Fixed Deposit के अलावा तलाश रहे हैं निवेश के दूसरे ऑप्शन, ये हैं 4 बेस्ट ऑप्शन, इंटरेस्ट भी मिलेगा ज्यादा

क्या आप भी Fixed Deposit के अलावा निवेश के लिए कोई और ऑप्शन तलाश रहे हैं? जिसमें पैसा भी सुरक्षित रहे और रिटर्न भी एफडी की तुलना में ज्यादा मिले। फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) को अब तक सबसे सुरक्षित निवेश माना जाता है

अपडेटेड Nov 06, 2025 पर 10:31 AM
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क्या आप भी Fixed Deposit के अलावा निवेश के लिए कोई और ऑप्शन तलाश रहे हैं?

क्या आप भी Fixed Deposit के अलावा निवेश के लिए कोई और ऑप्शन तलाश रहे हैं? जिसमें पैसा भी सुरक्षित रहे और रिटर्न भी एफडी की तुलना में ज्यादा मिले। फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) को अब तक सबसे सुरक्षित निवेश माना जाता है। इसमें निवेशक अपनी अमाउंट तय समय के लिए जमा करते हैं और उस पर नियमित ब्याज मिलता है। आम तौर पर एफडी पर 6 से 8 फीसदी तक ब्याज मिलता है, जबकि सीनियर सिटीजन को 0.50 फीसदी का एक्स्ट्रा ब्याज मिलता है। हालांकि, म्यूचुअल फंड्स जैसे निवेश ऑप्शन की तुलना में एफडी का रिटर्न कम होता है। लेकिन पैसे सुरक्षित रहने की गारंटी के कारण ही ये भारत में निवेश के लिए पहला पसंदीदा ऑप्शन है। अगर आप एफडी से अलग निवेश कर ज्यादा रिटर्न कमाना चाहते हैं तो इन 4 ऑप्शन में निवेश कर सकते हैं।

1. सरकारी बॉन्ड (Government Bonds)

सरकारी बॉन्ड यानी G-Sec यानी गवर्मेंट सिक्योरिटी वह ऑप्शन है जो केंद्र या राज्य सरकारें निवेशकों से पैसा जुटाने के लिए जारी करती हैं। ये दो तरह के होते हैं।


शॉर्ट टर्म (Treasury Bills) - जिनका पीरियड 1 साल से कम होता है।

लॉन्ग टर्म (Government Bonds या State Development Loans) जिनका पीरियड 1 साल या उससे अधिक होता है।

इन बॉन्ड्स में डिफॉल्ट का लगभग कोई जोखिम नहीं होता, क्योंकि सरकार खुद इनकी गारंटी देती है। इन्हें रिस्क फ्री गिल्ट एड्ज इंस्टूमेंट (risk-free gilt-edged instruments कहा जाता है। निवेशक इन्हें डिजिटल यानी डीमैट या फिजिकल दोनों जगहों से खरीद सकते हैं।

फायदे

अलग-अलग पीरियड के बॉन्ड्स मिलते हैं। ये बॉन्ड्स 91 दिन से लेकर 40 साल तक के लिए हैं।

जरूरत पड़ने पर इन्हें मार्केट में बेचकर तुरंत पैसे लिए जा सकते हैं।

इन्हें गिरवी रखकर भी लोन लिया जा सकता है।

स्टेट डिवेलपमेंट लोन (SDLs) जैसे बॉन्ड्स पर आकर्षक ब्याज दरें देते हैं।

2. कॉर्पोरेट बॉन्ड्स (Corporate Bonds)

सरकार की तरह प्राइवेट कंपनियां भी अपने प्रोजेक्ट्स के लिए कैपिटल जुटाने के लिए बॉन्ड्स जारी करती हैं। इनमें निवेश करने पर कंपनी तय समय के बाद मूलधन और नियमित ब्याज यानी कूपन चुकाती है। हालांकि इन बॉन्ड्स में जोखिम सरकारी बॉन्ड्स से ज्यादा होता है, लेकिन इसके बदले में ब्याज दर भी अधिक मिलती है।

आजकल Grip, Wint Wealth जैसी ऑनलाइन बॉन्ड प्लेटफॉर्म कंपनियां रिटेल निवेशकों को कॉर्पोरेट बॉन्ड्स में निवेश की सुविधा दे रही हैं।

3. कॉर्पोरेट फिक्स्ड डिपॉजिट (Corporate FD)

यह भी एक प्रकार की फिक्स्ड डिपॉजिट है, लेकिन इसे बैंक नहीं, बल्कि कंपनियां जारी करती हैं। इसमें निवेश करने पर कंपनी आपको एक तय ब्याज दर देती है। इसका फायदा यह है कि यह बैंक एफडी की तुलना में ज्यादा रिटर्न देती है, लेकिन साथ ही जोखिम भी ज्यादा होता है।

इसलिए निवेश करने से पहले कंपनी की क्रेडिट रेटिंग जरूर जांचनी चाहिए। CRISIL, CARE, ICRA जैसी एजेंसियां यह रेटिंग देती हैं। आमतौर पर AAA रेटेड कंपनी को सुरक्षित माना जाता है।

4. एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETFs)

ETFs यानी Exchange-Traded Funds एक ऐसा निवेश साधन है जो शेयर और म्यूचुअल फंड का मिक्स है। इसमें कई कंपनियों के शेयर, बॉन्ड्स या कमोडिटीज को मिलाकर एक फंड बनाया जाता है, जिसे स्टॉक एक्सचेंज पर खरीदा-बेचा जा सकता है।

ETF का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें जोखिम कम होता है क्योंकि निवेश कई कंपनियों में बंटा होता है। साथ ही यह निवेशकों को लिक्विडिटी यानी जरूरत पड़ने पर बेचने की सुविधा देती है।

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