लगभग 10% से 18% वार्षिक होता है, जबकि क्रेडिट कार्ड EMI पर यह 18% से 40% तक भी पहुंच सकता है। इसके कारण पर्सनल लोन के तहत कुल ब्याज भी कम भुगतना पड़ता है, जिससे यह लंबे समय तक लोन लेने पर बेहतर साबित होता है। उदाहरण के लिए, 1 लाख रुपए पर पर्सनल लोन की EMI करीब 4,700 रुपए होती है, जबकि इसी राशि पर क्रेडिट कार्ड EMI में 5,000 रुपए से ऊपर की किश्त लग सकती है।

लोन की अवधि और राशि की बात करें तो पर्सनल लोन 50 हजार से 20 लाख या इससे अधिक राशि के लिए उपलब्ध होता है और इसे 6 महीने से 8 साल तक चुकाया जा सकता है। वहीं, क्रेडिट कार्ड EMI केवल आपकी क्रेडिट लिमिट तक सीमित होती है और इसकी अवधि 3 से 24 महीने के बीच होती है।


लोन लेने की प्रक्रिया और स्कोर पर प्रभाव भी महत्वपूर्ण है। पर्सनल लोन के लिए थोड़े अधिक दस्तावेज और प्रक्रिया होती है, लेकिन यह आपकी क्रेडिट कार्ड लिमिट को प्रभावित नहीं करता। जबकि क्रेडिट कार्ड EMI लेने पर आपकी कार्ड लिमिट फ्रीज हो जाती है, जिससे दूसरे खर्चों के लिए कम क्रेडिट रहता है। इसके अलावा, क्रेडिट कार्ड EMI की किस्तों में देरी होने पर आपके क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।

छोटे खर्चों जैसे मोबाइल या लैपटॉप की खरीद पर क्रेडिट कार्ड EMI सुविधाजनक होती है खासकर जब प्रीमियम लो-कॉस्ट ऑफर्स उपलब्ध हों, परंतु बड़ी रकम या लंबे समय के ऋण के लिए निश्चित रूप से पर्सनल लोन बेहतर विकल्प है।

इसलिए जब भी आपका कोई खर्च हो, तो ब्याज दर, कुल लागत, प्रोसेसिंग फीस और पेमेंट क्षमता को ध्यान में रखें। समझदारी से सही विकल्प चुनना आपकी आर्थिक सेहत के लिए बेहद जरूरी है।

नियमित भुगतान और समझदारी से विकल्प चुनने पर दोनों ही विकल्प आपको वित्तीय राहत दे सकते हैं और खर्चों के बोझ को कम कर सकते हैं।

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