रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) सबसे अच्छा इनवेस्टमेंट ऑप्शन है। एनपीएस में टियर-1 और टियर-2 दो अकाउंट्स होते हैं। टियर-1 अकाउंट से विड्रॉल पर टैक्स के नियम स्पष्ट हैं। लेकिन, टियर-2 अकाउंट से विड्रॉल पर टैक्स के नियम स्पष्ट नहीं हैं। गाजियाबाद के रहने वाले मनोज शर्मा ने टियर-1 अकाउंट के साथ टियर-2 अकाउंट भी ओपन किया था। इसमें उन्होंने 1 अप्रैल, 2022 को 1 लाख रुपये इनवेस्ट किया था। लेकिन, मेडिकल इमर्जेंसी की वजह से उन्होंने 15 जून, 2024 को टियर-2 अकाउंट से पूरे पैसे निकाल लिए। वे जानना चाहते हैं कि क्या कैपिटल गेंस पर उन्हें टैक्स चुकाना होगा। मनीकंट्रोल ने टैक्स एक्सपर्ट बलवंत जैन से इस सवाल का जवाब पूछा।
जैन ने कहा कि NPS के तहत टियर-2 अकाउंट ओपन करने की इजाजत है। एनपीएस के टियर-1 अकाउंट में किए गए कंट्रिब्यूशन पर इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम में टैक्स बेनेफिट मिलता है। सेक्शन 80सीसीडी(2) के तहत नई और पुरानी दोनों ही रीजीम में एंप्लॉयर के कंट्रिब्यूशन पर डिडक्शन की इजाजत है। लेकिन, टियर-2 अकाउंट में केंद्र सरकार के एंप्लॉयीज को छोड़ (तीन साल का लॉक-इन पीरियड) बाकी लोगों को टैक्स बेनिफिट नहीं मिलता है।
इनवेस्टर 60 साल का होने पर टियर-1 अकाउंट से 60 फीसदी पैसा निकाल सकता है। बाकी 40 फीसदी पैसे का इस्तेमाल किसी लाइफ लाइफ इंश्योरेंस कंपनी से एन्युटी खरीदने के लिए करना पड़ता है। चूंकि, टियर-2 अकाउंट से पैसे निकालने पर टैक्स के नियम स्पष्ट नहीं हैं, जिससे इससे विड्रॉल पर कैपिटल गेंस टैक्स के सामान्य नियम लागू होंगे।
इनवेस्टर जब एनपीएस में कंट्रिब्यूट करता है तो उसे कंट्रिब्यूशन की तारीख के दिन जो NAV होती है, उसके आधार पर यूनिट्स जारी कर दी जाती हैं। हालांकि, इसे इक्विटी-ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड नहीं माना जाता है, क्योंकि पेंशन फंड मैनेजर्स को म्यूचुअल फंड का दर्ज हासिल नहीं है। इसलिए लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस के लिए 36 महीने के होल्डिंग पीरियड का सामान्य नियम लागू होता है।
इसी तरह टियर-2 अकाउंट में किए गए कंट्रिब्यूशन पर डेट फंड के नियम लागू नहीं हो सकते। इसलिए टियर-2 अकाउंट से विड्रॉल (चाहे विडॉल कितने दिन के बाद भी हुआ हो) पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस के नियम टैक्स नहीं लगाया जा सकता। एनपीएस के टियर-2 अकाउंट से कैपिटल गेंस को किसी दूसरे कैपिटल गेंस के समान माना जाएगा। अगर पैसा जुलाई, 2024 से पहले निकाला गया है तो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस के लिए 36 महीने होल्डिंग पीरियड का नियम लागू होगा। अगर पैसा 23 जुलाई, 2024 के बाद निकाला गया है तो होल्डिंग कम यानी 24 महीने का होल्डिंग पीरियड लागू होगा।
अगर इंडिविजुअल और हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) की तरफ से 23 जुलाई, 2024 के बाद ऐसी जमीन या इमारत का ट्रांसफर किया जाता है जिसे पहले खरीदा गया था तो उसे छोड़ बाकी एसेट्स के ट्रांसफर पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस के मामले में इंडेक्सेशन बेनेफिट को खत्म कर दिया गया है। चूंकि शर्मा ने एनपीएस टियर-2 में 23 जुलाई से पहले पैसे निकाले हैं तो उन्हें कैपिटल गेंस पर इंडेक्सेशन का बेनेफिट मिलेगा। लेकिन, टियर-2 यूनिट्स के लिए होल्डिंग पीरियड की शर्त 36 महीने है जो शर्मा पूरी नहीं करते हैं। इसलिए विड्रॉल पर हुए कैपिटल गेंस के शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस माना जाएगा और उस पर उननके टैक्स स्लैब के हिसाब टैक्स लगेगा।
डिसक्लेमर: मनीकंट्रोल पर व्यक्त विचार एक्सपर्ट्स के अपने विचार होते हैं। ये वेबसाइट या मैनेजमेंट के विचार नहीं होते। मनीकंट्रोल इनवेस्टर्स को इनवेस्टमेंट का फैसला लेने से पहले सर्टिफायड एक्सपर्ट्स की राय लेने की सलाह देता है।