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Income tax: इनकम टैक्स की नई और पुरानी रीजीम में से किसमें है ज्यादा फायदा?

अगर आप 1 अप्रैल से शुरू हो रहे वित्त वर्ष में अपनी इनकम टैक्स रीजीम में बदलाव करना चाहते हैं तो आपको उसी हिसाब से अपना इनवेस्टमेंट प्लान तय करना होगा। अगर आप पुरानी रीजीम का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो आपको टैक्स-सेविंग्स इनवेस्टमेंट ऑप्शंस में निवेश शुरू कर देना होगा

MoneyControl Newsअपडेटेड Mar 18, 2025 पर 4:51 PM
Income tax: इनकम टैक्स की नई और पुरानी रीजीम में से किसमें है ज्यादा फायदा?
अब इनकम टैक्स की नई रीजीम डिफॉल्ट रीजीम हो गई है।

वह समय आ गया है, जब तय करना होगा कि इनकम टैक्स की नई और पुरानी रीजीम में आप किसका इस्तेमाल करेंगे। नया वित्त वर्ष शुरू होने में कुछ हफ्ते बचे हैं। 1 अप्रैल से नया वित्त वर्ष शुरू हो जाएगा। अगर आप फाइनेंशियल ईयर 2025-26 में इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम का इस्तेमाल करने जा रहे हैं तो आपको टैक्स-सेविंग्स इनवेस्टमेंट करना होगा। अगर आप नई रीजीम का इस्तेमाल करने वाले हैं तो आपको टैक्स-सेविंग्स इनवेस्टमेंट करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह बात ध्यान में रखना होगा कि अब इनकम टैक्स की नई रीजीम डिफॉल्ट रीजीम हो गई है। इसका मतलब है कि जब तक कोई इंडिविजुअल टैक्सपेयर पुरानी रीजीम को सेलेक्ट नहीं करता है उसके टैक्स का कैलकुलेशन नई रीजीम के हिसाब से होगा।

क्या आप हर साल रीजीम चेंज कर सकते हैं?

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने सैलरीड टैक्सपेयर्स को ज्यादा सुविधा दी है। अगर आपकी इनकम सिर्फ सैलरी, इंटरेस्ट और किराए से आती है तो आप हर साल टैक्स रीजीम (Income Tax Regime) में बदलाव कर सकते हैं। इसका मतलब है कि अगर आपने इस वित्त वर्ष में पुरानी रीजीम का इस्तेमाल किया है तो आप अगले वित्त वर्ष में नए रीजीम का इस्तेमाल कर सकते हैं। बिजनेस करने वाले लोगों और प्रोफेशनल्स को यह सुविधा हासिल नहीं है। अगर वे नई टैक्स रीजीम को सेलेक्ट करते हैं तो उनके पास अगले वित्त वर्ष में फिर से पुरानी रीजीम में लौटने का विकल्प नहीं होगा।

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