नया वित्त वर्ष 1 अप्रैल से शुरू हो चुका है। इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स की रीजीम स्विच करने की इजाजत है। वे हर वित्त वर्ष में एक बार अपनी टैक्स रीजीम चुन सकते हैं। नौकरी करने वाले लोगों को अप्रैल में अपनी कंपनी के फाइनेंस डिपार्टमेंट को बताना पड़ता है कि वे कौन की रीजीम का इस्तेमाल करना चाहता है। इसके बाद ही कंपनी का फाइनेंस डिपार्टमेंट हर महीने एंप्लॉयी की सैलरी से टीडीएस काटता है। अगर आपने पिछले वित्त वर्ष में इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम का इस्तेमाल किया है तो आप इस वित्त वर्ष में नई रीजीम का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसकी जानकारी आपको अपनी कंपनी के फाइनेंस डिपार्टमेंट को देनी होगी।