Income Tax Refund: इनकम टैक्स रिफंड मिलने में क्यों हो रही देरी, क्या करें टैक्सपेयर्स? जानिए डिटेल
Income Tax Refund: इनकम टैक्स रिफंड में देरी को लेकर टैक्सपेयर्स परेशान हैं। किसी को ‘Defective Return’ नोटिस मिला है तो किसी का रिटर्न महीनों से ‘Under Processing’ है। जानिए रिफंड अटकने की असली वजहें और वो जरूरी कदम जो टैक्सपेयर्स को अभी उठाने चाहिए।
ITR फाइल करने के बाद वेरिफिकेशन न करने पर रिटर्न अमान्य हो जाता है और रिफंड रुक जाता है।
Income Tax Refund: पिछले कुछ महीनों से बड़ी संख्या में टैक्सपेयर्स अपने इनकम टैक्स रिफंड में हो रही देरी को लेकर परेशान हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लोग लगातार सवाल उठा रहे हैं कि रिटर्न फाइल करने के हफ्तों, यहां तक कि महीनों बाद भी रिफंड अब तक जारी क्यों नहीं हुआ।
कई मामलों में रिटर्न ‘Under Processing’ दिख रहा है, कुछ को ‘Defective Return’ नोटिस मिला है, जबकि कई टैक्सपेयर्स को देरी का कारण ही समझ नहीं आ रहा। ऐसे में सवाल उठता है- आखिर रिफंड में देरी क्यों हो रही है, और टैक्सपेयर्स को समय पर रिफंड पाने के लिए क्या कदम उठाने चाहिए?
सोशल मीडिया पर बढ़ती शिकायतें
पिछले कुछ महीनों में टैक्स रिफंड में देरी आम हो गई है। कई लोगों ने लिखा है कि उन्होंने रिवाइज्ड रिटर्न (Revised Return) फाइल किया है या फिर फॉरेन इन्वेस्टमेंट, कैपिटल गेन या एडवांस टैक्स पेमेंट जैसी जटिल एंट्रीज के कारण रिफंड का इंतजार कर रहे हैं।
कई टैक्सपेयर्स को रिफंड मिल गया है, जबकि कुछ महीनों से इंतजार में हैं। टैक्स एक्सपर्ट का कहना है कि हाई CTC, एक से ज्यादा इनकम सोर्स या निवेश की जटिलता जैसी चीजें रिफंड प्रोसेस को धीमा कर देती हैं।
रिफंड अटकने के 5 प्रमुख कारण
₹1 लाख से अधिक के रिफंड पर विभाग अतिरिक्त जांच करता है, जिससे प्रोसेसिंग में देरी होती है।
जिन रिटर्न्स में फॉरेन इनकम, कैपिटल गेन या कई इनकम सोर्स होते हैं, उन्हें मैन्युअल वेरिफिकेशन से गुजरना पड़ता है।
Section 154 के तहत ‘Defective Return’ का नोटिस मिलने पर रिफंड तब तक रुका रह सकता है जब तक नया ITR फाइल न हो।
कभी-कभी सरकारी नकदी प्रवाह (Liquidity) की कमी के कारण बड़े पैमाने पर रिफंड में देरी होती है।
अगर आपने रिवाइज्ड रिटर्न (Revised ITR) फाइल किया है, तो सिस्टम को नया डेटा प्रोसेस करने में ज्यादा समय लगता है।
किस तरह के रिफंड जल्दी होते हैं प्रोसेस
टैक्स एक्सपर्ट का कहना है कि रिफंड में देरी के पीछे तकनीकी जांच के साथ-साथ कुछ प्रशासनिक कारण भी हैं। खासतौर पर हाई-वैल्यू रिफंड्स पर विभाग को अतिरिक्त वेरिफिकेशन करना पड़ता है। अगर रिटर्न में कोई त्रुटि (Defect) है, तो सिस्टम उसे रोक देता है और टैक्सपेयर को नया ITR फाइल करने की जरूरत होती है।
ITR-1 (सहज) जैसी सरल रिटर्न फॉर्म आम तौर पर जल्दी प्रोसेस हो जाती हैं। वहीं, जटिल फॉर्म जैसे ITR-2 और ITR-3 में देरी हो सकती है। इसलिए यह जरूरी है कि टैक्सपेयर समय-समय पर Income Tax e-Filing Portal पर जाकर अपने रिटर्न का स्टेटस जांचें। इससे पता चलेगा कि कि विभाग की ओर से कोई पेंडिंग नोटिस या सूचना है या नहीं।
रिफंड अटकने के अन्य कारण
रिफंड में देरी सिर्फ विभागीय जांच की वजह से नहीं, बल्कि टैक्सपेयर की ओर से की गई छोटी गलतियों के कारण भी हो सकती है।
अगर आपने ITR फाइल करने के बाद उसे वेरिफाई नहीं किया, तो रिटर्न अमान्य (Invalid) हो जाता है और रिफंड जारी नहीं होता।
अगर रिटर्न में दिखाया गया Tax Credit, Form 26AS या Annual Information Statement (AIS) से मेल नहीं खाता, तो विभाग रिफंड रोक सकता है।
कई बार बैंक, नियोक्ता या वित्तीय संस्थान की ओर से रिपोर्ट की रकम में मामूली अंतर भी रिफंड प्रोसेस को रोक देता है।
ऐसे मामलों में आपको CPC पोर्टल पर जाकर शिकायत (Grievance) दर्ज करनी चाहिए और मिस्टमैच सुलझाना चाहिए।
ITR फाइलिंग की आखिरी तारीखें और नियम
वित्त वर्ष 2024-25 (FY25) के लिए नॉन-ऑडिट केसों में ITR फाइल करने की आखिरी तारीख 16 सितंबर 2025 थी। यह तारीख पहले 31 जुलाई से दो बार बढ़ाई गई। पहली बार 15 सितंबर तक, क्योंकि इस बार ITR फॉर्म में बड़े बदलाव हुए थे। फिर एक दिन और बढ़ाकर 16 सितंबर तक, क्योंकि पोर्टल पर तकनीकी दिक्कतें आईं।
जो लोग अब तक ITR नहीं भर पाए हैं, वे 31 दिसंबर 2025 तक बिलेटेड रिटर्न (Belated Return) फाइल कर सकते हैं। हालांकि, इसके लिए उन्हें लेट फीस देनी होगी।
साल खत्म होने से पहले रिटर्न भरना जरूरी है ताकि आप पेनाल्टी या नोटिस से बच सकें।
क्या करें अगर आपका रिफंड अटक गया हो
अगर आपका रिफंड लंबे समय से नहीं आया है, तो घबराने की जरूरत नहीं है।
सबसे पहले यह जांचें कि आपने रिटर्न को वेरिफाई किया है या नहीं।
फिर अपने Form 26AS और AIS में दिए गए आंकड़े को अपने रिटर्न से मिलाएं।
अगर कोई मिस्टमैच है, तो CPC पोर्टल पर ग्रिवांस दर्ज करें।
रिवाइज्ड रिटर्न फाइल किया है, तो थोड़ा धैर्य रखें। उसका प्रोसेसिंग समय अधिक होता है।
टैक्स रिफंड में देरी कोई असामान्य बात नहीं है। लेकिन सतर्क रहकर और सही जानकारी देकर आप इस परेशानी से जल्दी निकल सकते हैं। अपने दस्तावेजों को अपडेट रखें, पोर्टल पर रिफंड स्टेटस चेक करते रहें, और कोई नोटिस आए तो तुरंत जवाब दें। इससे आपको अपना रिफंड जल्दी मिलने की संभावना रहती है।