इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन खत्म होने के करीब है। अगर आप पहली बार इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने जा रहे हैं तो आपको पहले ई-फाइलिंग पोर्टल पर खुद को रजिस्टर करना होगा। पैन का इस्तेमाल आप यूजर आईडी के लिए कर सकते हैं। इसके बाद आपको एक पासवर्ड बनाना होगा। पहली बार रिटर्न फाइल करने वाले लोगों को यह प्रोसेस मुश्किल लग सकता है। लेकिन, सच में यह काफी आसान है। मनीकंट्रोल आपको स्टेप-बाय-स्टेप ऑनलाइन रिटर्न फाइल करने का पूरा प्रोसेस बता रहा है।
1. ई-फाइलिंग वेबसाइट पर जाएं
सबसे पहले आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के ऑफिशियल ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाना होगा। होम पेज पर आपको 'रजिस्टर' लिंक दिखेगा। आप बतौर इंडिविजुअल, एचयूएफ या पार्टनरशिप फर्म के रूप में रजिस्टर कर सकते हैं। ज्यादातर टैक्सपेयर्स इंडिविजुअल कैटेगरी में आते हैं।
आपको अपने पैन के साथ, नाम, डेट ऑफ बर्थ और रेजिडेंट स्टेटस के जरिए रजिस्टर करना होगा। यह प्रक्रिया आपको मुश्किल लग सकती है। लेकिन, यह काफी आसान है।
3. कॉन्टैक्ट डिटेल को वेरिफाय करें
पैन की जानकारी ऑथेंटिकेट होने के बाद पोर्टल आपसे आपकी व्यक्तिगत जानकारियां जैसे ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर मांगेगा। इसके जरिए आपको ओटीपी आएगा। साथ ही कम्युनिक्शन के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इसका इस्तेमाल करेगा।
4. लॉग-इन क्रेडेंशियल्स का कनफिगरेशन
ओटीपी वेरिफिकेशन के बाद आपको एक सुरक्षित पासवर्ड बनाना होगा। आपका पासवर्ड ऐसा होना चाहिए कि कोई व्यक्ति उसे आसानी से याद नहीं कर सके।
प्रोसेस सही तरह से पूरा करने के बाद एक एक्टिवेशन लिंक आपके रजिस्टर्ड ईमेल पर भेजा जाएगा। इसमें एक्टिवेट के लिंक पर क्लिक करना होगा। ऐसा करते ही आपका रिजस्ट्रेशन हो जाएगा। इसके बाद आप ई-फाइलिंग साइट पर लॉग-इन कर सकेंगे। आप फॉर्म 26एएस, एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट डाउनोलड भी कर सकेंगे।
अपने आईडी और पासवर्ड का इस्तेमाल कर आप ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉग-इन कर सकेंगे। आपको रिटर्न फाइल करने के लिए ऑफलाइन और ऑनलाइन में से किसी एक विकल्प को चुनना होगा। इसके बाद आपको अपने रेजिडेंट स्टेटस और एसेसमेंट ईयर का चुनाव करना होगा। उसके बाद आईटीआर फॉर्म को सेलेक्ट करना होगा। उसमें कई जानकारियां पहले से भरी होगी। उन्हें आपको एक बार चेक कर वेरिफाय करना होगा। अगर आपकी इनकम 50 लाख रुपये से ज्यादा नहीं है तो आप आईटीआर-1 फॉर्म का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह सबसे आसान आईटीआर फॉर्म है।
फॉर्म भरने और सब्मिट करने के बाद आपको इसे ई-वेरिफाय करना होगा। आधार ओटीपी की मदद से आप ई-वेरिफाय कर सकते हैं। रिटर्न फाइल करने के एक महीने के अंदर इसे वेरिफाय करना जरूरी है। अगर आपने ई-वेरिफाय नहीं किया तो आपके रिटर्न की प्रोसेसिंग नहीं होगी।