इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने वालों में ऐसे लोगों की काफी संख्या होती है, जो पहली बार रिटर्न फाइल करते हैं। पहली बार ITR फाइल करने वाले लोगों को कुछ बातें ध्यान में रखने की जरूरत है। इससे रिटर्न फाइल करने में गलती होने की संभावना कम हो जाती है। हर साल रिटर्न फाइल करने के लिए सबसे ज्यादा ITR-1 फॉर्म का इस्तेमाल होता है। इसे सहज (Sahaj) भी कहा जाता है। सहज फॉर्म का इस्तेमाल कौन कर सकता है, इसके इस्तेमाल के लिए क्या-क्या शर्तें हैं? इसे भरने में किन बातों का ध्यान रखना है? आइए इन सवालों के जवाब जानने की कोशिश करते हैं।
कौन कर सकता है फॉर्म 1 का इस्तेमाल?
सहज फॉर्म ऐसे रेजिडेंट इंडिविजुअल के लिए है, जिसी इनकम एक वित्त वर्ष में 50 लाख रुपये तक है। जिन लोगों को सैलरी, फैमिली पेंशन, एक मकान से इनकम, 5,000 रुपये की एग्रीकल्चर इनकम और बैंक या पोस्ट ऑफिस में सेविंग्स अकाउंट से इनकम होती है वे इस फॉर्म का इस्तेमाल कर सकते हैं। ज्यादातर टैक्सपेयर्स सहज फॉर्म के लिए तय शर्तें पूरी करते हैं।
कौन नहीं कर सकता फॉर्म 1 का इस्तेमाल?
रेजिडेंट नॉट ऑर्डिनरिली रेजिडेंट (RONR) और NRI आईटीआर यानी सहज 1 फॉर्म का इस्तेमाल नहीं कर सकते। जिन लोगों की इनकम एक वित्त वर्ष में 50 लाख रुपये से ज्यादा है वे इस फॉर्म का इस्तेमाल नहीं कर सकते। अगर एक वित्त वर्ष में एग्रीकल्चर से 5,000 रुपये से ज्यादा इनकम है या लॉटरी, गैंबलिंग, हॉर्स रेस से इनकम हुई तो यह इस फॉर्म का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। साथ ही टैक्सबेल कैपिटल गेंस होने पर भी सहज का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
फॉर्म 16 ITR फाइलिंग की लिए जरूरी है
अगर आप नौकरी करते हैं तो कंपनी (एंप्लॉयर) की तरफ से हर साल आपको फॉर्म 16 जारी किया जाता है। इसमें एक वित्त वर्ष में आपकी ग्रॉस इनकम, टैक्सबेल इनकम, टीडीएस, डिडक्शन और एग्जेम्प्शन की जानकारी होती है। ये जानकारियां इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए जरूरी हैं। ITR फाइल करने के लिए आप इन जानकारियों का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसीलिए कंपनी से फॉर्म 16 मिलने के बाद उसमें शामिल जानकारियां चेक कर लेना जरूरी है।
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फॉर्म 26एएस की भी जांच कर लें
पहली बार रिटर्न फाइल करने वाले लोगों को फॉर्म 26एएस में शामिल जानकारियों की भी जांच कर लेनी चाहिए। इसे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है। इसमें टैक्सपेयर्स की उन सभी इनकम का ब्योरा होता है, जिस पर TDS काटा गया है।
एआईएस में होती है हर ट्रांजेक्शन की जानकारी
एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) भी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए जरूरी है। इसकी वजह यह अगर आप किसी इनकम के बारे में भूल गए हैं तो एआईएस की मदद से आप उसके बारे में जान सकते हैं। इसमें इंटरेस्ट, डिविडेंड, सिक्योरिटीज ट्रांजेक्शन, म्यूचुअल फंड ट्रांजेक्शन, फॉरेन रेमिटेंस सहित सभी स्रोतों से हुई इनकम की जानकारी होती है। इसे भी इकनम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है।