Income Tax Return: मैं 16 सितंबर तक रिटर्न फाइल नहीं कर सका, अब नई रीजीम में 7.5 लाख टैक्स लग रहा है, क्या टैक्स बचाने का कोई तरीका है?

Income Tax Return: नई टैक्स रीजीम डिफॉल्ट रीजीम है। जो टैक्सपेयर्स पुरानी टैक्स रीजीम का इस्तेमाल करना चाहते हैं उन्हें इसे रिटर्न फाइल करते वक्त या डेडलाइन से पहले सेलेक्ट करना पड़ता है। शर्त यह है कि उनकी कोई बिजनेस इनकम नहीं होनी चाहिए

अपडेटेड Dec 19, 2025 पर 5:35 PM
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31 मार्च, 2025 को खत्म फाइनेंशियल ईयर के लिए डेडलाइन बढ़ाकर 16 सितंबर की गई थी।

इनकम टैक्स रिटर्न अंतिम तारीख तक फाइल नहीं करने पर सिर्फ लेट फीस नहीं चुकानी पड़ती है। इसके दूसरे भी नुकसान होते हैं। गाजियाबाद के मोहित जैन ने एक सवाल पूछा है। उन्होंने बताया कि वह इस साल 16 सितंबर की डेडलाइन तक इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं कर पाए। अब नई रीजीम में रिटर्न फाइल करने पर 7,50,000 रुपये टैक्स लग रहा है। वह जानना चाहते हैं कि क्या टैक्स बचाने का कोई तरीका है? मनीकंट्रोल ने यह सवाल मशहूर टैक्स एक्सपर्ट और सीए बलवंत जैन से पूछा।

इस साल रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन 16 सितंबर थी

जैन ने कहा कि ज्यादातर टैक्सपेयर्स के लिए अगले फाइनेंशियल ईयर की 31 तारीख Income Tax रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख होती है। 31 मार्च, 2025 को खत्म फाइनेंशियल ईयर के लिए डेडलाइन बढ़ाकर 16 सितंबर की गई थी। इंडिविजुअल्स और हिंदू अविभाजित परिवारों (HUFs) के पास इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 115बीएसी के तहत पुरानी रीजीम और नई रीजीम में से किसी एक का चुनाव करने का विकल्प होता है।


अब इनकम टैक्स की नई रीजीम डिफॉल्ट रीजीम है

उन्होंने कहा कि नई टैक्स रीजीम डिफॉल्ट रीजीम है। जो टैक्सपेयर्स पुरानी टैक्स रीजीम का इस्तेमाल करना चाहते हैं उन्हें इसे रिटर्न फाइल करते वक्त या डेडलाइन से पहले सेलेक्ट करना पड़ता है। शर्त यह है कि उनकी कोई बिजनेस इनकम नहीं होनी चाहिए। ऐसे टैक्सपेयर्स जिनकी बिजनेस इनकम नहीं है, वे हर साल पुरानी और नई रीजीम के बीच स्विच कर सकते हैं। टैक्सपेयर्स जिनकी बिजनेस इनकम है वे पुरानी से नई रीजीम में सिर्फ एक बार स्विच कर सकते हैं। एक बार स्विच करने के बाद वे तब तक वापस पुरानी रीजीम में नहीं जा सकते, जब तक उन्हें बिजनेस या प्रोफेशन से प्रॉफिट या गेंस होता है।

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डेडलाइन से पहले ओल्ड रीजीम सेलेक्ट करना जरूरी है

जैन ने कहा कि चूंकि मोहित जैन ने आईटीआर फाइल करते वक्त या डेडलाइन से पहले पुरानी रीजीम को सेलेक्ट नहीं किया, जिससे उनके पास अब कोई विकल्प नहीं है। उन्हें अब नई रीजीम में रिटर्न फाइल करना होगा और पूरा टैक्स चुकाना होगा।

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