Get App

ओल्ड या न्यू टैक्स रीजीम? कहां बचेगा ज्यादा टैक्स! 31 जुलाई तक ITR फाइल करते समय ये प्वाइंट आएंगे काम

इनकम टैक्स की नई रीजीम इसलिए भी ज्यादा अट्रैक्टिव हो गई है, क्योंकि अब इसमें 12 लाख रुपये तक की सालाना इनकम पर टैक्स चुकाने की जरूरत नहीं रह गई है। 1 फरवरी, 2025 को बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इसका ऐलान किया था। नया नियम 1 अप्रैल से लागू हो गया है

MoneyControl Newsअपडेटेड Apr 16, 2025 पर 1:43 PM
ओल्ड या न्यू टैक्स रीजीम? कहां बचेगा ज्यादा टैक्स! 31 जुलाई तक ITR फाइल करते समय ये प्वाइंट आएंगे काम
इनकम टैक्स की नई रीजीम में ज्यादातार डिडक्शन का फायदा नहीं मिलता है।

नया वित्त वर्ष 1 अप्रैल से शुरू हो चुका है। इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स की रीजीम स्विच करने की इजाजत है। वे हर वित्त वर्ष में एक बार अपनी टैक्स रीजीम चुन सकते हैं। नौकरी करने वाले लोगों को अप्रैल में अपनी कंपनी के फाइनेंस डिपार्टमेंट को बताना पड़ता है कि वे कौन की रीजीम का इस्तेमाल करना चाहता है। इसके बाद ही कंपनी का फाइनेंस डिपार्टमेंट हर महीने एंप्लॉयी की सैलरी से टीडीएस काटता है। अगर आपने पिछले वित्त वर्ष में इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम का इस्तेमाल किया है तो आप इस वित्त वर्ष में नई रीजीम का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसकी जानकारी आपको अपनी कंपनी के फाइनेंस डिपार्टमेंट को देनी होगी।

नई रीजीम अब डिफॉल्ट रीजीम 

यह समझना जरूरी है कि अब डिफॉल्ट रीजीम इनकम टैक्स की नई रीजीम (Income Tax New Regime) हो गई है। इसका मतलब है कि सैलरीड एंप्लॉयी को फाइनेंस डिपार्टमेंट को बताना होगा कि वह पुरानी रीजीम का इस्तेमाल करना चाहता है। अगर वह नहीं बताता है तो फाइनेंस डिपार्टमेंट यह मान लेगा कि एंप्लॉयी नई रीजीम का इस्तेमाल करना चाहता है। फिर अप्रैल से वह आपकी सैलरी से नई रीजीम के स्लैब के हिसाब से TDS काटना शुरू कर देगा।

रीजीम के हिसाब से TDS

सब समाचार

+ और भी पढ़ें