नया वित्त वर्ष शुरू होने में कुछ हफ्ते रह गए हैं। अगर आप नौकरी करते हैं तो आपको अपने एंप्लॉयर को वित्त वर्ष की शुरुआत में बताना होगा कि आप इनकम टैक्स की नई और रीजीम में से किसका इस्तेमाल करना चाहते हैं। इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स को नई और पुरानी रीजीम के बीच स्विच करने की इजाजत है। इसका मतलब यह कि अगर आपने वित्त वर्ष 2024-25 में इनकम टैक्स की पुरानी रीजीम का इस्तेमाल किया है तो आप वित्त वर्ष 2025-26 में नई रीजीम का इस्तेमाल कर सकते हैं। ठीक इसके उलट भी किया जा सकता है। आपको यह ध्यान में रखना होगा कि 23 जुलाई को पेश यूनियन बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने नई रीजीम के लिए कई बड़े ऐलान किए थे।
नई रीजीम में 12 लाख तक की इनकम टैक्स-फ्री
वित्तमंत्री ने यूनियन बजट में कहा था कि नई रीजीम में (New Regime of Income Tax) सालाना 12 लाख रुपये तक की इनकम वाले लोगों को टैक्स नहीं चुकाना पड़ेगा। अगर आप नौकरी करते हैं तो सालाना 12.75 लाख रुपये तक की सालाना इनकम पर टैक्स नहीं देना होगा। इसकी वजह यह है कि नई रीजीम में नौकरी करने वाले लोगों को 75,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिलता है। इसके अलावा वित्तमंत्री ने नई रीजीम में इनकम टैक्स स्लैब में भी बदलाव का ऐलान किया था। इनकम टैक्स की पुरानी रीजीम के टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया था।
इनकम टैक्स की नई रीजीम के स्लैब में भी बदलाव
अब इनकम टैक्स की नई रीजीम में 4 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स नहीं है। 4 लाख रुपये से 8,00,000 लाख रुपये की इनकम पर 5 फीसदी टैक्स है। 8 लाख से 12,00,000 रुपये तक की इनकम पर 10 फीसदी टैक्स है। 12 से 16,00,000 रुपये तक की इनकम पर 15 फीसदी टैक्स है। 16,00,000 से 20,00,000 रुपये तक की इनकम पर 20 फीसदी टैक्स है। 20,00,000 से 24,00,000 रुपये की इनकम पर 25 फीसदी टैक्स है। ओल्ड रीजीम के मुकाबले अब नई रीजीम अट्रैक्टिव हो गई है।
यह भी पढ़ें: SIP या PPF, हर महीने 10000 रुपये का निवेश 15 साल तक किसमें करने में ज्यादा फायदा?
नई रीजीम में सेक्शन 80सी, 80डी और होम लोन पर डिडक्शन नहीं
यह ध्यान रखने वाली बात है कि 12 लाख रुपये तक की इनकम सिर्फ नई रीजीम में टैक्स-फ्री है। इसलिए अगर आप ओल्ड रीजीम का इस्तेमाल कर रहे हैं तो आपको इसका फायदा नहीं मिलेगा। इसके लिए आपको इनकम टैक्स की नई रीजीम में स्विच करना होगा। नई रीजीम में टैक्स रेट कम है, लेकिन ज्यादातर डिडक्शन नहीं मिलता है। जैसे, सेक्शन 80सी, 80डी, होम लोन आदि पर मिलने वाला डिक्शन नहीं मिलता है। अगर आपने होम लोन नहीं लिया है और ज्यादा टैक्स-सेविंग्स नहीं करते हैं तो आप नई रीजीम में स्विच करने का फैसला कर सकते हैं।