नौकरी करने वाले लोग फॉर्म 16 जारी होने का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने टैक्स रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन बढ़ा दी है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (सीबीडीटी) ने 27 मई को इस बारे में बताया। अब इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख 15 सितंबर, 2025 हो गई है। आम तौर पर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन 31 जुलाई होती है। लेकिन, इस बार आईटीआर फॉर्म्स में कई बदलाव किए हैं। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अभी ऑनलाइन रिटर्न फाइलिंग के लिए यूटिलिटीज इश्यू नहीं किए हैं। इसलिए टैक्स रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन बढ़ाई गई है।
फॉर्म 16 में होती हैं कई अहम जानकारियां
सैलरीड टैक्सपेयर्स के इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) फाइल करने के लिए फॉर्म 16 जरूरी है। दरअसल Form 16 में एंप्लॉयी की सैलरी इनकम की पूरी जानकारी होती है। इसमें यह जानकारी होती है कि संबंधित वित्त वर्ष में कंपनी की तरफ से एंप्लॉयीज को सैलरी पैकेज के रूप में कुल कितने अमाउंट का पेमेंट हुआ है। इसमें टैक्स डिडक्टेड एक सोर्स (TDS) की जानकारी भी होती है। कंपनी हर महीने टैक्स काटने के बाद एंप्लॉयी के सैलरी अकाउंट में सैलरी ट्रांसफर करती है। टीडीएस अमाउंट को कंपनी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास डिपॉजिट करती है। कंपनी वित्त वर्ष की शुरुआत में ही एंप्लॉयीज की सैलरी के हिसाब से हर महीने टैक्स काटना शुरू कर देती है।
आईटीआर फाइलिंग के लिए जरूरी है फॉर्म 16
अगर किसी एंप्लॉयी की इनकम का स्रोत सिर्फ सैलरी है तो इनकम टैक्स रिटर्म फाइल करते वक्त उसे ज्यादा टैक्स चुकाने की जरूरत नहीं पड़ती है। इसकी वजह यह है के कंपनी (एंप्लॉयर) पहले ही एंप्लॉयी की सैलरी से टैक्स काट चुकी होती है। पूरे वित्त वर्ष में काटे गए टैक्स की पूरी जानकारी फॉर्म 16 में होती है। इसलिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए यह जरूरी है। अगर टैक्सपेयर इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम का इस्तेमाल करता है और उसने टैक्स सेविंग्स इनवेस्टमेंट की है तो इसकी जानकारी भी फॉर्म 16 में होती है।
अगले महीने की 15 तारीख से पहले मिल जाएगा फॉर्म 16
इनकम टैक्स के नियमों के मुताबिक, एंप्लॉयर्स (कंपनियों) को जनवरी-मार्च के टीडीएस का पेमेंट इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को 31 मार्च तक कर देना अनिवार्य है। कंपनियों को इसके लिए ई-टीडीएस रिटर्न फाइल करना पड़ता है। इसके फाइल होने के 15 दिन के अंदर उनके लिए फॉर्म 16 इश्यू करना जरूरी है। इसका मतलब है कि 15 जून तक एंप्लॉयीज को फॉर्म 16 इश्यू हो जाना चाहिए। इस साल भी कंपनियों के अपने एंप्लॉयीज को 15 जून तक फॉर्म 16 इश्यू कर देने की उम्मीद है। सीबीडीटी ने भले ही इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन बढ़ाकर 15 सितंबर कर दी है, लेकिन कंपनियों को 15 जून तक फॉर्म 16 इश्यू करना होगा।